जयपुर: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) मामलों की विशेष कोर्ट में मंगलवार को जल जीवन मिशन में करीब 900 करोड़ रुपए के घोटाले से जुड़े ईडी मामले में न्यायिक हिरासत में चल रहे पूर्व मंत्री महेश जोशी की जमानत अर्जी पर बहस हुई. अदालत ने ईडी की बहस सुनकर जोशी को जवाब देने के लिए सुनवाई 5 जून को रखी है.
ईडी की ओर से अधिवक्ता अजातशत्रु मीणा ने कहा कि मामले से जुड़े सह आरोपियों के बयान में आया कि पूर्व मंत्री जोशी तक रिश्वत राशि पहुंचाई जाती थी. आरोपियों की फर्म से जोशी के बेटे की फर्म को भी लाखों रुपए का भुगतान किया था. अभियोजन पक्ष के पास जोशी के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य मौजूद हैं. ऐसे में यदि उन्हें जमानत दी तो गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं.
इससे पहले सुनवाई पर महेश जोशी की ओर से अधिवक्ता विवेकराज बाजवा ने कहा था कि उन्हें केस में झूठा फंसाया गया. एसीबी की एफआईआर और मामले में पेश चालान में उनका नाम नहीं है. ईडी ने मार्च, 2024 में उन्हें समन दिया था. इसका जवाब ईडी को भेजा गया था. इसके बाद ईडी ने करीब एक साल कोई कार्रवाई नहीं की. पिछले दिनों उसे अचानक बुलाकर गिरफ्तार कर लिया. इसके अलावा ईडी ने अपनी रिपोर्ट में जिन 50 लाख रुपए का हवाला दिया. जुलाई 2023 में उसके बेटे की कंपनी ने लोन के रूप में लिया था, उसे लौटाया जा चुका है. मामले में अन्य आरोपियों को पहले ही जमानत मिल चुकी है. उससे कोई रिकवरी नहीं हुई है, इसलिए उन्हें जमानत दी जाए. गौरतलब है कि जल जीवन मिशन घोटाले में मामला दर्ज होने के बाद ईडी ने महेश जोशी को गिरफ्तार किया था. इस दौरान जोशी की पत्नी के निधन होने के चलते कोर्ट ने उन्हें दो बार अंतरिम जमानत दी थी.