जैसलमेर : अब तक आपने सरकारी तंत्र में अफसरों के गजेटेड या नॉन गजेटेड (राजपत्रित या अराजपत्रित) के बारे में सुना होगा, लेकिन जैसलमेर में एक गजेटेड हनुमानजी भी हैं. जैसलमेर जिला मुख्यालय पर स्थित मंदिर में विराजित बजरंग बली 'गजेटेड हनुमान' के नाम से जाने और पूजे जाते हैं. राजस्थान के ठेठ पश्चिम में मरुस्थलीय जैसलमेर जिले में गजेटेड हनुमानजी का मंदिर भक्तों की आस्था का बड़ा केंद्र है. यह मंदिर जैसलमेर शहर में मुख्य डाकघर के सामने पुराने बिजली घर स्थित जोधपुर विद्युत वितरण निगम कार्यालय परिसर में है. यहां आने वालों में सबसे ज्यादा वे सरकारी कर्मचारी होते हैं, जो हनुमानजी के आशीर्वाद से राजपत्रित अधिकारी बनना चाहते हैं.
पुजारी अशोक शर्मा बताते हैं कि गजेटेड हनुमानजी की 5 फीट की भव्य मूर्ति सदियों पुरानी बताई जाती है. जिस स्थान पर मंदिर बना है वहां पहले घना जंगल था. मंदिर के द्वार के समीप गोवर्धन शिलालेख स्तंभ है, जिससे इस क्षेत्र की प्राचीनता का पता चलता है. मान्यता है कि आंधियों में अपनी जगह बदलते टीलों के बीच हनुमानजी की मूर्ति अपने आप ही प्रकट हुई थी. तब लोगों ने इस मूर्ति की पूजा अर्चना कर इसी जगह पर हनुमानजी के मंदिर की स्थापना कर दी. वर्तमान में ये मंदिर बिजली विभाग के परिसर में है, इसलिए इन हनुमानजी को भक्तगण 'करंट बालाजी' नाम से भी पुकारते हैं. मंदिर के गर्भगृह में हनुमानजी के सम्मुख पिछले कई दशक से अखंड दीपक जल रहा है.
हनुमानजी को गजेटेड क्यों कहा जाता है : लोगों की मान्यता है कि गजेटेड होने की वजह से राजकाज से जुड़े कामों में हनुमानजी विशेष मदद करते हैं. यहां आने वाले हनुमान भक्तों में सरकारी सेवाओं में जुड़े अधिकारियों और कर्मचारियों की संख्या ज्यादा रहती है. इनमें कई सारे ऐसे होते हैं, जो अपने ट्रांसफर, प्रमोशन के लिए हनुमानजी से प्रार्थना करते हैं. कई लोगों की आस्था है कि भगवान ने ही उनकी मुराद पूरी की. इससे सरकारी क्षेत्र के लोगों का विश्वास गजेटेड हनुमानजी पर और बढ़ता गया.

ऐसा है मंदिर : पूरा मंदिर परिसर हनुमानजी की लीलाओं के चित्रों और रामायण की चौपाइयों से अटा पड़ा है. मंदिर के बाहर पवित्र शमी का प्राचीन वृक्ष होने के साथ ही अब पीपल और तुलसी आदि भी पल्लवित हो रहे हैं. जैसलमेर शहर के निरंतर विस्तार से अब यह मंदिर शहर के बीचों-बीच प्रतीत होता है. भक्तों की संख्या में बढ़ोतरी और कालांतर में विकास व विस्तार के चलते अब गजेटेड हनुमान मंदिर दर्शनीय श्रद्धास्थल के रूप में बदल गया है. मंगलवार और शनिवार को यहां भक्तों का जमघट लगा रहता है. इन दोनों ही दिनों में हनुमानजी का विशेष श्रृंगार होता है. मंगलवार और शनिवार को वाद्यों की संगत पर सुंदरकांड और हनुमान चालीसा के सामूहिक पारायण के साथ ही वर्ष में अनेक अवसरों पर अखंड रामायण और अन्य वृहत हनुमान उपासनापरक अनुष्ठानों का आयोजन होता है. हर वर्ष हनुमान जयंती के अवसर पर तीन दिवसीय समारोह होता है.

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पान है प्रिय : जैसलमेर के इन गजेटेड हनुमानजी को पान बहुत प्रिय है. मंदिर में दर्शन के लिए आने वाला प्रत्येक भक्त प्रतिदिन हनुमानजी के लिए पान का बीड़ा प्रसाद के रूप में चढ़ाता है और अपनी मनोकामना हनुमानजी के सम्मुख रखता है. इस पान के बीड़े में आधा पान हनुमानजी को चढ़ाने के बाद आधा पान स्वयं प्रसाद के रूप में गृहण करते हैं.

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