कोटाः देश की 23 इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT) में प्रवेश के लिए जॉइंट एंट्रेंस एग्जाम एडवांस्ड (JEE ADVANCED 2025) की परीक्षा 18 मई को आयोजित होने वाली है. इस प्रवेश परीक्षा को विश्व की कठिन परीक्षाओं में शामिल माना जाता है. इसके लिए पहले ही एक बैरियर जॉइंट एंट्रेंस एग्जाम मेन (JEE MAIN 2025) को क्वालीफाई करना होता है.
जेईई मेन की परीक्षा पूरी हो चुकी है. इस परीक्षा से एडवांस में क्वालीफाई करने वाले संभावित बच्चे अपनी तैयारी में जुटे हुए हैं. जेईई मेन का रिजल्ट अभी कुछ दिन में आएंगे, लेकिन एक्सपर्ट का कहना है कि एडवांस्ड की तैयारी में पढ़ाई के साथ-साथ प्लानिंग भी काफी जरूरी है. साथ ही उनका कहना है कि इसकी खासियत यह है कि जेईई एडवांस्ड में 28 से 35 फीसदी अंक आने पर भी आईआईटी में सीट मिल जाती है. बीते सालों में ऐसा हुआ भी है.
एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा का कहना है कि जेईई एडवांस्ड में प्रवेश परीक्षा के जरिए बीटेक, इंटीग्रेटेड एमटेक और डुएल डिग्री कोर्सेज में एडमिशन मिलता है. जेईई एडवांस्ड 2024 की जॉइंट इंप्लीमेंटेशन कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार जनरल कैटेगरी में 360 अंको में से 125 अंक यानी लगभग 35 फीसदी अंक लाने वाले कैंडिडेट को भी आईआईटी संस्थानों में प्रवेश दिया गया था.

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...तो सफल रहने के चांस ज्यादाः देव शर्मा का कहना है कि कटऑफ अंकों के आंकड़े बताते हैं कि कैंडिडेट को प्रश्न पत्र की जटिलता से डरने की जरूरत नहीं है. संबंधित सब्जेक्ट में अपने पढ़ाई और ज्ञान के अनुसार सीमित संख्या में भी प्रश्नों को ठीक ढंग से हल कर लें तो उन्हें सफलता मिल सकती है. इस परीक्षा में पूछे जाने वाले प्रश्न कठिन जरूर होते हैं, लेकिन उन्हें रणनीति बनाकर आत्मविश्वास से सॉल्व करने पर सफलता के चांस बढ़ जाते हैं.

पिछले 6 सालों में लास्ट किस रैंक पर मिली सीट :
- साल 2024 में पूर्णांक 360 में पहली रैंक लाने वाले कैंडिडेट के 355 अंक यानी 98.61 फीसदी थे. वहींं, 35 फीसदी अंक यानी 125 लाने वाले की रैंक जिसकी रैंक 16968 थी, उसे भी सीट मिली थी.
- साल 2023 में पूर्णांक 360 से पहली रैंक लाने वाले विद्यार्थी के 341 अंक यानी 94 फीसदी थे. वहीं, 30.83 फीसदी अंक यानी 111 लाने वाले की रैंक जिसकी रैंक 14010 थी, उसे भी सीट मिली थी.
- साल 2022 में पूर्णांक 360 से पहली रैंक लाने वाले विद्यार्थी के 314 अंक यानी 87 फीसदी थे. वहीं, 22.50 फीसदी अंक यानी 81 लाने वाले की रैंक जिसकी रैंक 13892 थी, उसे भी सीट मिली थी.
- साल 2021 में पूर्णांक 360 से पहली रैंक लाने वाले विद्यार्थी के 348 अंक यानी 96.66 फीसदी थे. वहीं, 28.61 फीसदी अंक यानी 103 लाने वाले की रैंक जिसकी रैंक 12605 थी, उसे भी सीट मिली थी.
- साल 2020 में पूर्णांक 396 से पहली रैंक लाने वाले विद्यार्थी के 348 अंक यानी 96.66 फीसदी थे. वहीं, 28.53 फीसदी अंक यानी 113 लाने वाले की रैंक जिसकी रैंक 11226 थी, उसे भी सीट मिली थी.
- साल 2019 में पूर्णांक 372 से पहली रैंक लाने वाले विद्यार्थी के 346 अंक यानी 93 फीसदी थे. वहीं, 32.52 फीसदी अंक यानी 121 लाने वाले की रैंक जिसकी रैंक 12931 थी, उसे भी सीट मिली थी.