जबलपुर : रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर राजेश कुमार वर्मा पर महिला अधिकारी द्वारा लगाए आरोपों की जांच करने के लिए 3 आईपीएस अधिकारियों की टीम जबलपुर पहुंची. ये टीम अपनी रिपोर्ट मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में पेश करेगी. इस रिपोर्ट के आधार पर कुलपति राजेश कुमार वर्मा का भविष्य तय होगा. इस टीम में आईपीएस इरशाद वली, मोनिका शुक्ला, शिमाला प्रसाद शामिल हैं.
महिला अधिकारी ने लगाए गंभीर आरोप
रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय की महिला अधिकारी ने कुलपति राजेश कुमार वर्मा के खिलाफ लिखित शिकायत दी थी. शिकायत उन्होंने राज्यपाल उच्च शिक्षा मंत्री और महिला आयोग को भेजी थी. महिला ने आरोप लगाया था "21 नवंबर को दोपहर 3 बजे कुलपति राजेश कुमार वर्मा ने मुझे अपने ऑफिस में बुलाया. इस दौरान मेरे 3 अधीनस्थ कर्मचारियों को भी कुलपति कार्यालय में बुलाया गया. उनके सामने कुलपति राजेश कुमार वर्मा ने मुझ पर अशोभनीय टिप्पणियां की और मुझे अभद्र इशारे किए." महिला अधिकारी ने शिकायत लिखा "मेरे आरोपों की जांच मौके पर लगे सीसीटीवी फुटेज से की जा सकती है."

कुलपति ने शाम को फिर अपमानित किया
महिला अधिकारी ने शिकायत में लिखा "21 नवंबर को ही शाम 6 बजे कुलपति प्रोफेसर राजेश कुमार वर्मा ने मुझे दोबारा सबके सामने अपमानित किया. मुझ पर कुछ ऐसे आरोप लगाए गए जिनके लिए जिम्मेदार मैं नहीं थी. रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय का एक व्हाट्सएप ग्रुप है, जिसके एडमिन कुलपति हैं और इसमें सभी कर्मचारी अधिकारी अध्यापक यहां तक कि अतिथि शिक्षक भी जुड़े हुए हैं. इस ग्रुप में मुझ पर अपमानजनक टिप्पणी की गई. ये सभी मैसेज कुलपति प्रोफेसर राजेश कुमार वर्मा ने देखे थे लेकिन उन्होंने मैसेज करने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की. मेरी शिकायत के पहले मैसेज डिलीट करवा दिए."

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एसआईटी ने सभी पक्षों से बंद कमरे में लिए बयान
हाई कोर्ट द्वारा गठित 3 आईपीएस अफसरों की टीम ने 4 जून को जबलपुर पहुंचकर कुलपति प्रोफेसर राजेश कुमार वर्मा और महिला अधिकारी से अलग-अलग बंद कमरे में बातचीत की. सीसीटीवी फुटेज से जुड़ा हुआ पूरा सिस्टम जब्त किया. पीड़ित महिला अधिकारी की ओर से मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में पैरवी करने वाले एडवोकेट विशाल बघेल ने बताया "अब इस मामले की जांच रिपोर्ट हाई कोर्ट में पेश की जाएगी." ।