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विमल नेगी मौत मामले में CBI जांच के आदेश, हिमाचल में सियासत हुई तेज, जयराम ने सरकार पर उठाए सवाल - VIMAL NEGI DEATH CASE

विमल नेगी मौत मामले में हाईकोर्ट ने सीबीआई जांच के आदेश दिए. पूर्व सीएम जयराम ठाकुर और कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य ने इसका स्वागत किया है.

विमल नेगी मौत मामले में CBI जांच के आदेश
विमल नेगी मौत मामले में CBI जांच के आदेश (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : May 23, 2025 at 7:39 PM IST

6 Min Read

शिमला: हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने हिमाचल प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड के चीफ इंजीनियर विमल नेगी मौत मामले में CBI को जांच सौंपी है. प्रदेश हाईकोर्ट के इस फैसले का नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने स्वागत किया है. वहीं, सुक्खू सरकार में कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने भी देश हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत किया है.

नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा, "इस घटना को आत्महत्या के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए. ये हत्या भी हो सकती है. क्योंकि बड़े-बड़े अधिकारी और बड़े-बड़े नेता भ्रष्टाचार के बहुत बड़े नेक्सस के साथ काम कर रहे थे. चाहे वो पेखुबेला या शोंगटोंग का प्रोजेक्ट हो. इन दोनों प्रोजेक्टों में बहुत सारे प्रश्न खड़े हुए हैं. विमल नेगी की हत्या की वजह भी भ्रष्टाचार रही है. जिसके खिलाफ वे ईमानदारी से खड़े हुए थे. उस दवाब के चलते हालात ऐसे कर दिए कि विमल नेगी आज हमारे बीच नहीं हैं. विमल नेगी तो दुनिया से चले गए, लेकिन हाईकोर्ट की ओर से सीबीआई को जांच सौंपने से परिवार के लोगों ने न्याय की उम्मीद बंधी है. निश्चित तौर पर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होगी, वहीं आज हाईकोर्ट ने हमारी मांग पर भी मोहर लगाई है. हाई कोर्ट के इस फैसले का हम स्वागत करते हैं".

विमल नेगी मौत मामले में CBI जांच के आदेश (ETV Bharat)

"यह मामला सामान्य नहीं है"

नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि हम पहले दिन से ही कह रहे थे कि यह मामला सामान्य नहीं है. विमल नेगी जब गुम हुए थे. उसी समय हमने विधानसभा में कहा था कि उनको तलाश करने में सरकार सक्रिय भूमिका निभाए, लेकिन सरकार हमको गंभीर नहीं दिखी. 10 दिनों बाद विमल नेगी की डेड बॉडी बिलासपुर में रिकवर होती है, लेकिन अन्य सामान के साथ रिकवरी के समय में पेन ड्राइव दिखाई नहीं गई. बाद में किसी प्राइवेट व्यक्ति ने रिकवरी के समय वीडियो बनाया था, जिसमें पेन ड्राइव भी दिखी थी.

इस कारण पुलिस वालों को लगा कि पेन ड्राइव को दिखाना होगा, लेकिन जब पेन ड्राइव जांच के लिए भेजी गई तो मालूम हुआ कि उसको फॉर्मेट किया गया है. यानी सबूत सारे नष्ट किए गए हैं, जिससे हमारी शंका सही साबित हुई. परिवार के ऊपर सरकार ने सीबीआई से जांच न करने को लेकर भी दबाव बनाया था. लेकिन परिवार सदस्यों ने 15 दिन इंतजार करने के बाद देखा कि सरकार की जांच में कोई प्रगति नहीं हुई, जिस कारण विमल नेगी की पत्नी व परिवार के सदस्य हाईकोर्ट में सीबीआई से जांच की मांग को लेकर गए.

'विधानसभा के अंदर भी उठाया था मामला'

नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि मैंने विधानसभा के अंदर भी मामला उठाया तो कहा गया कि विमल नेगी की हत्या मामले में राजनीति की जा रही है. परिवार CBI से जांच नहीं चाहता है, लेकिन हमने सही मांग की थी. आखिरकार कोर्ट में विमल नेगी का मामला चला. कोर्ट में DGP की रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि एसपी शिमला अनावश्यक रूप से इस मामले में दखल दे रहे हैं. बहुत कम उदाहरण देखने को मिलेंगे की एक एसपी राज्यों के डीजीपी के खिलाफ कोर्ट में बोलने के लिए खड़ा होता है.

उन्होंने कहा कि पुलिस एक डिसिप्लिन फोर्स है. डीजीपी ने रिपोर्ट में जिक्र किया है कि निष्पक्ष जांच को लेकर प्रदेश के लोग प्रश्न चिन्ह खड़ा करेंगे. वहीं, नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि विमल नेगी मामले में अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह ने जो रिपोर्ट तैयार की थी, उसे भी बदलने को कहा गया, लेकिन अतिरिक्त मुख्य सचिव ने रिपोर्ट बदलने से इनकार कर दिया. ऐसे में अब कोर्ट ने मामले पर संज्ञान लिया है और फैसला आया है, उसका हम स्वागत करते हैं.

'विमल नेगी के परिवार के साथ नजदीकी संबंध'

लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि कि मैं कह सकता हूं कि मामला अब न्यायालय में है. हाईकोर्ट का जो फैसला है, उसका हम सम्मान करते हैं. विमल नेगी हमारे गृह क्षेत्र से आते हैं. उनके परिवार के मेरे पिता वीरभद्र सिंह के साथ बहुत नजदीकी संबंध रहे हैं. मैं केवल राजनेता के रूप में नहीं, एक परिवार के सदस्यों के रूप में यह कह सकता हूं कि विमल नेगी को न्याय मिले.

विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि विमल नेगी के केस में क्या कमियां रही और कैसे उनकी मृत्यु हुई, इसको लेकर पारदर्शिता के साथ जांच होनी चाहिए. राज्य की पुलिस भी इस मामले में काम कर रही थी. अब हाईकोर्ट ने जांच सीबीआई को सौंप दी है, हम कोर्ट के इस निर्णय का सम्मान करते हैं. आने वाले समय में जो भी सरकार की ओर से सहयोग देना होगा, वह सीबीआई को दिया जाएगा, ताकि जांच सही दिशा में आगे बढ़ सके.

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में SP और DGP के बीच हुए विवाद पर पूछे गए सवाल के जवाब में विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि यह मेरा विभाग नहीं है. इस पर कमेंट करना उचित नहीं होगा. मुख्यमंत्री के पास होम डिपार्टमेंट है। वे शिमला वापस आकर इस मामले पर संज्ञान लेंगे. इस मामले का लाइव ब्रॉडकास्ट भी हाईकोर्ट की प्रोसिडिंग में हुआ है. जब भी मुख्यमंत्री शिमला आएंगे तो इस पर संज्ञान लेंगे.

विक्रमादित्य सिंह ने कहा, "हमारी संवेदनाएं विमल नेगी के परिवार के साथ हैं. हम कोर्ट के निर्णय का स्वागत करते हैं. इस मामले को लेकर कोई भी राजनीति करने की जरूरत नहीं है. स्टेट पुलिस भी काबिल है. इसमें आईपीएस सहित कई बड़े अधिकारी हैं. यही लोग डेपुटेशन पर सीबीआई में जाते हैं. ऐसा नहीं है कि स्टेट पुलिस कॉम्पिटेंट नहीं है. हम दोनों का सम्मान करते हैं".

ये भी पढ़ें: CBI करेगी विमल नेगी मौत मामले की जांच, हाईकोर्ट का आदेश, जानें इस मामले में कब क्या हुआ

शिमला: हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने हिमाचल प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड के चीफ इंजीनियर विमल नेगी मौत मामले में CBI को जांच सौंपी है. प्रदेश हाईकोर्ट के इस फैसले का नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने स्वागत किया है. वहीं, सुक्खू सरकार में कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने भी देश हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत किया है.

नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा, "इस घटना को आत्महत्या के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए. ये हत्या भी हो सकती है. क्योंकि बड़े-बड़े अधिकारी और बड़े-बड़े नेता भ्रष्टाचार के बहुत बड़े नेक्सस के साथ काम कर रहे थे. चाहे वो पेखुबेला या शोंगटोंग का प्रोजेक्ट हो. इन दोनों प्रोजेक्टों में बहुत सारे प्रश्न खड़े हुए हैं. विमल नेगी की हत्या की वजह भी भ्रष्टाचार रही है. जिसके खिलाफ वे ईमानदारी से खड़े हुए थे. उस दवाब के चलते हालात ऐसे कर दिए कि विमल नेगी आज हमारे बीच नहीं हैं. विमल नेगी तो दुनिया से चले गए, लेकिन हाईकोर्ट की ओर से सीबीआई को जांच सौंपने से परिवार के लोगों ने न्याय की उम्मीद बंधी है. निश्चित तौर पर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होगी, वहीं आज हाईकोर्ट ने हमारी मांग पर भी मोहर लगाई है. हाई कोर्ट के इस फैसले का हम स्वागत करते हैं".

विमल नेगी मौत मामले में CBI जांच के आदेश (ETV Bharat)

"यह मामला सामान्य नहीं है"

नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि हम पहले दिन से ही कह रहे थे कि यह मामला सामान्य नहीं है. विमल नेगी जब गुम हुए थे. उसी समय हमने विधानसभा में कहा था कि उनको तलाश करने में सरकार सक्रिय भूमिका निभाए, लेकिन सरकार हमको गंभीर नहीं दिखी. 10 दिनों बाद विमल नेगी की डेड बॉडी बिलासपुर में रिकवर होती है, लेकिन अन्य सामान के साथ रिकवरी के समय में पेन ड्राइव दिखाई नहीं गई. बाद में किसी प्राइवेट व्यक्ति ने रिकवरी के समय वीडियो बनाया था, जिसमें पेन ड्राइव भी दिखी थी.

इस कारण पुलिस वालों को लगा कि पेन ड्राइव को दिखाना होगा, लेकिन जब पेन ड्राइव जांच के लिए भेजी गई तो मालूम हुआ कि उसको फॉर्मेट किया गया है. यानी सबूत सारे नष्ट किए गए हैं, जिससे हमारी शंका सही साबित हुई. परिवार के ऊपर सरकार ने सीबीआई से जांच न करने को लेकर भी दबाव बनाया था. लेकिन परिवार सदस्यों ने 15 दिन इंतजार करने के बाद देखा कि सरकार की जांच में कोई प्रगति नहीं हुई, जिस कारण विमल नेगी की पत्नी व परिवार के सदस्य हाईकोर्ट में सीबीआई से जांच की मांग को लेकर गए.

'विधानसभा के अंदर भी उठाया था मामला'

नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि मैंने विधानसभा के अंदर भी मामला उठाया तो कहा गया कि विमल नेगी की हत्या मामले में राजनीति की जा रही है. परिवार CBI से जांच नहीं चाहता है, लेकिन हमने सही मांग की थी. आखिरकार कोर्ट में विमल नेगी का मामला चला. कोर्ट में DGP की रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि एसपी शिमला अनावश्यक रूप से इस मामले में दखल दे रहे हैं. बहुत कम उदाहरण देखने को मिलेंगे की एक एसपी राज्यों के डीजीपी के खिलाफ कोर्ट में बोलने के लिए खड़ा होता है.

उन्होंने कहा कि पुलिस एक डिसिप्लिन फोर्स है. डीजीपी ने रिपोर्ट में जिक्र किया है कि निष्पक्ष जांच को लेकर प्रदेश के लोग प्रश्न चिन्ह खड़ा करेंगे. वहीं, नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि विमल नेगी मामले में अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह ने जो रिपोर्ट तैयार की थी, उसे भी बदलने को कहा गया, लेकिन अतिरिक्त मुख्य सचिव ने रिपोर्ट बदलने से इनकार कर दिया. ऐसे में अब कोर्ट ने मामले पर संज्ञान लिया है और फैसला आया है, उसका हम स्वागत करते हैं.

'विमल नेगी के परिवार के साथ नजदीकी संबंध'

लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि कि मैं कह सकता हूं कि मामला अब न्यायालय में है. हाईकोर्ट का जो फैसला है, उसका हम सम्मान करते हैं. विमल नेगी हमारे गृह क्षेत्र से आते हैं. उनके परिवार के मेरे पिता वीरभद्र सिंह के साथ बहुत नजदीकी संबंध रहे हैं. मैं केवल राजनेता के रूप में नहीं, एक परिवार के सदस्यों के रूप में यह कह सकता हूं कि विमल नेगी को न्याय मिले.

विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि विमल नेगी के केस में क्या कमियां रही और कैसे उनकी मृत्यु हुई, इसको लेकर पारदर्शिता के साथ जांच होनी चाहिए. राज्य की पुलिस भी इस मामले में काम कर रही थी. अब हाईकोर्ट ने जांच सीबीआई को सौंप दी है, हम कोर्ट के इस निर्णय का सम्मान करते हैं. आने वाले समय में जो भी सरकार की ओर से सहयोग देना होगा, वह सीबीआई को दिया जाएगा, ताकि जांच सही दिशा में आगे बढ़ सके.

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में SP और DGP के बीच हुए विवाद पर पूछे गए सवाल के जवाब में विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि यह मेरा विभाग नहीं है. इस पर कमेंट करना उचित नहीं होगा. मुख्यमंत्री के पास होम डिपार्टमेंट है। वे शिमला वापस आकर इस मामले पर संज्ञान लेंगे. इस मामले का लाइव ब्रॉडकास्ट भी हाईकोर्ट की प्रोसिडिंग में हुआ है. जब भी मुख्यमंत्री शिमला आएंगे तो इस पर संज्ञान लेंगे.

विक्रमादित्य सिंह ने कहा, "हमारी संवेदनाएं विमल नेगी के परिवार के साथ हैं. हम कोर्ट के निर्णय का स्वागत करते हैं. इस मामले को लेकर कोई भी राजनीति करने की जरूरत नहीं है. स्टेट पुलिस भी काबिल है. इसमें आईपीएस सहित कई बड़े अधिकारी हैं. यही लोग डेपुटेशन पर सीबीआई में जाते हैं. ऐसा नहीं है कि स्टेट पुलिस कॉम्पिटेंट नहीं है. हम दोनों का सम्मान करते हैं".

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