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यूपी का परमानेंट DGP कैसे चुन सकती योगी सरकार?, राजीव कृष्ण के पास क्या मौका है?, जानिए - UP DGP

आखिर कौन सी है वो वजह जो राजीव कृष्ण को यूपी में परमानेंट डीजीपी बना सकती?

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : June 3, 2025 at 4:29 PM IST

Updated : June 3, 2025 at 4:36 PM IST

5 Min Read

लखनऊः उत्तर प्रदेश में बीते पांच बार से कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक की नियुक्ति हो रही है. इसको लेकर मौजूदा योगी सरकार विपक्ष के लगातार निशाने पर है. कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक की नियुक्ति को लेकर के उत्तर प्रदेश के मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव के अलावा पूर्व मुख्यमंत्री रही बसपा सुप्रीमो मायावती तक योगी सरकार को इस मामले पर घेर चुकी. वहीं अगर सब कुछ ठीक रहा तो आने वाले कुछ महीनो में मौजूद कार्यवाहक डीजीपी राजीव कृष्ण उत्तर प्रदेश के स्थाई डीजीपी बनने की रेस में सबसे आगे होंगे. ऐसे में लगातार विपक्ष के हमले को झेल रही योगी सरकार को उन्हें जवाब देने का एक मौका मिलने के साथ ही यूपी में एक लंबे समय तक नियमित डीजीपी की भी नियुक्ति का रास्ता साफ हो जाएगा.

अभी क्या समस्या है: मौजूदा कार्यवाहक डीजीपी राजीव कृष्ण से सर्विसेज के मामले में उत्तर प्रदेश में करीब आधा दर्जन से अधिक आईपीएस सीनियर हैं. नियमित डीजीपी बनने में वरीयता सूची के कारण काफी दिक्कत है. राजीव कृष्णा मौजूदा समय में कई सीनियर आईपीएस अधिकारियों से जूनियर हैं लेकिन उनकी स्वास्थ्य और सेवा अवधि अभी इतनी बची है कि वह अगले कुछ महीने में उत्तर प्रदेश के सीनियर आईपीएस अधिकारी हो जाएंगे. ऐसे में वह डीजीपी बनने के सभी मानडंडों को पूरा करेंगे. जो अगले 1 साल में उन्हें उत्तर प्रदेश के स्थाई डीजीपी बनने में काफी मदद करेगी.

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यूपी पुलिस के तेज तर्रार अफसर हैं राजीव कृष्ण. (etv bharat gfx)

यूपी में कैसे चुना जाता स्थाई डीजीपीः यूपी में स्थाई डीजीपी बनने से पहले राज्य सरकार और केंद्र सरकार की स्क्रीनिंग कमेटी के सामने खरा उतरना होता है. उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी रहे सुलखान सिंह ने बताया कि राज्य सरकार की स्क्रीनिंग कमेटी का भी गठन होना है और केंद्र में यूपीएससी और डीओपीटी है. इससे स्पष्ट तरीके से समझे तो पाते हैं कि डीजीपी की चयन को लेकर चली जा रही प्रक्रिया के मुताबिक राज्य सरकार संघ लोक सेवा आयोग को इस पद के काबिल अफसर के नाम भेजती है. संघ लोक सेवा आयोग से पहले केंद्र का डिपार्टमेंट ऑफ़ पर्सनल ट्रेंनिंग यानी डीओपीटी तीन वरिष्ठ अधिकारियों का पैनल बनाकर भेजता है. इन अफसरों का कार्यकाल 2 साल का बचा होना चाहिए. राज्य सरकार उन अफसर के नाम नहीं भेजती है जिनका कार्यकाल 6 महीने से कम बचा होता है. संघ लोक सेवा आयोग से भेजे गए तीन अफसरों में से एक अफसर को डीजीपी पर नियुक्त किया जाता है.

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योगी सरकार नाम को पैनल रिकमेंडेशन के लिए आगे बढ़ा सकती है. (etv bharat gfx)

राजीव कृष्ण का कार्यकाल कितना बाकी है: मौजूदा कार्यवाहक डीजीपी राजीव कृष्ण साल 2029 में सेवानिवृत होने वाले हैं. ऐसे में यह सवाल उठता है कि राजीव कृष्ण ही स्थाई डीजीपी कैसे बनेंगे? ऐसे में विशेषज्ञों का कहना है कि राजीव कृष्ण का कार्यकाल अभी लगभग 4 साल बचा है. इस बीच राज्य सरकार राजीव कृष्ण को तब तक कार्यवाहक बनाकर रखेगी जब तक कि अगले वर्ष फरवरी के बाद वह वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों के रिटायरमेंट के साथ ही टॉप 3 की रेस में ऊपर नहीं आ जाते हैं. इस बीच राज्य सरकार स्तर की कमेटी का गठन भी किया जाएगा. स्वीकृत पैनल केंद्र को भेजा जाएगा. राज्य सरकार की मजबूत पहल पर राजीव कृष्णा को उनकी योग्यता के आधार पर स्थाई डीजीपी बनाया जा सकता है.

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पूर्व डीजीपी प्रशांत कुमार के साथ राजीव कृष्ण. (etv bharat)

ये भी पढ़ेंः कौन हैं यूपी के पांचवें कार्यवाहक डीजीपी राजीव कृष्णा?, जानिए करियर और कार्यकाल के बारे में

राजीव कृष्ण से यूपी में कितने अफसर सीनियरः 1991 बैच के आईपीएस अधिकारी राजीव कृष्ण के स्थाई डीजीपी बनने से पहले उनसे कई सीनियर आईपीएस अधिकारी उत्तर प्रदेश में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इनमें सबसे पहला नाम पुलिस महानिदेशक होमगार्ड वीके मौर्य का आता है जो मौजूदा समय में उत्तर प्रदेश के सबसे सीनियर आईपीएस अधिकारी हैं.

इनके सेवानिवृत होने में केवल दो माह का ही समय बचता है. इसके बाद प्रदेश में सीनियर आईपीएस की रेस में आलोक मिश्रा का नाम है जो मौजूदा समय में एनएसजी के डीजी के पद पर है और यह भी अगले 6 महीने में रिटायर्ड हो जाएंगे

उनके बाद तीसरा बड़ा नाम बीएसएफ के डीजी दलजीत चौधरी का नाम है जो अगले साल रिटायर्ड हो रहे हैं. इसके बाद मौजूदा समय में डीजी के पद पर मौजूद चौथा नाम तिलोत्मा वर्मा का है जो इस साल के आखिरी तक सेवा निवृत होने जा रही हैं ऐसे में अगले साल फ़रवरी तक जीपी राजीव कृष्ण उत्तर प्रदेश के टॉप 3 सीनियर आईपीएस अधिकारियों के पैनल में शामिल हो जाएंगे.


योगी सरकार में यूपी के कार्यवाहक डीजीपी

  • आईपीएस विजय कुमार
  • आईपीएस डीएस चौहान
  • आईपीएस आरके विश्वकर्मा
  • आईपीएस प्रशांत कुमार
  • आईपीएस राजीव कृष्ण (वर्तमान)




    पूर्व डीजीपी ने बताई ये वजहः पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार ने साल 2024 में डीजीपी के चयन के लिए जो कैबिनेट से प्रस्ताव पास किया है. उसके तहत वह राजीव कृष्ण को उत्तर प्रदेश का स्थाई डीजीपी नियुक्त कर सकती है. इसके लिए उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव संघ लोक सेवा आयोग द्वारा नामित एक व्यक्ति उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग का अध्यक्ष या उससे नामित व्यक्ति प्रमुख सचिव गृह, एक रिटायर्ड डीजीपी जिसे उत्तर प्रदेश पुलिस में काम किया हो, यह कमेटी स्थाई डीजीपी का चयन कर सकती है. इस कमेटी द्वारा डीजीपी जिसे चयनित किया जाएगा वह 2 साल तक काम कर सकता है और राजीव कृष्ण के पास बेहतर मौका है.

ये भी पढ़ेंः यूपी के नए कार्यवाहक DGP बने राजीव कृष्ण; अखिलेश और मायावती ने कसा तंज, कहा- प्रदेश में कानून व्यवस्था सही नहीं

लखनऊः उत्तर प्रदेश में बीते पांच बार से कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक की नियुक्ति हो रही है. इसको लेकर मौजूदा योगी सरकार विपक्ष के लगातार निशाने पर है. कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक की नियुक्ति को लेकर के उत्तर प्रदेश के मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव के अलावा पूर्व मुख्यमंत्री रही बसपा सुप्रीमो मायावती तक योगी सरकार को इस मामले पर घेर चुकी. वहीं अगर सब कुछ ठीक रहा तो आने वाले कुछ महीनो में मौजूद कार्यवाहक डीजीपी राजीव कृष्ण उत्तर प्रदेश के स्थाई डीजीपी बनने की रेस में सबसे आगे होंगे. ऐसे में लगातार विपक्ष के हमले को झेल रही योगी सरकार को उन्हें जवाब देने का एक मौका मिलने के साथ ही यूपी में एक लंबे समय तक नियमित डीजीपी की भी नियुक्ति का रास्ता साफ हो जाएगा.

अभी क्या समस्या है: मौजूदा कार्यवाहक डीजीपी राजीव कृष्ण से सर्विसेज के मामले में उत्तर प्रदेश में करीब आधा दर्जन से अधिक आईपीएस सीनियर हैं. नियमित डीजीपी बनने में वरीयता सूची के कारण काफी दिक्कत है. राजीव कृष्णा मौजूदा समय में कई सीनियर आईपीएस अधिकारियों से जूनियर हैं लेकिन उनकी स्वास्थ्य और सेवा अवधि अभी इतनी बची है कि वह अगले कुछ महीने में उत्तर प्रदेश के सीनियर आईपीएस अधिकारी हो जाएंगे. ऐसे में वह डीजीपी बनने के सभी मानडंडों को पूरा करेंगे. जो अगले 1 साल में उन्हें उत्तर प्रदेश के स्थाई डीजीपी बनने में काफी मदद करेगी.

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यूपी पुलिस के तेज तर्रार अफसर हैं राजीव कृष्ण. (etv bharat gfx)

यूपी में कैसे चुना जाता स्थाई डीजीपीः यूपी में स्थाई डीजीपी बनने से पहले राज्य सरकार और केंद्र सरकार की स्क्रीनिंग कमेटी के सामने खरा उतरना होता है. उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी रहे सुलखान सिंह ने बताया कि राज्य सरकार की स्क्रीनिंग कमेटी का भी गठन होना है और केंद्र में यूपीएससी और डीओपीटी है. इससे स्पष्ट तरीके से समझे तो पाते हैं कि डीजीपी की चयन को लेकर चली जा रही प्रक्रिया के मुताबिक राज्य सरकार संघ लोक सेवा आयोग को इस पद के काबिल अफसर के नाम भेजती है. संघ लोक सेवा आयोग से पहले केंद्र का डिपार्टमेंट ऑफ़ पर्सनल ट्रेंनिंग यानी डीओपीटी तीन वरिष्ठ अधिकारियों का पैनल बनाकर भेजता है. इन अफसरों का कार्यकाल 2 साल का बचा होना चाहिए. राज्य सरकार उन अफसर के नाम नहीं भेजती है जिनका कार्यकाल 6 महीने से कम बचा होता है. संघ लोक सेवा आयोग से भेजे गए तीन अफसरों में से एक अफसर को डीजीपी पर नियुक्त किया जाता है.

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योगी सरकार नाम को पैनल रिकमेंडेशन के लिए आगे बढ़ा सकती है. (etv bharat gfx)

राजीव कृष्ण का कार्यकाल कितना बाकी है: मौजूदा कार्यवाहक डीजीपी राजीव कृष्ण साल 2029 में सेवानिवृत होने वाले हैं. ऐसे में यह सवाल उठता है कि राजीव कृष्ण ही स्थाई डीजीपी कैसे बनेंगे? ऐसे में विशेषज्ञों का कहना है कि राजीव कृष्ण का कार्यकाल अभी लगभग 4 साल बचा है. इस बीच राज्य सरकार राजीव कृष्ण को तब तक कार्यवाहक बनाकर रखेगी जब तक कि अगले वर्ष फरवरी के बाद वह वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों के रिटायरमेंट के साथ ही टॉप 3 की रेस में ऊपर नहीं आ जाते हैं. इस बीच राज्य सरकार स्तर की कमेटी का गठन भी किया जाएगा. स्वीकृत पैनल केंद्र को भेजा जाएगा. राज्य सरकार की मजबूत पहल पर राजीव कृष्णा को उनकी योग्यता के आधार पर स्थाई डीजीपी बनाया जा सकता है.

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पूर्व डीजीपी प्रशांत कुमार के साथ राजीव कृष्ण. (etv bharat)

ये भी पढ़ेंः कौन हैं यूपी के पांचवें कार्यवाहक डीजीपी राजीव कृष्णा?, जानिए करियर और कार्यकाल के बारे में

राजीव कृष्ण से यूपी में कितने अफसर सीनियरः 1991 बैच के आईपीएस अधिकारी राजीव कृष्ण के स्थाई डीजीपी बनने से पहले उनसे कई सीनियर आईपीएस अधिकारी उत्तर प्रदेश में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इनमें सबसे पहला नाम पुलिस महानिदेशक होमगार्ड वीके मौर्य का आता है जो मौजूदा समय में उत्तर प्रदेश के सबसे सीनियर आईपीएस अधिकारी हैं.

इनके सेवानिवृत होने में केवल दो माह का ही समय बचता है. इसके बाद प्रदेश में सीनियर आईपीएस की रेस में आलोक मिश्रा का नाम है जो मौजूदा समय में एनएसजी के डीजी के पद पर है और यह भी अगले 6 महीने में रिटायर्ड हो जाएंगे

उनके बाद तीसरा बड़ा नाम बीएसएफ के डीजी दलजीत चौधरी का नाम है जो अगले साल रिटायर्ड हो रहे हैं. इसके बाद मौजूदा समय में डीजी के पद पर मौजूद चौथा नाम तिलोत्मा वर्मा का है जो इस साल के आखिरी तक सेवा निवृत होने जा रही हैं ऐसे में अगले साल फ़रवरी तक जीपी राजीव कृष्ण उत्तर प्रदेश के टॉप 3 सीनियर आईपीएस अधिकारियों के पैनल में शामिल हो जाएंगे.


योगी सरकार में यूपी के कार्यवाहक डीजीपी

  • आईपीएस विजय कुमार
  • आईपीएस डीएस चौहान
  • आईपीएस आरके विश्वकर्मा
  • आईपीएस प्रशांत कुमार
  • आईपीएस राजीव कृष्ण (वर्तमान)




    पूर्व डीजीपी ने बताई ये वजहः पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार ने साल 2024 में डीजीपी के चयन के लिए जो कैबिनेट से प्रस्ताव पास किया है. उसके तहत वह राजीव कृष्ण को उत्तर प्रदेश का स्थाई डीजीपी नियुक्त कर सकती है. इसके लिए उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव संघ लोक सेवा आयोग द्वारा नामित एक व्यक्ति उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग का अध्यक्ष या उससे नामित व्यक्ति प्रमुख सचिव गृह, एक रिटायर्ड डीजीपी जिसे उत्तर प्रदेश पुलिस में काम किया हो, यह कमेटी स्थाई डीजीपी का चयन कर सकती है. इस कमेटी द्वारा डीजीपी जिसे चयनित किया जाएगा वह 2 साल तक काम कर सकता है और राजीव कृष्ण के पास बेहतर मौका है.

ये भी पढ़ेंः यूपी के नए कार्यवाहक DGP बने राजीव कृष्ण; अखिलेश और मायावती ने कसा तंज, कहा- प्रदेश में कानून व्यवस्था सही नहीं

Last Updated : June 3, 2025 at 4:36 PM IST
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