जबलपुर: जबलपुर के मोहनलाल हरगोविंद दास होम साइंस स्वायत्तशासी कॉलेज में प्रभारी प्राचार्य को लेकर मामला मध्य प्रदेश हाई कोर्ट पहुंच गया है. कोर्ट ने सुनवाई करते हुए जूनियर को प्रभारी प्राचार्य बनाने के आदेश पर रोक लगा दी. गौरतलब है कि राज्य सरकार के आदेश को दरकिनार करते हुए इस कॉलेज में 6 साल जूनियर प्रोफेसर को प्रभारी प्राचार्य बना दिया गया. इस आदेश को चुनौती देते हुए हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई.
प्रभारी प्राचार्य बनाने वालों को नोटिस जारी
हाई कोर्ट जस्टिस विशाल मिश्रा की एकलपीठ ने जूनियर को प्रभारी प्राचार्य पद का दायित्व दिये जाने पर रोक लगाते हुए संबंधित पक्ष को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. याचिका पर अगली सुनवाई 4 सप्ताह बाद निर्धारित की गयी है. मामले के अनुसार जबलपुर निवासी डॉ.गिरीश वर्मा की तरफ से दायर की गयी याचिका में कहा गया "मोहनलाल हरगोविंद दास होम साइंस स्वायत्तशासी कॉलेज में वह साल 2012 से प्रोफेसर के पद पर पदस्थ हैं. वह कॉलेज के सबसे वरिष्ठ प्रोफेसर हैं."
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राज्य सरकार के आदेश का पालन नहीं किया
याचिका में कहा गया "प्रोफेसर समीर कुमार शुक्ला साल 2018 में प्रोफेसर के पद पर पदस्थ हुए और वह उनसे 6 साल जूनियर हैं. वरिष्ठ होने के बावजूद उनके जूनियर को प्रभारी प्राचार्य का दायित्व सौंपा गया है. याचिका में राज्य सरकार द्वारा 15 फरवरी 2022 को जारी परिपत्र के हवाला देते हुए कहा गया है प्रभारी प्राचार्य का दायित्व वरिष्ठ प्रोफेसर को दिया जाना आवश्यक है. इस मामले में राज्य सरकार के आदेश का पालन नहीं किया गया." वहीं, प्रभारी प्राचार्य की तरफ से केबियेट दायर की गयी. इसके बाद एकलपीठ ने सुनवाई के बाद जूनियर को प्रभारी प्राचार्य बनाये जाने के आदेश पर रोक लगाते हुए नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता अंकित अग्रवाल ने पैरवी की.