जबलपुर: वन्य जीव प्रेमी अभिलाष की कोशिश अब रंग ला रही है. उनके बनाए लकड़ी के घोंसलों में चिड़ियों ने अपना घर बनाना शुरू कर दिया है. अभिलाष का कहना है कि " पक्षियों के प्रति लगाव उनके पिता की वजह से हुआ. उनके पिता वन्य जीव प्रेमी थे. उनसे ही प्रेरित होकर मैंने भी पक्षियों को बचाने के लिए खुद से मुहिम शुरू की." अभिलाष का मानना है कि " तेज गर्मी में पक्षियों को सबसे ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ता है. उनके पास ठहरने के लिए कोई ठिकाना नहीं होता है. जिसकी वजह से कई पक्षियों की तो मौत तक हो जाती है."
घोंसलों में हुई पक्षियों की बसाहट
बता दें कि अभिलाष ने जबलपुर की ठाकुर ताल पहाड़ी के आसपास पेड़ों पर लकड़ी के बने घोंसला लगाए थे. जिनमें पक्षियों ने अपना घर बना शुरू कर दिया है. कुछ में छोटी-छोटी चिड़िया आकर बैठती हैं, तो कुछ में गिलहरियों ने अपना बसेरा बना रखा है. अभिलाष ने घोंसलों के आसपास पक्षियों के खाने पीने के लिए पानी का भी इंतजाम किया है, इसलिए इस क्षेत्र में दिनभर पक्षियों की चहल पहल बनी रहती है. इन घोंसलों में से एक में चिड़िया ने 2 अंडे दिए हैं.
गर्मियों में पक्षियों को होती है परेशानी
अभिलाष का कहना है कि " इस चिड़िया की वजह से उनका हौसला बुलंद हुआ है. वह अब इस काम को और बड़े पैमाने पर करेंगे." गर्मी के दिनों में इन सूखे पहाड़ों पर खाने-पीने के लिए कुछ नहीं रह जाता, इसलिए जंगली जानवरों को बड़ी परेशानी होती है. शहर के पास के इन पहाड़ियों का पर्यावरण लोगों की दखल की वजह से खराब हो गया है, इसलिए यहां रहने वाले जानवरों के संरक्षण के लिए भोजन और पानी का इंतजाम जरूरी है."

'पहाड़ियों में छिपे हैं कई राज'
अभिलाष ने बताया, " जहां घोंसला लगाए थे वहीं नीचे कुछ अनाज के दाने बिखेर दिए थे. जब सुबह उठकर देखा तो वहां अनाज के दाने नहीं थे. मैंने दूसरे दिन फिर अनाज के दाने बिखरे तब देखा कि इन्हें खाने के लिए पहाड़ के ऊपर से मोर नीचे आते हैं. ठाकुर ताल की सुनसान पहाड़ियों में क्या-क्या छुपा है. इसकी सही जानकारी किसी के पास नहीं है. अभिलाष ने यहां पर तेंदुआ, जंगली खरगोश सहित कई किस्म की चिड़िया देखी है, जो प्राकृतिक रूप से इस जंगल में रहते हैं."

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जू बनाने की कवायद जारी
जबलपुर वन विभाग ने ठाकुर ताल तालाब के पास एक जू बनाने की तैयारी भी शुरू कर दी है. इसके साथ ही पहाड़ के ऊपर एक वॉच टावर भी बनाया गया है. इस प्रकृति पर जितना हक मनुष्य का है, लगभग उतना ही हक दूसरे पशु पक्षियों का भी है. हम अपनी बेहतर जिंदगी के लिए उनके हक को प्रभावित कर रहे हैं. इसका असर पूरी प्रकृति पर पड़ रहा है, हमारे आसपास पाए जाने वाला हर पशु और पक्षी पारिस्थितिकी में अपना योगदान देता है. इसलिए किसी एक का भी प्रकृति से अलग हो जाना हमारे लिए भी नुकसानदायक है. इसलिए पशु पक्षियों को हमारे वातावरण में बनाए रखने की कोशिश हम सभी को करनी चाहिए