शिमला: आईपीएस अशोक तिवारी को हिमाचल के डीजीपी का जिम्मा दिया गया है. हालांकि, अभी वह कार्यकारी डीजीपी लगाए गए हैं. वर्तमान डीजीपी अतुल वर्मा के लीव पर चले जाने के बाद अशोक तिवारी को कार्यकारी डीजीपी लगाया गया है.
अशोक तिवारी की उपलब्धि
अशोक तिवारी 1993 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं. 26 नंबर 1969 को उत्तर प्रदेश में जन्मे अशोक तिवारी उस्मानिया यूनिवर्सिटी से एमटेक, एमपीएम है. हिमाचल में उन्होंने विभिन्न जगह पर अपनी सेवाएं दी हैं. 2009 में उन्हें उत्कृष्ट सेवा के लिए पुलिस मेडल मिल चुका है. 2019 में उन्हें बेहतरीन सेवा के लिए राष्ट्रपति पुलिस मेडल से सम्मानित किया गया था. अशोक तिवारी सीआईडी में भी बतौर एडीजीपी सेवाएं दे चुके हैं.
आईपीएस अधिकारी अशोक तिवारी केंद्र में आईटीबीपी में आईजी के पद पर तैनात थे. आईपीएस अशोक तिवारी ने केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से लौटने के बाद पुलिस मुख्यालय शिमला में ज्वाइन किया और वह डीजी विजिलेंस एंड एंटी क्रॉप्शन ब्यूरो हैं. अब उन्हें कार्यकारी डीजीपी लगाया गया है.
गौरतलब है कि अनुशासनहीनता के खिलाफ हिमाचल की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है. राज्य सरकार ने अतिरिक्त मुख्य सचिव ओंकार शर्मा से सभी विभाग वापिस ले लिए हैं. ओंकार शर्मा को अवकाश पर भेजा गया है. इसके साथ ही डीजीपी अतुल वर्मा और एसपी शिमला को भी हटाया गया है. सीनियर आईपीएस अफसर अशोक तिवारी डीजीपी का जिम्मा संभालेंगे. वहीं, आईपीएस गौरव सिंह को शिमला के एसपी का अतिरिक्त कार्यभार दिया गया है. ओंकार शर्मा के विभागों का तीन आईएएस अधिकारियों को जिम्मा दिया गया है.
ये भी पढ़ें: विमल नेगी मामले को लेकर राजभवन पहुंचा BJP प्रतिनिधिमंडल, राज्यपाल से SP शिमला को बर्खास्त करने की उठाई मांग
ये भी पढ़ें: एसीएस ओंकार शर्मा से सभी विभाग लिए वापस, डीजीपी-एसपी शिमला भी हटाए
ये भी पढ़ें: हिमाचल में नर्स भर्ती में कोरोना वॉरियर्स को मिलेगी प्राथमिकता, इन दो अस्पतालों में शुरू होगी रोबोटिक सर्जरी