अंतरराष्ट्रीय पुष्कर पशु मेला 2025 : ऊंटों की संख्या में इजाफा होने की उम्मीद, कवि सम्मेलन, बॉलीवुड नाइट होगा आकर्षण
22 अक्टूबर से अंतरराष्ट्रीय पुष्कर मेले की शुरुआत हो रही है. जानिए इस बार क्या होगा खास....

Published : October 11, 2025 at 4:08 PM IST
अजमेर : अंतरराष्ट्रीय पुष्कर पशु मेले की तैयारियां जोर-शोर से की जा रही हैं. इस बार पुष्कर मेले को भव्य रूप देने के लिए सरकार के स्तर पर भी रुचि नजर आ रही है. यही वजह है कि मेले में आकर्षण भरने के लिए बैठकों के दौर जारी हैं. मेले को लेकर कार्य योजनाएं तैयार की जा रही है. राज्य धरोहर ऊंट को राजस्थान से बाहर ले जाने के लिए भी सरकार ने नोटिफिकेशन जारी किया है. ऐसे में रेगिस्तान का जहाज कहे जाने वाले ऊंट की संख्या गत वर्ष की तुलना में इस बार अधिक देखने को मिल सकती है. ऊंट की खरीद फरोख्त के लिए अन्य राज्यों से भी कारोबारी पुष्कर में नजर आएंगे.
अंतरराष्ट्रीय पुष्कर मेला 2025 का अनौपचारिक आगाज 22 अक्टूबर से होगा. 20 अक्टूबर को मेला मैदान में पारंपरिक रूप से ध्वजारोहण होगा और मेले की विधिवत शुरुआत 30 अक्टूबर से होगी. 2 नवंबर से पूर्णिमा तक पशुपालकों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से विभिन्न प्रतियोगिताएं और प्रदर्शनी आयोजित की जाएगी. 5 नवंबर को पुरस्कार वितरण समारोह में विजेता पशुपालकों को पुरस्कृत भी किया जाएगा. इसके अलावा पर्यटन विभाग की ओर से विभिन्न सांस्कृतिक, पारंपरिक खेल कूद और अन्य गतिविधियां आयोजित होंगी. 7 नवंबर को पशु मेला संपन्न होगा.
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पशुपालकों को आमंत्रण : मेले की व्यवस्था और पर्यटकों की सुविधा के लिए प्रशासन तैयारियों में जुटा हुआ है. पशुपालन विभाग भी प्रदेश ही नहीं अन्य राज्यों के पशुपालकों से भी संपर्क कर रहा है. पशु मेले में रेगिस्तान का जहाज कहे जाने वाला ऊंट देसी और विदेशी पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र रहता है. लिहाजा पशुपालन विभाग पशुपालकों को परिवार और पशुओं सहित मेले में आने के लिए आमंत्रित कर रहा है, ताकि पुष्कर पशु मेले की शान ऊंट की संख्या में इजाफा हो सके. इसी तरह अश्व पालकों से भी संपर्क साधा जा रहा है.

जगह आवंटन के लिए ऑनलाइन व्यवस्था : इस बार नवाचार करते हुए पशुपालकों की सुविधा के लिए पशुपालन विभाग ने पोर्टल भी लॉन्च किया है, जिसके माध्यम से देश के किसी भी राज्य में रहने वाला पशुपालक पुष्कर मेला क्षेत्र में अपने पशुओं के लिए जगह अस्थाई रूप से आवंटित करवा सकता है. पशुपालन विभाग में संयुक्त निदेशक डॉ. सुनील घीया ने बताया कि मेला क्षेत्र में जगह अस्थाई रूप से आवंटित करने की प्रक्रिया नई है, इसलिए ऑनलाइन के साथ-साथ ऑफलाइन की भी व्यवस्था की गई है. ऑफलाइन बुकिंग एक साथ होती है, जिससे कार्यभार पशुपालन विभाग का बढ़ जाता है और कई बार विवाद की स्थिति हो जाती है. ऐसी स्थिति से निपटने और पशुपालकों की सुविधा के लिए ऑनलाइन व्यवस्था की गई है, ताकि किसी भी राज्य का पशुपालक अपने घर बैठे पुष्कर पशु मेला क्षेत्र में अपने पशुओं के लिए अस्थाई रूप से जगह आवंटित करवा सकें.

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ऊंट पालन को मिलेगा बढ़ावा : डॉ. सुनील घीया ने बताया कि सरकार ने कैबिनेट स्तर पर ऊंट के परिवहन को लेकर निर्णय लिया है. फिलहाल इसका नोटिफिकेशन अजमेर पशुपालन विभाग को नहीं मिला है. सरकार ने यदि ऊंट के परिवहन को लेकर लगी पाबंदी में शिथिलता दी है तो निश्चित रूप से ऊंट पालकों के लिए यह उत्साह की खबर है. डॉ. घीया ने कहा कि ऊंट को अन्य राज्यों में ले जाने की स्वीकृति यदि मिलती है तो ऊंट पालन को बढ़ावा मिलेगा. ऊंट के दामों में भी बढ़ोतरी होगी, जिसका सीधा फायदा पशुपालकों को मिलेगा. नोटिफिकेशन यदि जारी होता है तो ऊंट पालकों में उत्साह नजर आएगा. मेले में ऊंटों की संख्या में भी काफी फर्क पड़ेगा. गत वर्ष 3 हजार 202 ऊंट बिकने के लिए आए थे.

ऊंट के मिलेंगे अच्छे दाम : उन्होंने भी बताया कि 2019 की पशु गणना के आधार पर प्रदेश में 2 लाख 12 हजार 939 ऊंट थे. अजमेर में 1 हजार 95 ऊंट थे. हालांकि, वर्ष 2024 में भी पशु गणना हुई है, लेकिन इसका डेटा सरकार ने अभी साझा नहीं किया है. पाबंदी के कारण मेले में राजस्थान के कारोबारी ही ऊंट की खरीद फरोख्त किया करते थे. ऊंट परिवहन को लेकर नोटिफिकेशन जारी हो जाता है तो बाहर से आने वाले कारोबारी भी ऊंट की कीमत लगाएंगे. इससे प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और ऊंट के दाम ऊंचे जाएंगे. ऊंट पालन के लिए सरकार योजना के तहत ऊंटनी के प्रसव होने पर पशुपालक को सहायता के लिए दो किस्तों में 10-10 हजार रुपए दिए जाते थे, जिसे सरकार ने बढ़ाकर 20 हजार कर दिया है. उन्होंने यह भी बताया कि मेले में राज्य के बाहर से आने वाले पर्यटकों और विदेशी सैलानियों में ऊंट को लेकर काफी क्रेज रहता है.
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कवि सम्मेलन, बॉलीवुड नाइट, पारंपरिक सांस्कृतिक कार्यक्रम : पर्यटन विभाग मेले को आकर्षित बनाने की उद्देश्य से कार्य योजना तैयार कर रहा है. मेले में होने वाले सांस्कृतिक और खेलकूद प्रतियोगिताओं के कार्यक्रमों की रूपरेखा को अंतिम रूप देने में लगा है. इस बार पुष्कर मेले में कवि सम्मेलन और बॉलीवुड नाइट में नए दिग्गज गायक की जादुई आवाज सुनने को मिलेगी.

अनेक राज्यों की लोक कला संस्कृति की झलक : पर्यटन विभाग में अतिरिक्त निदेशक योगेश खत्री बताते हैं कि पुष्कर पशु मेले में 30 अक्टूबर से 5 नवंबर तक विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम और गतिविधियां पर्यटन विभाग की ओर से आयोजित की जाएगी. पश्चिमी राजस्थान की प्रसिद्ध लोक नृत्य और गायन, वाद्य का प्रदर्शन देसी और विदेशी पर्यटकों को राजस्थान की लोक संस्कृति की झलक दिखलाएगा. इसी तरह भारत के अनेक राज्यों की लोक कला संस्कृति की झलक भी एक ही मंच पर पर्यटक देख पाएंगे. दिन में विभिन्न प्रकार के पारंपरिक खेलकूद और गतिविधियां भी आयोजित होंगी, जिसमें देसी और विदेशी पर्यटक भाग ले पाएंगे. मूंछ और साफा प्रतियोगिता, खो-खो, चेयर रेस, फुटबॉल की प्रतियोगिताएं होंगी. इवनिंग कल्चरल प्रोग्राम में बेस्ट ऑफ राजस्थान, बेस्ट ऑफ पुष्कर का आयोजन होगा.

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उन्होंने बताया कि मेले के दौरान ही एक दिन बॉलीवुड नाइट का भी कार्यक्रम होगा, जो मेले का खास आकर्षण रहता है. कोरोना के बाद विदेशी पर्यटकों की संख्या में काफी कमी आई है. वैश्विक हालात भी एक कारण है, जबकि देसी पर्यटकों की संख्या ज्यादा बढ़ गई है, लेकिन इस बार उम्मीद जताई जा रही है कि विदेशी पर्यटकों की संख्या में इजाफा होगा.

