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कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में घायल बाघ की डिहाइड्रेशन से मौत, ढिकाला जोन से किया गया था रेस्क्यू - DEATH OF TIGER

कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में घायल बाघ की मौत हो गई. बाघ को तीन दिन पहले ही रेस्क्यू किया गया था.

Death of tiger
कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में घायल बाघ की मौत (PHOTO-ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : April 12, 2025 at 8:37 PM IST

2 Min Read

रामनगर: कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के ढिकाला पर्यटन जोन से रेस्क्यू किए गए घायल बाघ की डिहाइड्रेशन के कारण मौत हो गई. बाघ का उपचार कॉर्बेट पार्क के ढेला स्थित रेस्क्यू सेंटर में चल रहा था. जहां उसने शनिवार को अंतिम सांस ली. घायल बाघ को तीन दिन पहले ही रेस्क्यू किया गया था.

कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के पार्क वार्डन अमित ग्वासाकोटी ने जानकारी देते हुए बताया कि कुछ दिन पहले गश्त के दौरान वनकर्मियों ने ढिकाला जोन में इस बाघ को घायल अवस्था में देखा था. तत्काल उच्चाधिकारियों को सूचित किया गया और एक विशेष रेस्क्यू ऑपरेशन की तैयारी शुरू की गई. रेस्क्यू अभियान को सफलतापूर्वक अंजाम देने के लिए ड्रोन कैमरों और हाथियों की मदद ली गई. कई घंटे की कोशिशों के बाद आखिरकार तीन दिन पहले बाघ को सफलतापूर्वक ट्रेंकुलाइज कर रेस्क्यू किया गया और ढेला रेस्क्यू सेंटर में लाकर उसका इलाज शुरू किया गया.

पानी की कमी और कमजोरी बनी मौत की वजह: रेस्क्यू के वक्त से ही बाघ की हालत गंभीर बनी हुई थी.पशु चिकित्सकों की टीम लगातार इलाज में जुटी हुई थी. लेकिन उसकी हालत में कोई खास सुधार नहीं हो पाया. शनिवार को बाघ की स्थिति और अधिक बिगड़ गई और डिहाइड्रेशन (निर्जलीकरण) के कारण उसकी मौत हो गई.

कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में घायल बाघ की मौत (ETV Bharat)

पार्क वार्डन अमित ग्वासाकोटी ने बताया, बाघ को जब ढिकाला से लाया गया था. तब वह बेहद कमजोर अवस्था में था. उसके शरीर पर गहरे जख्म थे और वह भोजन और पानी नहीं ले रहा था. पशु चिकित्सकों ने उसे हर संभव चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई. लेकिन फिर भी उसकी जान नहीं बचाई जा सकी.

एनटीसीए की गाइडलाइंस के तहत अंतिम क्रियाएं पूरी: बाघ की मौत के बाद राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) की गाइडलाइंस के तहत उसका पोस्टमॉर्टम किया गया. वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों और वन्यजीव विशेषज्ञों की मौजूदगी में शव परीक्षण के बाद बाघ के शव को नष्ट कर दिया गया.

संभावना जताई जा रही है कि आपसी संघर्ष या किसी पुराने जख्म की वजह से उसकी हालत बिगड़ी थी. बता दें कि यह नर बाघ था जिसकी उम्र 6 से 7 वर्ष बताई जा रही है.

ये भी पढ़ें: कॉर्बेट के ढिकाला जोन में घूम रहा घायल बाघ, पार्क प्रशासन सतर्क, हाथी से हो रही पेट्रोलिंग

रामनगर: कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के ढिकाला पर्यटन जोन से रेस्क्यू किए गए घायल बाघ की डिहाइड्रेशन के कारण मौत हो गई. बाघ का उपचार कॉर्बेट पार्क के ढेला स्थित रेस्क्यू सेंटर में चल रहा था. जहां उसने शनिवार को अंतिम सांस ली. घायल बाघ को तीन दिन पहले ही रेस्क्यू किया गया था.

कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के पार्क वार्डन अमित ग्वासाकोटी ने जानकारी देते हुए बताया कि कुछ दिन पहले गश्त के दौरान वनकर्मियों ने ढिकाला जोन में इस बाघ को घायल अवस्था में देखा था. तत्काल उच्चाधिकारियों को सूचित किया गया और एक विशेष रेस्क्यू ऑपरेशन की तैयारी शुरू की गई. रेस्क्यू अभियान को सफलतापूर्वक अंजाम देने के लिए ड्रोन कैमरों और हाथियों की मदद ली गई. कई घंटे की कोशिशों के बाद आखिरकार तीन दिन पहले बाघ को सफलतापूर्वक ट्रेंकुलाइज कर रेस्क्यू किया गया और ढेला रेस्क्यू सेंटर में लाकर उसका इलाज शुरू किया गया.

पानी की कमी और कमजोरी बनी मौत की वजह: रेस्क्यू के वक्त से ही बाघ की हालत गंभीर बनी हुई थी.पशु चिकित्सकों की टीम लगातार इलाज में जुटी हुई थी. लेकिन उसकी हालत में कोई खास सुधार नहीं हो पाया. शनिवार को बाघ की स्थिति और अधिक बिगड़ गई और डिहाइड्रेशन (निर्जलीकरण) के कारण उसकी मौत हो गई.

कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में घायल बाघ की मौत (ETV Bharat)

पार्क वार्डन अमित ग्वासाकोटी ने बताया, बाघ को जब ढिकाला से लाया गया था. तब वह बेहद कमजोर अवस्था में था. उसके शरीर पर गहरे जख्म थे और वह भोजन और पानी नहीं ले रहा था. पशु चिकित्सकों ने उसे हर संभव चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई. लेकिन फिर भी उसकी जान नहीं बचाई जा सकी.

एनटीसीए की गाइडलाइंस के तहत अंतिम क्रियाएं पूरी: बाघ की मौत के बाद राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) की गाइडलाइंस के तहत उसका पोस्टमॉर्टम किया गया. वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों और वन्यजीव विशेषज्ञों की मौजूदगी में शव परीक्षण के बाद बाघ के शव को नष्ट कर दिया गया.

संभावना जताई जा रही है कि आपसी संघर्ष या किसी पुराने जख्म की वजह से उसकी हालत बिगड़ी थी. बता दें कि यह नर बाघ था जिसकी उम्र 6 से 7 वर्ष बताई जा रही है.

ये भी पढ़ें: कॉर्बेट के ढिकाला जोन में घूम रहा घायल बाघ, पार्क प्रशासन सतर्क, हाथी से हो रही पेट्रोलिंग

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