लखनऊः 29 मई 2025 को आयकर विभाग में दो सीनियर अफसर योगेंद्र कुमार मिश्रा और गौरव गर्ग के बीच विवाद का मामला ठंडा होता नहीं दिख रहा है. हजरतगंज में इनकम टैक्स दफ्तर में तैनात असिस्टेंट कमिश्नर योगेंद्र कुमार मिश्रा और आईआरएस अधिकारी गौरव गर्ग में किसी बात को लेकर विवाद हो गया था. गुरुवार को यहां दोनों अफसरों के बीच मारपीट हुई थी. IRS गौरव गर्ग लखनऊ में तैनात रहीं आईपीएस अधिकारी रवीना त्यागी के पति हैं.
शुक्रवार को आईआरएस अधिकारी गौरव गर्ग ने पुलिस के सामने अपना बयान दर्ज कराया. पुलिस को ग्यारह पन्नों के बयान गौरव गर्ग ने कहा कि मैं वरिष्ठ अधिकारियों आयकर आयुक्त और शाश्वत शुक्ला के साथ अपने केबिन में बैठा था. तभी योगेंद्र मिश्रा चिल्लाते हुए वहां आये और गाली गलौच करते हुए उनके केबिन में पहुंच गये. कहने लगे कि वह उनका ट्रांसफर करवा देंगे. साथ ही उन्हें जान से मारने की धमकी दी.
इसके बाद योगेंद्र मिश्रा ने पीने के पानी का ग्लास उनके ऊपर फेंक दिया. ग्लास के टूटे हुए कांच से उनकी गर्दन पर हमला करने की कोशिश की. वो इस हमले से बचने के लिए अपने कमरे से बाहर भागने लगे, तभी योगेंद्र मिश्रा ने हाथ से उनका गला दबाने की कोशिश. इससे उनकी सांस रुकने लगी. आंखों के सामने अंधेरा छा गया था.
आईआरएस अधिकारी गौरव गर्ग ने कहा कि उन्होंने कोहनी की मदद से खुद को योगेंद्र मिश्रा से किसी तरह छुड़ाया. योगेंद्र कुमार मिश्रा ने उनको कई मुक्के मारे, जिससे उनकी नाक और होंठ से खून आने लगा. उनके दांत हिलने लगा और दायें कान से सुनाई देना बंद हो गया. इसके बाद योगेंद्र मिश्रा ने उनको जूते से भी मारा और उनके प्राइवेट पार्ट पर हमला किया.
गौरव गर्ग ने पुलिस को दिए 11 पन्नों के बयान में जॉइंट कमिश्नर योगेंद्र मिश्रा पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं. इसमें क्रिकेट मैच के विवाद को लेकर वरिष्ठ अधिकारियों को धमकी देने और पत्रकार को ब्लैकमेल करने का भी आरोप शामिल है. गौरव गर्ग ने बताया कि फरवरी 2025 में बीबीडी क्रिकेट ग्राउंड में हुए मैच के दौरान विवाद शुरू हुआ था.
योगेंद्र मिश्रा जबरदस्ती मैच में शामिल होने और कप्तान बनने की जिद पर अड़ गये और पिच पर बैठ गए. मामला मुख्य प्रधान आयकर आयोग तक पहुंच गया था. सेमीफाइनल मैच के दिन योगेंद्र मिश्रा ने पिच पर आकर मैच को बाधित करने का प्रयास किया. साथ ही धमकी दी कि अगर उन्हें नहीं खिलाया गया, तो वह मैच नहीं हो दे देंगे. इस चलते मैच लगभग 50 मिनट लेट हो गया था. इस दौरान उन्होंने जमकर हंगामा किया था.
पीसीसी सर ने उन्हें विभागीय कार्रवाई की चेतावनी दी थी. गौरव गर्ग ने बयान में कहा है कि मैच के बाद योगेंद्र मिश्रा ने व्हाट्सएप पर कई खिलाड़ियों को अपशब्द भी कहे थे. योगेंद्र कुमार मिश्रा के खिलाफ 12 शिकायतें प्राप्त हुई थीं. अनुशासनहीनता के कारण उनका लखनऊ से काशीपुर उत्तराखंड ट्रांसफर कर दिया गया था.
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