जयपुर: राजधानी में अपराध से जुड़े एक अनोखे मामले का खुलासा हुआ है, जहां 17 साल से फरार चल रहे एक शातिर नकबजन चेतन सिंघीवाल ने गिरफ्तारी से बचने के लिए न सिर्फ अपना नाम और हुलिया बदला, बल्कि लिंग परिवर्तन कर किन्नर बनने की तैयारी कर ली थी, लेकिन उसकी ये योजना जयपुर की मालवीय नगर थाना पुलिस के सामने नाकाम हो गई और उसे आखिरकार गिरफ्तार कर लिया गया.
डीसीपी ईस्ट तेजस्वनी गौतम के मुताबिक फरार आरोपियों की धरपकड़ के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा था. इसी के तहत एडिशनल डीसीपी आशाराम चौधरी और एसीपी आदित्य पूनिया के सुपरविजन में थाना अधिकारी संग्राम सिंह ने विशेष टीम का गठन किया. इसी टीम ने अथक प्रयासों के बाद चेतन सिंघीवाल को धर दबोचा.
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पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, चेतन सिंघीवाल के खिलाफ वर्ष 2008 में मालवीय नगर थाने में आईपीसी की धारा 457 (रात्रि में घर में घुसपैठ) और 380 (चोरी) के तहत एक प्रकरण दर्ज हुआ था. 13 फरवरी 2008 को उसे गिरफ्तार कर केंद्रीय कारागृह भेजा गया था, लेकिन जेल से जमानत पर रिहा होने के बाद वह अदालत में पेश नहीं हुआ. उसके खिलाफ स्थायी गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया था और तभी से वह फरार चल रहा था.
पूछताछ में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए: तेजस्वनी गौतम ने बताया कि पुलिस को पता चला कि चेतन ने अपनी पहचान छुपाने के लिए ना सिर्फ नाम बदलकर 'चेतना' रख लिया था, बल्कि वह किन्नर समाज में शामिल होने के लिए आवश्यक दस्तावेजी प्रक्रिया भी पूरी कर चुका था. केवल लिंग परिवर्तन की चिकित्सकीय प्रक्रिया बाकी थी. आरोपी कई वर्षों तक अलग-अलग राज्यों और शहरों में अपने हुलिये और पहचान को बदलते हुए छिपता रहा. वह कभी धार्मिक आयोजनों में, तो कभी छोटे-मोटे मेलों में किन्नरों के रूप में नाच-गाने का काम भी करता रहा.
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पुलिस के अनुसार, चेतन बेहद चालाक और सतर्क था. वह मोबाइल या डिजिटल माध्यमों का इस्तेमाल नहीं करता था, ताकि उसकी ट्रैकिंग न हो सके. उसके पुराने संपर्कों और ठिकानों की गहन निगरानी के बाद पुलिस को उसके मौजूदा ठिकाने का सुराग मिला. इसके बाद योजनाबद्ध तरीके से दबिश दी गई और उसे गिरफ्तार किया गया. अब आरोपी को न्यायालय में पेश किया गया है, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. पुलिस उसकी फरारी के दौरान की गतिविधियों की भी जांच कर रही है, जिससे यह पता लगाया जा सके कि उसने इस दौरान कहीं और भी अपराध तो नहीं किए.
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