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जबलपुर में MBBS स्टूडेंट की मौत की वजह क्या रैगिंग है? हॉस्टल में सन्नाटा - JABALPUR MBBS STUDENT DEATH

जबलपुर मेडिकल कॉलेज के छात्र शिवांश गुप्ता की चौथी मंजिल से गिरकर हुई मौत का राज खुलने वाला है.

JABALPUR MBBS STUDENT death
जबलपुर मेडिकल कॉलेज के छात्र की मौत से हड़कंप (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : June 7, 2025 at 9:38 AM IST

3 Min Read

जबलपुर : जबलपुर के सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज में दो दिन पहले एमबीबीएस फर्स्ट ईयर के छात्र शिवांश गुप्ता की हॉस्टल की बिल्डिंग से गिरने से मौत हो गई थी. पीड़ित परिजनों का आरोप है "शिवांश की रैगिंग चल रही थी. उसे परेशान किया जा रहा था. इस वजह से उसने यह आत्मघाती कदम उठाया." वहीं, मेडिकल कॉलेज ने 5 सीनियर डॉक्टरों की टीम बनाई है, जो इस मामले की जांच कर रही है. पुलिस भी हर बिंदु पर सवालों के जवाब खोज रही है.

पीड़ित परिजनों ने लगाए गंभीर आरोप

एमबीबीएस स्टूडेंट शिवांश गुप्ता रीवा के रहने वाले थे. शिवांश के चाचा दिनेश कुमार गुप्ता ने आरोप लगाया "उनके भतीजे ने जान नहीं दी बल्कि उसे मारा गया है. शिवांश ने 3 दिन पहले बाइक ली थी और जिस दिन बाइक ली थी, उस दिन उसके दो सीनियर्स ने उसे 3 घंटे तक अपने रूम में बिठा कर रखा था और उससे मारपीट भी की थी. शिवांश ने यह बात अपनी मां को फोन पर बताई थी. डीन डॉ. नवनीत सक्सेना के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए. उन्होंने लापरवाही बरती है. मेडिकल कॉलेज में अभी भी रैगिंग हो रही है. शिवांश थोड़ा इंट्रोवर्ट था. छोटी-छोटी बातों पर परेशान हो जाता था. ऐसे में यदि उसके साथ मारपीट हुई होगी या उसे प्रताड़ित किया गया होगा तो हो सकता है उसने ऐसा कदम उठा लिया हो."

पीड़ित परिजन दिनेश कुमार गुप्ता (ETV BHARAT)

रैगिंग के सवालों पर क्या बोले डीन

सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. नवनीत सक्सेना का कहना है "हॉस्टल में रैगिंग संभव नहीं है. मेडिकल कॉलेज में छात्रों के रहने के लिए अलग-अलग हॉस्टल हैं. कहीं पर भी सीनियर और जूनियर छात्र एक साथ नहीं रहते. जिस बिल्डिंग में घटना घटी है, उसमें केवल जूनियर छात्र रहते हैं. ऐसा संभव नहीं है कि जूनियर छात्रों के हॉस्टल में कोई सीनियर छात्र घुसकर रैगिंग कर सके. मेडिकल कॉलेज में हर 20 छात्रों पर एक सीनियर डॉक्टर को काउंसलिंग की जिम्मेदारी दी गई है. यदि किसी छात्र को कोई समस्या है तो वह काउंसलिंग ले सकता है. अपनी शिकायत दे सकता है. ऐसी स्थिति में रैगिंग होना संभव नहीं है. इस मामले में भी 5 सदस्य टीम बनाई गई है, जो परिजनों के हर सवाल के जवाब खोजेगी."

हर एंगल से जांच कर रही है पुलिस

जबलपुर के एडिशनल एसपी सूर्यकांत शर्मा ने बताया "हम इस घटना से जुड़ी हुई हर बात को बारीकी से जांच रहे हैं. रैगिंग से जुड़े हुए सवालों का जवाब भी खोजा जा रहा है. शिवांश और उसकी दोस्तों के मोबाइल भी चेक किया जा रहे हैं. यदि इस घटना में कोई भी आपराधिक तथ्य होगा तो दोषी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी."

जांच टीमें इन तथ्यों पर कर रही हैं जांच

  • शिवांश ने अपने मोबाइल से एक मैसेज किया था कि मैं जो कर रहा हूं वह कोई और ना करना.
  • शिवांश ने अपनी मां से जो कहा था, उसे रिकवर करने की कोशिश की जाएगी.
  • शिवांश के दोस्त ने 3 दिन पहले हॉस्टल छोड़ा था. उसके पीछे की वजह क्या थी.
  • जिन सीनियर्स पर आरोप लगाया जा रहा है, उनके मोबाइल का डाटा रिकवर किया जाएगा.

जबलपुर : जबलपुर के सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज में दो दिन पहले एमबीबीएस फर्स्ट ईयर के छात्र शिवांश गुप्ता की हॉस्टल की बिल्डिंग से गिरने से मौत हो गई थी. पीड़ित परिजनों का आरोप है "शिवांश की रैगिंग चल रही थी. उसे परेशान किया जा रहा था. इस वजह से उसने यह आत्मघाती कदम उठाया." वहीं, मेडिकल कॉलेज ने 5 सीनियर डॉक्टरों की टीम बनाई है, जो इस मामले की जांच कर रही है. पुलिस भी हर बिंदु पर सवालों के जवाब खोज रही है.

पीड़ित परिजनों ने लगाए गंभीर आरोप

एमबीबीएस स्टूडेंट शिवांश गुप्ता रीवा के रहने वाले थे. शिवांश के चाचा दिनेश कुमार गुप्ता ने आरोप लगाया "उनके भतीजे ने जान नहीं दी बल्कि उसे मारा गया है. शिवांश ने 3 दिन पहले बाइक ली थी और जिस दिन बाइक ली थी, उस दिन उसके दो सीनियर्स ने उसे 3 घंटे तक अपने रूम में बिठा कर रखा था और उससे मारपीट भी की थी. शिवांश ने यह बात अपनी मां को फोन पर बताई थी. डीन डॉ. नवनीत सक्सेना के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए. उन्होंने लापरवाही बरती है. मेडिकल कॉलेज में अभी भी रैगिंग हो रही है. शिवांश थोड़ा इंट्रोवर्ट था. छोटी-छोटी बातों पर परेशान हो जाता था. ऐसे में यदि उसके साथ मारपीट हुई होगी या उसे प्रताड़ित किया गया होगा तो हो सकता है उसने ऐसा कदम उठा लिया हो."

पीड़ित परिजन दिनेश कुमार गुप्ता (ETV BHARAT)

रैगिंग के सवालों पर क्या बोले डीन

सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. नवनीत सक्सेना का कहना है "हॉस्टल में रैगिंग संभव नहीं है. मेडिकल कॉलेज में छात्रों के रहने के लिए अलग-अलग हॉस्टल हैं. कहीं पर भी सीनियर और जूनियर छात्र एक साथ नहीं रहते. जिस बिल्डिंग में घटना घटी है, उसमें केवल जूनियर छात्र रहते हैं. ऐसा संभव नहीं है कि जूनियर छात्रों के हॉस्टल में कोई सीनियर छात्र घुसकर रैगिंग कर सके. मेडिकल कॉलेज में हर 20 छात्रों पर एक सीनियर डॉक्टर को काउंसलिंग की जिम्मेदारी दी गई है. यदि किसी छात्र को कोई समस्या है तो वह काउंसलिंग ले सकता है. अपनी शिकायत दे सकता है. ऐसी स्थिति में रैगिंग होना संभव नहीं है. इस मामले में भी 5 सदस्य टीम बनाई गई है, जो परिजनों के हर सवाल के जवाब खोजेगी."

हर एंगल से जांच कर रही है पुलिस

जबलपुर के एडिशनल एसपी सूर्यकांत शर्मा ने बताया "हम इस घटना से जुड़ी हुई हर बात को बारीकी से जांच रहे हैं. रैगिंग से जुड़े हुए सवालों का जवाब भी खोजा जा रहा है. शिवांश और उसकी दोस्तों के मोबाइल भी चेक किया जा रहे हैं. यदि इस घटना में कोई भी आपराधिक तथ्य होगा तो दोषी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी."

जांच टीमें इन तथ्यों पर कर रही हैं जांच

  • शिवांश ने अपने मोबाइल से एक मैसेज किया था कि मैं जो कर रहा हूं वह कोई और ना करना.
  • शिवांश ने अपनी मां से जो कहा था, उसे रिकवर करने की कोशिश की जाएगी.
  • शिवांश के दोस्त ने 3 दिन पहले हॉस्टल छोड़ा था. उसके पीछे की वजह क्या थी.
  • जिन सीनियर्स पर आरोप लगाया जा रहा है, उनके मोबाइल का डाटा रिकवर किया जाएगा.
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