रांची: झारखंड एकेडमिक काउंसिल (JAC) ने 12वीं आर्ट्स संकाय का रिजल्ट जारी कर दिया है. इस बार भी बेटियों का दबदबा साफ नजर आया है. स्टेट टॉप-5 में चार छात्राएं शामिल हैं, जिन्होंने शानदार अंकों के साथ न केवल परिवार और स्कूल का नाम रोशन किया, बल्कि राज्य को भी गौरवान्वित किया है. इस सूची में रांची की अनन्या पॉल ने 500 में से 463 अंक प्राप्त कर अपने 'उर्सलाइन स्कूल' की प्रतिष्ठा बढ़ाई, बल्कि पूरे शहर की सिटी टॉपर भी बनीं.
अनन्या की यह सफलता उनकी मेहनत, अनुशासन और आत्मविश्वास का नतीजा है. उनके पिता और मां रांची में घर के बाहर एक छोटी सी चाय-नाश्ते की दुकान चलाते हैं. बेहद साधारण पारिवारिक पृष्ठभूमि से आने वाली अनन्या ने संसाधनों की कमी को कभी अपनी पढ़ाई में बाधा नहीं बनने दिया. उनका यह संघर्ष और सफलता आज राज्य के हजारों विद्यार्थियों के लिए प्रेरणास्रोत बन गया है.
'मोबाइल का सदुपयोग किया, और पढ़ाई को कभी बोझ नहीं बनने दिया'
ईटीवी भारत से बातचीत में अनन्या ने कहा कि उन्होंने नियमित पढ़ाई को ही अपनी सफलता की कुंजी बनाया. उनका कहना है कि उन्होंने मोबाइल का उपयोग सिर्फ पढ़ाई के लिए किया और सोशल मीडिया से दूरी बनाकर रखी. वे बताती हैं, 'आज की दुनिया में मोबाइल अगर सही दिशा में इस्तेमाल किया जाए तो यह एक बेहतरीन गाइड बन सकता है. मैंने उसका उपयोग सिर्फ स्टडी मैटेरियल, ऑनलाइन क्लास और नोट्स के लिए किया.'
माता-पिता और शिक्षकों का रहा अहम सहयोग
अनन्या के मुताबिक उनके इस सफर में सबसे बड़ा साथ उनके माता-पिता का रहा. चाय नाश्ते की दुकान चलाकर उन्होंने अनन्या की पढ़ाई के लिए हर जरूरत को पूरा किया. वहीं स्कूल के शिक्षकों और सहपाठियों ने भी पढ़ाई में हर मोड़ पर मार्गदर्शन दिया. वे कहती हैं, 'मेरे माता-पिता ने मुझे हमेशा पढ़ाई के लिए प्रेरित किया. आर्थिक स्थिति सीमित थी, लेकिन उन्होंने कभी ये एहसास नहीं होने दिया.'
जूनियर्स को दिए सफलता के टिप्स
बातचीत के दौरान अनन्या ने अपने जूनियर्स को भी परीक्षा में सफल होने के लिए कुछ जरूरी टिप्स दिए. उनका कहना है कि रोजाना 4–5 घंटे पढ़ाई पर्याप्त होती है. अगर मन लगाकर की जाए. उन्होंने सलाह दी कि नोट्स बनाकर पढ़ना, पुराने प्रश्न पत्र हल करना और समय का सही प्रबंधन ही सफलता की कुंजी है.
पहले ग्रेजुएशन
फिलहाल अनन्या ग्रेजुएशन में दाखिला लेना चाहती हैं और आगे चलकर प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल होना चाहती हैं. उनका सपना एक दिन प्रशासनिक अधिकारी बनकर समाज के लिए काम करना है. वे कहती हैं, 'मेरी पढ़ाई का मकसद सिर्फ नौकरी पाना नहीं है, बल्कि समाज में बदलाव लाना है.'
झारखंड के लिए गर्व का पल
इस बार झारखंड में आर्ट्स का कुल रिजल्ट 95.62% रहा है. खास बात यह है कि इस परीक्षा में भी छात्राओं ने ही बेहतर प्रदर्शन किया है. राज्य की टॉप-5 सूची में चार बेटियां शामिल हैं, जो यह दर्शाता है कि लड़कियां अब हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं. अनन्या जैसी बेटियों की मेहनत, लगन और संघर्ष झारखंड के शिक्षा परिदृश्य को एक नई दिशा दे रही है. उनकी कहानी यह संदेश देती है कि हालात चाहे जैसे भी हों, अगर इरादा मजबूत हो, तो हर मंजिल पाई जा सकती है.
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