जयपुर. प्रदेश में पर्यावरण संरक्षण और प्लास्टिक के नुकसान से बचाने के लिए राज्य सरकार ने ग्रामीण इलाकों में कवायद शुरू कर दी है. गांवों में होने वाले शादियों और अन्य सामूहिक कार्यक्रमों में प्लास्टिक और डिस्पोजल के बर्तन काम में नहीं लिए जाएंगे. इसके लिए राज्य सरकार ने ग्राम पंचायतों में बर्तन बैंक खोले हैं. इन बर्तन बैंकों में स्टील के बर्तन काम में लिए जाएंगे. बर्तन बैंक खोलने की घोषणा राज्य सरकार ने अपने बजट घोषणा 2025- 26 में की थी, जिसमें पहले चरण में चयनित 1000 ग्राम पंचायत में बर्तन बैंक खोले जाने थे.
23 मार्च को खैराबाद ग्राम पंचायत में खुला था पहला बर्तन बैंक : पंचायत राज मंत्री मदन दिलावर के विधानसभा क्षेत्र रामगंज मंडी की खैराबाद ग्राम पंचायत में सबसे पहले 23 मार्च को बर्तन बैंक की स्थापना की गई थी. बर्तन बैंक में 400 स्टील के बर्तन होंगे. वहीं हर ग्राम पंचायत में बर्तन बैंक की स्थापना के लिए एक-एक लाख रुपए राशि भी सरकार की ओर से स्वीकृत की गई है.
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प्रदेश में अब तक 548 बर्तन बैंक शुरू : पंचायत राज मंत्री मदन दिलावर का कहना है कि गांवों को प्लास्टिक मुक्त रखने के लिए कई अभियान चलाए जा रहे हैं, उनमें से ही एक अभियान बर्तन बैंक भी है. ग्रामीण इलाकों में लोग शादी ब्याह और अनेक कार्यक्रमों में प्लास्टिक और डिस्पोजल काम में ले रहे हैं जिससे कि पर्यावरण के साथ-साथ लोगों के स्वास्थ्य को भी नुकसान हो रहा है. इसी से बचने के लिए बजट घोषणा के अनुसार बर्तन बैंक खोले जा रहे हैं, उन्होंने कहा कि अब तक 548 बर्तन बैंक शुरू हो गए हैं. पहले चरण में 1000 ग्राम पंचायतों का चयन किया गया है. उसके बाद सभी 11000 से अधिक ग्राम पंचायतों में भी बर्तन बैंक खोले जाएंगे.
उन्होंने कहा कि इस माह के अंत तक सभी 1000 ग्राम पंचायतों में बर्तन बैंक खोल दिए जाएंगे. सीमावर्ती जिलों में भारत पाकिस्तान युद्ध के तनाव के चलते वहां पर फिलहाल बर्तन बैंक का काम शुरू नहीं हो पाया. जैसे हालात सामान्य होंगे वहां भी इस प्रक्रिया को शुरू कर दिया जाएगा.

एक बर्तन सेट का 3 रुपए होगा किराया : पंचायत राज विभाग के अधिकारियों के मुताबिक जहां प्रत्येक ग्राम पंचायत में 400 बर्तनों का एक बर्तन बैंक होगा तो वहीं एक बर्तन सेट में एक प्लेट, तीन कटोरी, एक चम्मच और एक गिलास कुल 6 बर्तन होंगे, जिसका किराया 3 रुपए प्रति सेट होगा. हालांकि बीपीएल, दिव्यांग, अनुसूचित जाति, जनजाति, विधवा श्रेणी के लोगों को किराए में 50 फीसदी की छूट दी जाएगी.
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5 साल में रिप्लेसमेंट होंगे बर्तन : बर्तन बैंक में शामिल बर्तनों को 5 साल में रिप्लेसमेंट किया जाएगा और नए बर्तन खरीदे जाएंगे. बर्तन बैंक का रख रखाव का जिम्मा राजीविका की महिला स्वयं सहायता समूह के जरिए किया जाएगा. बर्तनों में टूट फूट होने और गुम होने की स्थिति में नुकसान की भरपाई भी उपयोगकर्ता से वसूली जाएगी. बर्तन के उपयोग से होने वाली आए ग्राम पंचायत के पास रहेगी.

गांव का कोई भी ग्रामीण ले सकता है किराए पर बर्तन : बर्तन बैंक को लेकर जारी गाइडलाइन के मुताबिक ग्रामीण इलाकों में कोई भी स्थानीय व्यक्ति सामूहिक कार्यक्रमों के लिए बर्तन बैंक से बर्तनों को किराए पर ले सकता है, इसके लिए उसका वहां का स्थानीय निवासी होना जरूरी है.
जयपुर सहित 10 जिलों में 30 बर्तन बैंक खुलेंगे : वहीं जयपुर सहित 10 से ज्यादा जिलों में 30 ग्राम पंचायतों में बर्तन बैंक खोले जाने हैं. इनमें अलवर, बांसवाड़ा, बाड़मेर, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़,दौसा, डूंगरपुर, जयपुर,जालौर, जोधपुर, सीकरऔर उदयपुर जिले की ग्राम पंचायत में खोले जाने हैं.
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