नारी शक्ति के हुनर को इंदौर में मिला बड़ा मंच, बड़े सस्ते मिल रहे होममेड लग्जरी प्रोडक्ट
इंदौर में दिवाली से पहले लगा उत्सव एक्सपो, एक से बढ़कर एक होममेड आइटमों की सजी दुकानें, क्रिएटिविटी देख मन हो जाएगा खुश.

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team
Published : October 9, 2025 at 12:16 PM IST
|Updated : October 9, 2025 at 12:44 PM IST
इंदौर: हर किसी में कोई न कोई प्रतिभा ऐसी होती है, जो उसे एक अलग पहचान दे सकती है. इसी सोच के साथ अपने खास हुनर की बदौलत महिलाएं तरह-तरह के होममेड प्रोडक्ट बना रही हैं. प्रदेश की सैकड़ों महिलाएं अपने खास उत्पादों को बेचकर अपने पैरों पर खड़ी हो रही हैं. इन दिनों इंदौर में उत्सव एक्सपो में लगा हुआ है. जिसमें ऐसी ही तमाम महिलाओं ने होममेड आइटमों की दुकानें लगाई हैं. इन दुकानों में बिकने वाली सभी चीजें उनके द्वारा तैयार की गई हैं.
महिलाओं की क्रिएटिविटी ने मोहा मन
इंदौर के गांधी हाल में आयोजित यह मेला कुछ खास है. खास इसलिए भी क्योंकि मेले की तमाम दुकानों पर सिर्फ वहीं उत्पाद बिकने के लिए आए हैं, जो यहां स्टॉल लगाने वाली उद्यमी महिलाओं द्वारा तैयार किए गए हैं. दीपावली के पूर्व तैयार किए गए इन उत्पादों में तरह-तरह के दीपक मोमबत्ती और सजावट के हाउसहोल्ड सामग्रियां हैं. इसके अलावा हाथ से तैयार किए गए कपड़े, उन पर हुई पेंटिंग और फोटो फ्रेमिंग के साथ तरह-तरह की मिठाइयों सहित अन्य सामग्री हैं.
एक्सपो में सिर्फ महिला की दुकानें
शायद यह पहला मौका होगा, जब इस एक्स्पो में महिलाओं के ज्यादातर स्टॉल लगे नजर आ रहे हैं. इन स्टॉलों में सिर्फ वही आइटम हैं, जो महिलाओं ने खुद अपने हुनर से तैयार किए हैं. इन प्रोडक्ट्स को जिस किसी ने भी देखा वह उसका कायल हो गया. सस्ती दरों पर बिकने वाले इन सामानों को तैयार करने में महिलाओं ने अपनी पूरी क्रिएटिविटी लगा रखी थी.

आत्मनिर्भर होने की ललक
इंदौर उत्सव एक्सपो की आयोजक सुनीता पाटीदार के मुताबिक, ''देश की आम गृहिणी अब सिर्फ चूल्हे-चौके से बंध कर नहीं रहना चाहती हैं. उनकी कोशिश क्रिएटिविटी और कुछ नया करने की होती है. चाहे वह खानपान या किसी अन्य क्षेत्र में हो. महिलाओं का प्रयास होता कि अपने शौक को ही अपनी आत्मनिर्भरता का माध्यम बनाया जाए. यही वजह है कि स्व सहायता समूहों और वर्तमान दौर के आत्मनिर्भर भारत अभियान के साथ अब वुमन एंपावरमेंट ऐसे मेलों में भी नजर आ रहा है.''

आत्मनिर्भरता की ओर कदम
गृहणी दिव्या विजयवर्गीय बताती हैं कि "परिवार में भी स्वाभिमान और आत्मसम्मान के लिए कमाई का माध्यम होना बहुत जरूरी है. इससे परिवार की जिम्मेदारी के अलावा महिलाएं अपनी जरूरत और शौक के मुताबिक जीवन जी सकती हैं. इसके अलावा उन्हें अपने शौक को पूरा करने का सुलभ माध्यम भी मिल जाता है, जिसकी बदौलत वे अपना अलग मुकाम न केवल परिवार में बल्कि समाज में बना पाती हैं.''


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स्वदेशी आंदोलन की मदद
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दीपावली के पूर्व आत्मनिर्भर भारत के लिए स्वदेशी आंदोलन का नारा दिया है. उसमें महिलाओं के छोटे-छोटे स्व सहायता समूह तरह-तरह के समान तैयार करने वाले स्टार्टअप भी बड़ा रोल प्ले करते हैं. इसके अलावा हाथ से बने सामान और हस्तशिल्प की समाज के एक वर्ग में बड़ी मांग है, जो अपनी आर्ट और कारीगरी के हिसाब से ऊंची कीमत में बिकता है. इसके अलावा ऐसे आयोजनों से उन महिलाओं को बाजार का मंच मिलता है, जो अपने प्रोडक्ट के ग्राहकों तक नहीं पहुंच पाती. वही ग्राहकों को भी सीधे निर्माता द्वारा सामान खरीदने पर उन्हें कम कीमतों में सामान उपलब्ध हो जाता है, जिसका फायदा दोनों पक्षों को मिलता है.

