पटना: वक्फ बिल संशोधन के विरोध में मुस्लिम संगठनों ने पटना के गर्दनीबाग में धरना दिया. बिहार के अधिकांश दलों को आमंत्रण दिया गया था. जदयू को भी आमंत्रण दिया गया था लेकिन जदयू के तरफ से कोई नेता शामिल नहीं हुए. राजद के तरफ से राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव उसमें मौजूद थे. तेजस्वी ने कहा भी किसी भी हाल में इस बिल को पास नहीं होने देंगे.
'विजयवाड़ा में भी धरना': धरना का आयोजन ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के तरफ से किया गया और पहले चरण में बिहार को इसलिए चुना गया क्योंकि नीतीश कुमार पर दबाव बनाया जा सके. 29 मार्च को अब विजयवाड़ा में मुस्लिम संगठनों के तरफ से प्रदर्शन होगा. बिहार में जदयू के नेता साफ कर रहे हैं कि नीतीश कुमार किसी के दबाव में आने वाले नहीं है. जदयू का स्टैंड पहले से तय है कि अच्छा वक्फ बिल पास हो.
'विपक्ष कर रहा राजनीति': नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव कह रहे हैं 'किसी कीमत पर बिल को पास नहीं होने देंगे.' इसपर बिहार सरकार में मंत्री जमा खान ने कहा कि 'यह उनकी राजनीति है. हम लोगों ने लिखकर कई बिंदुओं पर दिया है. हम लोगों को भरोसा है कि कमेटी उस पर विचार करेगी.'
"नीतीश कुमार ऐसे नेता हैं जो सबको लेकर चलते हैं. जदयू का स्टैंड क्या होगा? इस पर जमा खान ने कहा कि स्टैंड वही होगा कि किसी को नुकसान ना पहुंचे. इसीलिए कमेटी बनाई गई है. कई बिंदु पर हमलोगों ने लिख कर दिया है. कमेटी सभी बिंदुओं पर चर्चा की है." -जमा खान, मंत्री, बिहार सरकार
क्या नीतीश कुमार से नाराज हैं मुस्लिम?: मुस्लिम संगठन जिस प्रकार से पहले इफ्तार पार्टी का बायकाट किया और फिर धरना दे रहे हैं. कहीं ना कहीं नीतीश कुमार से नाराज लग रहे हैं. इस पर जमा खान ने कहा कि नाराज नहीं हैं. यह राजनीतिक साजिश हो रही है. क्या चुनावी साल में घेरने की कोशिश हो रही है? इसपर कहा कि विपक्ष राजनीति कर रहे हैं.
'जदयू का स्टैंड क्लियर': नीतीश कुमार के नजदीकी विधान पार्षद खालिद अनवर ने अपनी प्रतिक्रिया दी. वक्फ बिल पर अब जदयू का क्या स्टैंड है? इस पर जवाब देते हुए कहा जदयू का स्टैंड पहले से क्लियर है. हमलोगों ने शुरू से कहा है कि जो भी स्टेक होल्डर हैं, जिस वर्ग के लिए यह बिल लाया गया है, उनकी बातों को सुना जाए. यही हो भी रहा है, लेकिन आज जिस प्रकार से ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के धरने को राजद की तरफ से हाईजैक कर लिया गया, बिहार की जनता समझ रही है ये लोग मुसलमान के लाशों पर सियासत कर रहे हैं.
"ये लोग मुसलमान का कभी भला नहीं किए. उनके एजेंडे पर बात नहीं की है. लालू यादव और तेजस्वी यादव से पूछना चाहिए कि वक्फ की संपत्ति पर सबसे ज्यादा कब्जा किसने किया. लालू प्रसाद यादव की तरफ से पर्चियां निकलती थी और कब्रिस्तान पर कब्जा होता था." -खालिद अनवर, विधान पार्षद
'विपक्ष को वोट की चिंता': खालिद अनवर का कहना है कि तेजस्वी यादव को बिल से कोई लेना-देना नहीं है. उनका मतलब इससे है कि चुनाव आने वाला है. मुसलमान का वोट कैसे लें. खालिद अनवर ने कहा कि हमारे नेता नीतीश कुमार जी कभी वोट की परवाह नहीं करते हैं. वे समाज के लिए काम करते हैं. सभी वर्गों के लिए काम करते हैं. इसलिए सभी स्टेक होल्डर से बातचीत की जा रही है.
जदयू को भी आमंत्रण मिला था? क्या जदयू को भी ऑल इंडिया पर्सनल मुस्लिम लॉ बोर्ड के तरफ से आमंत्रण मिला था? इस पर खालिद अनवर ने कहा इसकी मुझे कोई जानकारी नहीं है. ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड हो या अन्य तंरजिमे हो उनका हम सम्मान करते हैं. हमलोगों ने बिल रोका नहीं है. हम लोग चाहते हैं कि हर वर्ग का सम्मान हो. मुस्लिम संगठनों की लगातार नाराजगी को लेकर नीतीश के नेता खालिद अनवर का कहना है कि मकसद किसी को मनाने का नहीं है. मकसद यह है कि अच्छा बिल पास हो.
क्यों नाराज हैं मुस्लिम संगठन के नेता: ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और अन्य मुस्लिम संगठनों कि जदयू और नीतीश कुमार से नाराजगी इस बात से है कि जब वक्फ संशोधन बिल लोकसभा में लाया गया तब केंद्रीय मंत्री और जदयू के वरिष्ठ नेता ललन सिंह ने इसका समर्थन किया था. उनका बयान भी आया था कि यह बिल मुसलमान के विरोध में नहीं है. बाद में मुस्लिम संगठनों के नेता ने पटना में भी नीतीश कुमार से मिलकर अपनी नाराजगी जताई थी.
मुस्लिम संगठनों की नाराजगी दूर नहीं हुई: नीतीश कुमार ने मुस्लिम संगठनों के नेताओं को मनाने के लिए अल्पसंख्यक विभाग के मंत्री जमा खान और एमएलसी खालिद अनवर को भी लगाया था, लेकिन मुस्लिम संगठनों की नाराजगी दूर नहीं हुई. ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता सैयद कासिम रसूल इलियास ने बयान जारी किया था कि बोर्ड के लोगों ने जनवरी और फरवरी में चंद्रबाबू नायडू और नीतीश कुमार से मुलाकात की थी. उनसे सहयोग मांगा था, लेकिन दोनों दल अभी सरकार के साथ दिख रहे हैं.
नीतीश कुमार पर दबाव बनाने की कोशिश: ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और अन्य मुस्लिम संगठन चंद्रबाबू नायडू के साथ नीतीश कुमार और चिराग पासवान पर लगातार दबाव बनाने की कोशिश इसलिए कर रहे हैं कि केंद्र में सरकार में तीनों की महत्वपूर्ण भूमिका है. उनके माध्यम से वक्फ बिल को रोका जा सकता है. यही कारण था कि नीतीश कुमार, चिराग पासवान और चंद्र बाबू नायडू के इफ्तार पार्टी के बॉयकॉट की घोषणा की गई. अब देखना है कि नीतीश कुमार वक्फ बिल को लेकर आगे चुनावी साल में क्या फैसला लेते हैं.
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