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मासूम की मदद के लिए अधिकारियों ने तोड़ा नियम, एक-एक धड़कन का था सवाल - HEALTH DEPARTMENT OPEN ON HOLIDAY

जबलपुर में छुट्टी के दिन स्वास्थ्य अधिकारी और जिला प्रशासन ने ऑफिस पहुंचकर 17 दिनों के नवजात के इलाज का कराया इंतजाम.

mp Child Heart Disease Scheme
अवकाश के दिन कागजी प्रक्रिया पूरी करते हुए डॉ. संजय मिश्रा (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : April 14, 2025 at 8:09 PM IST

2 Min Read

जबलपुर: जिला स्वास्थ्य विभाग ने रविवार को एक मिसाल पेश की है. जहां रविवार को अवकाश होने के बावजूद कुछ अधिकारी और कर्मचारियों ने दफ्तर पहुंचकर एक 17 दिन के बच्चे की जान बचाने में मदद की. साथ ही स्वास्थ्य विभाग, जिला प्रशासन और रेलवे ने मिलकर जबलपुर से मुंबई जाने के लिए सारी व्यवस्था की.

बच्चे का बिगड़ रहा था स्वास्थ्य

दरअसल, पाटन निवासी स्वप्निल पटेल के 17 दिन के बेटे को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी. डॉक्टर की सलाह पर चेकअप कराया तो पता चला की बच्चे के हृदय में छेद है. जिस कारण उसका हृदय सही ढंग से काम नहीं कर रहा है. डॉक्टर ने स्वप्निल को बेटे का तुरंत इलाज कराने की सलाह दी. साथ ही मध्य प्रदेश बाल हृदय योजना के तहत इलाज कराने लिए जिला अस्पताल के अधिकारियों से संपर्क करने को कहा.

जबलपुर में शिशु के इलाज के लिए छुट्टी के दिन भी खुला स्वास्थ्य डिपार्टमेंट (ETV Bharat)

अवकाश के दिन ऑफिस पहुंचे अधिकारी

इसलिए अधिकारी और कर्मचारियों ने रविवार को अवकाश होने के बावजूद भी 2 घंटे में कागजी कार्यवाही पूरी की. कागजी प्रक्रिया पूरी होने के बाद बच्चे को मुंबई इलाज के लिए भेज दिया है. जहां उसका इलाज शुरू हो गया. सरकार ने जिला शीघ्र हस्तक्षेप केंद्र बनाया है. इसमें जरूरतमंदों के लिए फौरन इंतजाम किया जाता है.

स्वास्थ्य विभाग ने दिखाई गंभीरता

जबलपुर संभाग के स्वास्थ्य विभाग संचालक डॉ. संजय मिश्रा ने कहा, "मध्य प्रदेश सरकार और मुंबई के नारायण संस्थान में मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग है. जिसके चलते मध्य प्रदेश में हृदय रोग से पीड़ित बच्चों को इलाज के लिए नारायण संस्थान में भेजा जाता है. मैं बच्चे को फौरन इलाज के लिए मुंबई भेजना चाहता था. क्योंकि रविवार और सोमवार को भी छुट्टी थी. इसलिए रविवार को कागजी प्रक्रिया पूरी कर पीड़ित को अस्पताल भेज दिया गया."

स्वास्थ्य विभाग के साथ जिला कलेक्टर दीपक कुमार सक्सेना ने भी छुट्टी के दिन कागजात तैयार करवाए. इसके अलावा पश्चिम मध्य रेल के अधिकारियों से बात कर पीड़ित बच्चे को इलाज के लिए मुंबई जाने का बंदोबस्त कराया.

जबलपुर: जिला स्वास्थ्य विभाग ने रविवार को एक मिसाल पेश की है. जहां रविवार को अवकाश होने के बावजूद कुछ अधिकारी और कर्मचारियों ने दफ्तर पहुंचकर एक 17 दिन के बच्चे की जान बचाने में मदद की. साथ ही स्वास्थ्य विभाग, जिला प्रशासन और रेलवे ने मिलकर जबलपुर से मुंबई जाने के लिए सारी व्यवस्था की.

बच्चे का बिगड़ रहा था स्वास्थ्य

दरअसल, पाटन निवासी स्वप्निल पटेल के 17 दिन के बेटे को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी. डॉक्टर की सलाह पर चेकअप कराया तो पता चला की बच्चे के हृदय में छेद है. जिस कारण उसका हृदय सही ढंग से काम नहीं कर रहा है. डॉक्टर ने स्वप्निल को बेटे का तुरंत इलाज कराने की सलाह दी. साथ ही मध्य प्रदेश बाल हृदय योजना के तहत इलाज कराने लिए जिला अस्पताल के अधिकारियों से संपर्क करने को कहा.

जबलपुर में शिशु के इलाज के लिए छुट्टी के दिन भी खुला स्वास्थ्य डिपार्टमेंट (ETV Bharat)

अवकाश के दिन ऑफिस पहुंचे अधिकारी

इसलिए अधिकारी और कर्मचारियों ने रविवार को अवकाश होने के बावजूद भी 2 घंटे में कागजी कार्यवाही पूरी की. कागजी प्रक्रिया पूरी होने के बाद बच्चे को मुंबई इलाज के लिए भेज दिया है. जहां उसका इलाज शुरू हो गया. सरकार ने जिला शीघ्र हस्तक्षेप केंद्र बनाया है. इसमें जरूरतमंदों के लिए फौरन इंतजाम किया जाता है.

स्वास्थ्य विभाग ने दिखाई गंभीरता

जबलपुर संभाग के स्वास्थ्य विभाग संचालक डॉ. संजय मिश्रा ने कहा, "मध्य प्रदेश सरकार और मुंबई के नारायण संस्थान में मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग है. जिसके चलते मध्य प्रदेश में हृदय रोग से पीड़ित बच्चों को इलाज के लिए नारायण संस्थान में भेजा जाता है. मैं बच्चे को फौरन इलाज के लिए मुंबई भेजना चाहता था. क्योंकि रविवार और सोमवार को भी छुट्टी थी. इसलिए रविवार को कागजी प्रक्रिया पूरी कर पीड़ित को अस्पताल भेज दिया गया."

स्वास्थ्य विभाग के साथ जिला कलेक्टर दीपक कुमार सक्सेना ने भी छुट्टी के दिन कागजात तैयार करवाए. इसके अलावा पश्चिम मध्य रेल के अधिकारियों से बात कर पीड़ित बच्चे को इलाज के लिए मुंबई जाने का बंदोबस्त कराया.

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