जैसलमेर: राजस्थान इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) और सुरक्षा एजेंसियों ने एक बड़ी कामयाबी हासिल करते हुए पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के लिए जासूसी करने के आरोप में सरकारी कर्मचारी शकूर खान से लगातार पूछताछ जारी है. जयपुर में प्रारंभिक पूछताछ के बाद, अब शकूर खान को जैसलमेर लाया गया है, जहाँ विभिन्न स्थानों पर उसकी गतिविधियों की पुष्टि और उससे सघन पूछताछ की जा रही है. गिरफ्तारी के बाद सुरक्षा एजेंसियों का फोकस शकूर खान के संपर्कों, मूवमेंट्स, बैंक लेनदेन, विभागीय प्रमोशनों और विदेश यात्राओं पर है.
जयपुर से जैसलमेर तक सुरक्षा घेरे में लाया गया शकूर : आईजी (इंटेलिजेंस) विष्णुकांत गुप्ता ने बताया कि राजस्थान आईबी और सुरक्षा एजेंसियों की दो गाड़ियों का काफिला बुधवार देर रात शकूर खान को लेकर जैसलमेर पहुंचा. टीम सीधे मंगलियों की ढ़ाणी स्थित उसके निवास स्थान पर पहुंची, जहां स्थानीय पुलिस बल की उपस्थिति में तस्दीक की गई. इसके बाद रोजगार कार्यालय जैसलमेर और उसके निजी आवास पर भी कार्रवाई की गई. इस कार्रवाई में CIC थाने के SHO सीआई विनोद मीणा सहित दर्जनभर से अधिक अधिकारी शामिल रहे. विनोद मीणा इस पूरे ऑपरेशन के जांच अधिकारी भी हैं और IB की तरफ से टीम का नेतृत्व कर रहे हैं.
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SP कार्यालय व CID में चली गहन मीटिंग : जैसलमेर पहुंचने के बाद जांच दल ने जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय में एसपी से मुलाकात कर केस की संवेदनशीलता और आगामी कार्रवाई पर रणनीति साझा की. इसके बाद टीम जैसलमेर सीआईडी कार्यालय के JIC डिवीजन भी पहुंची, जहां शुक्रवार को शकूर से विस्तृत पूछताछ की जाएगी. टीम के सूत्रों के अनुसार शुक्रवार को शकूर खान से जुड़े संभावित सहयोगियों की पहचान कर उनसे पूछताछ की जाएगी. इसके बाद एक बार फिर पीसी रिमांड पर चल रहे शकूर से पूछताछ की प्रक्रिया होगी.
28 मई से निगरानी में था शकूर, 10 जून तक रिमांड पर : गौरतलब है कि शकूर खान को 28 मई को डिटेन किया गया था, जिसके बाद कोर्ट में पेश कर उसे 10 जून तक पुलिस रिमांड पर भेजा गया. अब तक पांच से अधिक केंद्रीय व राज्य स्तरीय खुफिया एजेंसियां उससे पूछताछ कर चुकी है. इस दौरान शकूर खान के मोबाइल डेटा, कॉल डिटेल रिकॉर्ड्स, सोशल मीडिया गतिविधियों और विदेशी संपर्कों की पड़ताल की जा रही है.
कौन है शकूर खान? : शकूर खान ने साल 2000 में एक चपरासी के तौर पर सरकारी सेवा शुरू की थी. धीरे-धीरे विभागीय प्रमोशन के जरिए वह AAO के पद तक पहुंचा. लेकिन अब उसकी प्रमोशन प्रक्रिया भी जांच के घेरे में आ गई है. जांच में यह बात भी सामने आई है कि वर्ष 2008 से 2013 तक वह तत्कालीन मंत्री सालेह मोहम्मद का पीए रह चुका है. ऐसे में यह आशंका गहरा गई है कि इस दौरान उसे कौन-कौन सी संवेदनशील जानकारियां मिलीं और किन माध्यमों से वह पाकिस्तान पहुंचीं.
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देशद्रोह और सामरिक जानकारी लीक : शकूर खान पर देशद्रोह, जासूसी और सामरिक सूचनाओं के लीक करने जैसे गंभीर आरोप दर्ज किए गए हैं. एजेंसियों को शक है कि उसने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI को भारतीय सेना और प्रशासन से जुड़ी गोपनीय जानकारियां साझा की हैं. जांच में सामने आया है कि उसने कई बार सीमा क्षेत्रों में घूमकर तस्वीरें लीं, मोबाइल लोकेशन साझा की, और सीमा सुरक्षा बल (BSF) की गतिविधियों पर पैनी निगाह रखी. शकूर खान के मोबाइल फोन से मिले कॉल रिकॉर्ड, सोशल मीडिया चैट्स, व्हाट्सएप ग्रुप्स और ईमेल्स को साइबर सेल और तकनीकी विशेषज्ञों की मदद से खंगाला जा रहा है. कई संदिग्ध नंबर पाकिस्तान और खाड़ी देशों से लिंक पाए गए हैं. राजस्थान ATS, IB, मिलिट्री इंटेलिजेंस, CID और BSF इंटेलिजेंस मिलकर इस नेटवर्क को डीकोड करने में जुटी हैं. सूत्रों के मुताबिक अब तक कई संदिग्ध नंबरों की पहचान हो चुकी है, और कुछ लोगों को निगरानी में रखा गया है.
बैंक खातों, संपत्तियों की जांच भी तेज : शकूर खान के बैंक खातों, संपत्तियों और जैसलमेर में की गई लेनदेन की भी जांच की जा रही है. पिछले दो वर्षों में उसके खातों में हुए कुछ संदिग्ध ट्रांजेक्शनों की जानकारी मिली है, जिनमें कुछ विदेशी स्रोतों से पैसा आने की संभावना है. इसके अलावा शकूर की विभागीय छुट्टियों, खासतौर पर विदेश यात्राओं के रिकॉर्ड को भी खंगाला जा रहा है. एजेंसियां यह जानने की कोशिश कर रही हैं कि क्या उसकी यात्राएं ISI से किसी प्रकार के सीधे संपर्क का हिस्सा थीं.