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बीमार पड़ने पर सरकारी अस्पताल में इलाज क्यों नहीं कराते माननीय? खराब स्वास्थ्य व्यवस्था पर जयराम महतो ने पूछे तीखे सवाल - POOR HEALTH SYSTEM IN JHARKHAND

झारखंड विधानसभा बजट सत्र में चर्चा के दौरान डुमरी विधायक जयराम महतो ने सरकार से स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर कई तीखे सवाल पूछे.

POOR HEALTH SYSTEM IN JHARKHAND
जयराम महतो (ईटीवी भारत)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : March 20, 2025 at 9:51 PM IST

4 Min Read

रांची: झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के दौरान विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए राज्य के लिए स्वास्थ्य विभाग के अनुदान बजट पर चर्चा हुई. इस दौरान चर्चा में पक्ष विपक्ष के कई विधायकों ने भाग लिया. लेकिन सुर्खियां बटोरी डुमरी विधायक जयराम महतो ने.


सरकारी स्वास्थ्य सेवाएं दुरुस्त तो माननीयों का इलाज बड़े निजी अस्पतालों में क्यों- जयराम

जयराम महतो ने पूछा कि जब राज्य में सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था इतनी ही अच्छी है. सरकार ने जब आम जनता के स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छी व्यवस्था की है तो फिर राज्य के वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर इलाज के लिए राज्य के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल रिम्स की जगह रांची के एक बड़े प्राइवेट अस्पताल में क्यों भर्ती हैं.

जयराम महतो और बीजेपी नेताओं का बयान, स्वास्थ्य मंत्री का जवाब (ईटीवी भारत)
जयराम महतो इतने पर नहीं रुके उन्होंने चर्चा के दौरान राज्य के सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोलते हुए कहा कि झामुमो की राज्यसभा सांसद महुआ माजी सड़क दुर्घटना के बाद निजी अस्पताल में इलाज क्यों करा रही हैं, उनका भरोसा सरकारी अस्पताल पर क्यों नहीं है? कुछ दिन पहले दिशोम गुरु को चार्टर्ड से दिल्ली ले जाकर इलाज कराया गया, खुद राज्य के स्वास्थ्य मंत्री डॉ इरफान अंसारी अपने परिजन के इलाज के लिए गुजरात क्यों जाते हैं. उन्होंने अपना जिक्र करते हुए कहा कि चुनाव से पहले जब वह बीमार पड़े तो उनके अभियंता दोस्तों ने उन्हें इलाज के लिए बंगाल के मिशन अस्पताल ले गए.



आपको छींक भी आती है तो हैदराबाद पहुंच जाते हैं- जयराम

विधायक जयराम महतो ने कहा कि स्वास्थ्य बजट की प्रासंगिकता तभी मानी जायेगी जब माननीय इलाज के लिए रिम्स और शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती होंगे. उन्होंने कहा कि आपको छींक भी आती है तो इलाज के लिए हैदराबाद पहुंच जाते हैं, सिर में खुजली भी होती है तो वेल्लोर पहुंच जाते हैं. राज्य की जनता का स्वास्थ्य की रक्षा किसके भरोसे है?

मुद्दों की जगह इधर उधर की बात करती है सरकार- भाजपा

स्वास्थ्य बजट पर चर्चा के दौरान मंत्री और सत्ताधारी दलों पर विपक्ष के उठाये मुद्दों के प्रति गंभीर नहीं होने का आरोप लगाते हुए भाजपा के सभी विधायक वाकआउट कर गए. बाहर मीडियाकर्मियों से बात करते हुए भाजपा की विधायक पूर्णिमा दास, नीरा यादव और रागिनी सिंह ने कहा कि राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था स्ट्रेचर पर है. राज्य के सरकारी अस्पतालों में डॉक्टर, नर्स, पारा मेडिकल स्टाफ से लेकर दवाओं की घोर कमी है. नीरा यादव ने कहा कि स्वास्थ्य जैसे मुद्दे पर जब हम 108 एम्बुलेंस का सवाल उठा रहे हैं तो मुद्दे की जगह विभागीय मंत्री इधर उधर की बात कर रहे थे. इसलिए हम सब सदन से वाक आउट कर गए.

एक साल में सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था ऐसी होगी कि नहीं जाना पड़ेगा प्राइवेट अस्पताल- इरफान अंसारी

वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट को राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने का बजट बताते हुए मंत्री डॉ इरफान अंसारी ने कहा कि कई नए मेडिकल कॉलेज, मेडिको सिटी बनाने की योजना के साथ-साथ नए नर्सिंग कॉलेज खोलने की योजना है. राज्य में स्वास्थ्य विभाग में 10 हजार बहाली होगी. उन्होंने कहा कि सरकार राज्य के सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था को इतनी दुरुस्त कराएगी कि भगवान न करें कभी विधायक जयराम महतो बीमार पड़ें तो उन्हें निजी अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती नहीं होना होगा.

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बजट सत्र: मंईयां योजना के अयोग्य लाभुकों की सूची जारी करेगी सरकार, सदन में हुई गरमा गरम बहस

'संथाल में कहीं भी पत्थर फेंकेंगे तो बांग्लादेशी को ही लगेगा', भाजपा विधायक का बड़ा बयान

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सरकारी स्वास्थ्य सेवाएं दुरुस्त तो माननीयों का इलाज बड़े निजी अस्पतालों में क्यों- जयराम

जयराम महतो ने पूछा कि जब राज्य में सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था इतनी ही अच्छी है. सरकार ने जब आम जनता के स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छी व्यवस्था की है तो फिर राज्य के वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर इलाज के लिए राज्य के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल रिम्स की जगह रांची के एक बड़े प्राइवेट अस्पताल में क्यों भर्ती हैं.

जयराम महतो और बीजेपी नेताओं का बयान, स्वास्थ्य मंत्री का जवाब (ईटीवी भारत)
जयराम महतो इतने पर नहीं रुके उन्होंने चर्चा के दौरान राज्य के सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोलते हुए कहा कि झामुमो की राज्यसभा सांसद महुआ माजी सड़क दुर्घटना के बाद निजी अस्पताल में इलाज क्यों करा रही हैं, उनका भरोसा सरकारी अस्पताल पर क्यों नहीं है? कुछ दिन पहले दिशोम गुरु को चार्टर्ड से दिल्ली ले जाकर इलाज कराया गया, खुद राज्य के स्वास्थ्य मंत्री डॉ इरफान अंसारी अपने परिजन के इलाज के लिए गुजरात क्यों जाते हैं. उन्होंने अपना जिक्र करते हुए कहा कि चुनाव से पहले जब वह बीमार पड़े तो उनके अभियंता दोस्तों ने उन्हें इलाज के लिए बंगाल के मिशन अस्पताल ले गए.



आपको छींक भी आती है तो हैदराबाद पहुंच जाते हैं- जयराम

विधायक जयराम महतो ने कहा कि स्वास्थ्य बजट की प्रासंगिकता तभी मानी जायेगी जब माननीय इलाज के लिए रिम्स और शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती होंगे. उन्होंने कहा कि आपको छींक भी आती है तो इलाज के लिए हैदराबाद पहुंच जाते हैं, सिर में खुजली भी होती है तो वेल्लोर पहुंच जाते हैं. राज्य की जनता का स्वास्थ्य की रक्षा किसके भरोसे है?

मुद्दों की जगह इधर उधर की बात करती है सरकार- भाजपा

स्वास्थ्य बजट पर चर्चा के दौरान मंत्री और सत्ताधारी दलों पर विपक्ष के उठाये मुद्दों के प्रति गंभीर नहीं होने का आरोप लगाते हुए भाजपा के सभी विधायक वाकआउट कर गए. बाहर मीडियाकर्मियों से बात करते हुए भाजपा की विधायक पूर्णिमा दास, नीरा यादव और रागिनी सिंह ने कहा कि राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था स्ट्रेचर पर है. राज्य के सरकारी अस्पतालों में डॉक्टर, नर्स, पारा मेडिकल स्टाफ से लेकर दवाओं की घोर कमी है. नीरा यादव ने कहा कि स्वास्थ्य जैसे मुद्दे पर जब हम 108 एम्बुलेंस का सवाल उठा रहे हैं तो मुद्दे की जगह विभागीय मंत्री इधर उधर की बात कर रहे थे. इसलिए हम सब सदन से वाक आउट कर गए.

एक साल में सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था ऐसी होगी कि नहीं जाना पड़ेगा प्राइवेट अस्पताल- इरफान अंसारी

वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट को राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने का बजट बताते हुए मंत्री डॉ इरफान अंसारी ने कहा कि कई नए मेडिकल कॉलेज, मेडिको सिटी बनाने की योजना के साथ-साथ नए नर्सिंग कॉलेज खोलने की योजना है. राज्य में स्वास्थ्य विभाग में 10 हजार बहाली होगी. उन्होंने कहा कि सरकार राज्य के सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था को इतनी दुरुस्त कराएगी कि भगवान न करें कभी विधायक जयराम महतो बीमार पड़ें तो उन्हें निजी अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती नहीं होना होगा.

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