पन्ना: पन्ना के हनुमान जी का मंदिर का निर्माण 300 साल पहले यहां तत्कालीन महाराज शाबाश सिंह के साले जयचंद सिंह उर्फ मिर्जा राजा द्वारा करवाया गया था. जयचंद हनुमान जी के अनन्य भक्त थे. उन्होंने इस मंदिर का निर्माण खेजड़ा मंदिर के पास पहाड़ी पर करवाया था.
इतिहासकार सूर्यभान सिंह परमार बताते हैं "महाराजा छत्रसाल के नाती शाबाश सिंह थे. महाराज शाबाश सिंह के साले जयचंद राजा उनके बेहद प्रिय थे जो पन्ना में ही निवास किया करते थे. उनकी रियासत सतना जिले की रामपुर बघेलान में थी. महाराज शाबाश सिंह उन्हें प्यार से मिर्जा राजा कहा करते थे. इसलिए उनका नाम मिर्जा राजा भी पड़ गया. मिर्जा राजा हनुमानजी के इष्ट भक्त थे और उनकी पूजा किया करते थे. इसलिए उन्होंने हनुमान जी की मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा करवाई थी. आज भी यह मंदिर पहाड़ी पर विद्यमान है."
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1742 से 1745 के बीच हुआ था मंदिर का निर्माण
इतिहासकार सूर्यवंशी परमार आगे बताते हैं "इस मंदिर का निर्माण खेजड़ा मंदिर के पास पहाड़ी पर करवाया गया था. इस मंदिर का निर्माण 1742 से 1745 के बीच कराया गया था."

पहाड़ी पर स्थित है हनुमान जी का मंदिर
यह मंदिर आज चारों तरफ से बस्ती से घिर गया है. पहले यहां घनघोर जंगल हुआ करता था. ऊंची पहाड़ी पर मंदिर को बनवाया गया था. इसके बगल में खेजड़ा मंदिर स्थित है जो प्रणामी संप्रदाय का मंदिर है. सैकड़ों श्रद्धालु यहां दूर-दूर से प्रतिदिन हनुमान जी की प्राचीन प्रतिमा की पूजा-अर्चना करते हैं.