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निजी अस्पताल पर RGHS में इलाज से इनकार का विधायक न्यांगली का आरोप, अस्पताल प्रशासन बोला- पोर्टल में गड़बड़ी, आरोपों को किया खारिज - LACK OF MONEY IN GOVERNMENT SCHEMES

निजी अस्पताल में विधायक मनोज न्यांगली की मां के इलाज से इनकार के आरोप वाले पत्र के बाद अस्पताल प्रशासन ने आरोपों को बेबुनियाद बताया.

Manoj Nyangli, MLA Sadulpur
मनोज न्यांगली, विधायक सादुलपुर (ETV Bharat Churu)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : April 9, 2025 at 11:40 AM IST

3 Min Read

चूरू/जयपुर: 8 अप्रैल को जयपुर के एक निजी अस्पताल में सादुलपुर से बसपा विधायक मनोज न्यांगली की मां के इलाज से जुड़े विवाद में शिकायत मुख्यमंत्री तक पहुंच चुकी है. खुद विधायक ने सीएम भजनलाल शर्मा को पत्र लिखकर इसकी जानकारी दी और अस्पताल पर आरोप लगाए हैं. उन्होंने इस पत्र में कैंसर से पीड़ित अपनी मां के इलाज में अस्पताल की तरफ से आनाकानी की बात को उठाया था. इस सिलसिले में विधायक ने उसी दिन मुख्यमंत्री को एक पत्र भी लिखा था.

विधायक के आरोप पर अस्पताल प्रशासन का रुख : सादुलपुर विधायक मनोज न्यांगली की तरफ से भगवान महावीर कैंसर अस्पताल में मां के इलाज से इनकार के आरोप वाले पत्र पर अस्पताल का प्रशासन अब आगे आया है. भगवान महावीर कैंसर अस्पताल के निदेशक (प्रशासन) डॉक्टर दीपक अग्रवाल ने एमएलए न्यांगली के आरोपों को खारिज किया है. अपने वीडियो बयान में उन्होंने कहा है कि 8 अप्रैल को विधायक मनोज न्यांगली की माता प्रेम कंवर अस्पताल आई थीं. वे कीमोथेरेपी के लिए आई थीं.

अस्पताल के निदेशक दीपक अग्रवाल ने क्या कह, सुनिए... (ETV Bharat Jaipur)

अस्पताल प्रशासन के मुताबिक मंगलवार को आरजीएचएस का पोर्टल रुक-रुक कर चल रहा था. इस दौरान अस्पताल ने मरीज को कहा कि आप प्रतीक्षा कीजिए या फिर अगले दिन आकर इलाज लिजिए. जिसके बाद वे अस्पताल से चले गए. इसके बाद जब इस बारे में विधायक की तरफ से अस्पताल के इलाज से इनकार की बात सामने आई, तो अस्पताल प्रशासन ने इसकी पड़ताल की तो सच्चाई सामने आई. फिलहाल, अस्पताल प्रशासन ने इलाज से इनकार के आरोपों को खारिज किया है.

यह है पूरा मामला : दरअसल, सादुलपुर से विधायक मनोज न्यांगली को जब उनकी मां को इलाज कराए बिना ही घर लौटना पड़ा तो उन्होंने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को पत्र लिख अपनी पीड़ा बताई. विधायक ने खत में लिखा कि जयपुर के प्रमुख अस्पतालों में 500-1000 किलोमीटर दूर से आने वाले मरीजों को इलाज से वंचित होना पड़ रहा है. अस्पताल और मेडिकल स्टोर सरकारी भुगतान नहीं होने के कारण मरीज को इलाज के लिए मना कर रहे हैं. विधायक ने पत्र में खुद की मां के साथ हुआ वाकया शेयर किया.

MLA wrote letter to CM
एमएलए का सीएम को लिखा पत्र (ETV Bharat Churu)

पढ़ें: चित्तौड़गढ़ : अस्पताल में डिलीवरी के बाद प्रसूता की मौत पर हंगामा, डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप

विधायक मनोज न्यांगली ने सीएम से अपनी माता के इलाज का उदाहरण देते हुए कहा कि उनकी मां प्रेम कंवर का 8-10 माह से जयपुर के भगवान महावीर कैंसर अस्पताल में इलाज चल रहा था. 8 अप्रैल 2025 को जब अपनी मां को इलाज के लिए अस्पताल ले गए तो वहां 200 से 400 मरीजों की तरह उन्हें भी उपचार के बिना ही वापस लौटा दिया गया. अस्पताल प्रशासन का तर्क था कि पिछले बकाया का भुगतान ही नहीं किया गया है. इसलिए अब आगे इलाज नहीं कर सकते.

विधायक न्यांगली ने कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है. दूरदराज से आने वाले मरीजों को उपचार ना मिलना गंभीर विषय है. विधायक ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को पत्र लिख, इसमें तत्काल सुधार कर जनता को योजना का लाभ दिलाने की मांग की. हालांकि, अस्पताल प्रशासन ने इन आरोपों को खारिज किया है.

चूरू/जयपुर: 8 अप्रैल को जयपुर के एक निजी अस्पताल में सादुलपुर से बसपा विधायक मनोज न्यांगली की मां के इलाज से जुड़े विवाद में शिकायत मुख्यमंत्री तक पहुंच चुकी है. खुद विधायक ने सीएम भजनलाल शर्मा को पत्र लिखकर इसकी जानकारी दी और अस्पताल पर आरोप लगाए हैं. उन्होंने इस पत्र में कैंसर से पीड़ित अपनी मां के इलाज में अस्पताल की तरफ से आनाकानी की बात को उठाया था. इस सिलसिले में विधायक ने उसी दिन मुख्यमंत्री को एक पत्र भी लिखा था.

विधायक के आरोप पर अस्पताल प्रशासन का रुख : सादुलपुर विधायक मनोज न्यांगली की तरफ से भगवान महावीर कैंसर अस्पताल में मां के इलाज से इनकार के आरोप वाले पत्र पर अस्पताल का प्रशासन अब आगे आया है. भगवान महावीर कैंसर अस्पताल के निदेशक (प्रशासन) डॉक्टर दीपक अग्रवाल ने एमएलए न्यांगली के आरोपों को खारिज किया है. अपने वीडियो बयान में उन्होंने कहा है कि 8 अप्रैल को विधायक मनोज न्यांगली की माता प्रेम कंवर अस्पताल आई थीं. वे कीमोथेरेपी के लिए आई थीं.

अस्पताल के निदेशक दीपक अग्रवाल ने क्या कह, सुनिए... (ETV Bharat Jaipur)

अस्पताल प्रशासन के मुताबिक मंगलवार को आरजीएचएस का पोर्टल रुक-रुक कर चल रहा था. इस दौरान अस्पताल ने मरीज को कहा कि आप प्रतीक्षा कीजिए या फिर अगले दिन आकर इलाज लिजिए. जिसके बाद वे अस्पताल से चले गए. इसके बाद जब इस बारे में विधायक की तरफ से अस्पताल के इलाज से इनकार की बात सामने आई, तो अस्पताल प्रशासन ने इसकी पड़ताल की तो सच्चाई सामने आई. फिलहाल, अस्पताल प्रशासन ने इलाज से इनकार के आरोपों को खारिज किया है.

यह है पूरा मामला : दरअसल, सादुलपुर से विधायक मनोज न्यांगली को जब उनकी मां को इलाज कराए बिना ही घर लौटना पड़ा तो उन्होंने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को पत्र लिख अपनी पीड़ा बताई. विधायक ने खत में लिखा कि जयपुर के प्रमुख अस्पतालों में 500-1000 किलोमीटर दूर से आने वाले मरीजों को इलाज से वंचित होना पड़ रहा है. अस्पताल और मेडिकल स्टोर सरकारी भुगतान नहीं होने के कारण मरीज को इलाज के लिए मना कर रहे हैं. विधायक ने पत्र में खुद की मां के साथ हुआ वाकया शेयर किया.

MLA wrote letter to CM
एमएलए का सीएम को लिखा पत्र (ETV Bharat Churu)

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विधायक मनोज न्यांगली ने सीएम से अपनी माता के इलाज का उदाहरण देते हुए कहा कि उनकी मां प्रेम कंवर का 8-10 माह से जयपुर के भगवान महावीर कैंसर अस्पताल में इलाज चल रहा था. 8 अप्रैल 2025 को जब अपनी मां को इलाज के लिए अस्पताल ले गए तो वहां 200 से 400 मरीजों की तरह उन्हें भी उपचार के बिना ही वापस लौटा दिया गया. अस्पताल प्रशासन का तर्क था कि पिछले बकाया का भुगतान ही नहीं किया गया है. इसलिए अब आगे इलाज नहीं कर सकते.

विधायक न्यांगली ने कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है. दूरदराज से आने वाले मरीजों को उपचार ना मिलना गंभीर विषय है. विधायक ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को पत्र लिख, इसमें तत्काल सुधार कर जनता को योजना का लाभ दिलाने की मांग की. हालांकि, अस्पताल प्रशासन ने इन आरोपों को खारिज किया है.

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