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इंदौर के रोकड़िया हनुमानजी का दरबार, यहां पीपड़ और बरगद के पत्ते पर लगती है अर्जी - INDORE ROKADIA HANUMAN TEMPLE

इंदौर में होलकर राजवंश द्वारा बनवाए गया रोकड़िया बाबा हनुमान मंदिर चमत्कारी है. यहां से कोई भक्त खाली हाथ नहीं जाता.

Indore Rokadia Hanuman temple
इंदौर के रोकड़िया हनुमानजी का दरबार (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : April 10, 2025 at 4:02 PM IST

3 Min Read

इंदौर: रामभक्त हनुमान जी की महिला बड़ी निराली है. इंदौर में भी हनुमान जी का एक ऐसा मंदिर है, जिसे होलकर राजवंश ने बनवाया था. रोकड़िया बाबा हनुमान मंदिर की ख्याति दूर-दूर तक है. यहां भक्त पीपल और बरगद के पेड़ के पत्ते के साथ ही पर्ची पर अपनी मनोकामना लिखकर लाते हैं और हनुमान जी के सामने लगी दानपात्र में अर्पित करते हैं. भक्त दावा करते हैं कि कुछ ही महीने में उनकी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं. मनोकामना पूरी होने पर भक्त मंदिर में विभिन्न प्रकार का प्रसाद चढ़ाते हैं.

होलकर राजवंश ने कराई थी प्राण प्रतिष्ठा

गौरतलब है कि होलकर राजवंश द्वारा इंदौर के रामचंद्र नगर चौराहे पर रोकडिया बाबा के नाम से हनुमान प्रतिमा स्थापित की थी. इसके बाद इंदौर का चहुंमुखी विकास हो रहा है. मंदिर के मुख्य पुजारी संजय उपाध्याय बताते हैं "ये मंदिर बरसों पुराना है. यहां हनुमान जी का प्रताप इस कदर है कि यहां पर यदि कोई भक्त पर्ची पर या पीपल या बरगद के पेड़ के पत्ते पर मनोकामना लिखकर हनुमान जी के सामने मौजूद दानपत्र में डाल देता है तो निश्चित तौर पर उसकी मनोकामना पूरी होती है. दानपात्र को जब खोलते हैं तो लोगों की मनोकामनाओं की पर्ची के बारे में जानकारी लगती है. उसके बाद संबंधित भक्त द्वारा मंदिर में प्रसाद चढ़ाया जाता है. कुछ भक्त मंदिर के विकास कार्य में सहयोग करते हैं."

रोकड़िया हनुमानजी मंदिर में बरगद के पत्ते पर अर्जी (ETV BHARAT)

भक्त दानपात्र में लगा जाते हैं अपनी अर्जी

मंदिर से ही जुड़े कमल बीसी का भी कहना है "कई भक्तों द्वारा अपनी मनोकामना पर्ची पीपल और बरगद के पेड़ के पत्ते पर लिखकर दानपत्र में डाल दी जाती है. कुछ ही दिनों में उनकी मनोकामना पूरी हो जाती है." भक्त आशीष शुक्ला का कहना है "मैं रोजाना रोकड़िया हनुमान के दर्शन करने के लिए आता हूं. बाबा का चमत्कार और आशीर्वाद इस प्रकार है कि जब से मैं इस मंदिर से जुड़ा हूं, तबसे सारी परेशानियां खत्म हो गईं." भक्त विकास पथरोड का कहना है "इस क्षेत्र में मेरा जन्म हुआ है और मंदिर बचपन से दर्शन करने के लिए आ रहा हूं. यहां इंदौर के साथ ही आसपास के जिलों से भक्त आते हैं."

हनुमानजी के श्रृंगार के लिए लगता है भक्तों का नंबर

रोकडिया हनुमान मंदिर करीब 300 वर्ष पुराना है. यहां हनुमान जयंती पर विशेष आयोजन होते हैं. हनुमान जी का विशेष श्रृंगार को लेकर भी यहां पर भक्तों में काफी श्रद्धा देखने को मिलती है. कई भक्त एक महीने पहले से भगवान के श्रृंगार और चोले को लेकर नंबर लगाते हैं. बता दें कि रोकडिया बाबा हनुमान का मंदिर इंदौर के एयरपोर्ट रोड के रामचंद्र नगर पर मौजूद है. जिस समय इस मंदिर की स्थापना हुई थी. उस समय यह जंगल क्षेत्र में आता था लेकिन आज मंदिर के आसपास के क्षेत्र में कई पॉश कॉलोनियां बन गई हैं.

इंदौर: रामभक्त हनुमान जी की महिला बड़ी निराली है. इंदौर में भी हनुमान जी का एक ऐसा मंदिर है, जिसे होलकर राजवंश ने बनवाया था. रोकड़िया बाबा हनुमान मंदिर की ख्याति दूर-दूर तक है. यहां भक्त पीपल और बरगद के पेड़ के पत्ते के साथ ही पर्ची पर अपनी मनोकामना लिखकर लाते हैं और हनुमान जी के सामने लगी दानपात्र में अर्पित करते हैं. भक्त दावा करते हैं कि कुछ ही महीने में उनकी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं. मनोकामना पूरी होने पर भक्त मंदिर में विभिन्न प्रकार का प्रसाद चढ़ाते हैं.

होलकर राजवंश ने कराई थी प्राण प्रतिष्ठा

गौरतलब है कि होलकर राजवंश द्वारा इंदौर के रामचंद्र नगर चौराहे पर रोकडिया बाबा के नाम से हनुमान प्रतिमा स्थापित की थी. इसके बाद इंदौर का चहुंमुखी विकास हो रहा है. मंदिर के मुख्य पुजारी संजय उपाध्याय बताते हैं "ये मंदिर बरसों पुराना है. यहां हनुमान जी का प्रताप इस कदर है कि यहां पर यदि कोई भक्त पर्ची पर या पीपल या बरगद के पेड़ के पत्ते पर मनोकामना लिखकर हनुमान जी के सामने मौजूद दानपत्र में डाल देता है तो निश्चित तौर पर उसकी मनोकामना पूरी होती है. दानपात्र को जब खोलते हैं तो लोगों की मनोकामनाओं की पर्ची के बारे में जानकारी लगती है. उसके बाद संबंधित भक्त द्वारा मंदिर में प्रसाद चढ़ाया जाता है. कुछ भक्त मंदिर के विकास कार्य में सहयोग करते हैं."

रोकड़िया हनुमानजी मंदिर में बरगद के पत्ते पर अर्जी (ETV BHARAT)

भक्त दानपात्र में लगा जाते हैं अपनी अर्जी

मंदिर से ही जुड़े कमल बीसी का भी कहना है "कई भक्तों द्वारा अपनी मनोकामना पर्ची पीपल और बरगद के पेड़ के पत्ते पर लिखकर दानपत्र में डाल दी जाती है. कुछ ही दिनों में उनकी मनोकामना पूरी हो जाती है." भक्त आशीष शुक्ला का कहना है "मैं रोजाना रोकड़िया हनुमान के दर्शन करने के लिए आता हूं. बाबा का चमत्कार और आशीर्वाद इस प्रकार है कि जब से मैं इस मंदिर से जुड़ा हूं, तबसे सारी परेशानियां खत्म हो गईं." भक्त विकास पथरोड का कहना है "इस क्षेत्र में मेरा जन्म हुआ है और मंदिर बचपन से दर्शन करने के लिए आ रहा हूं. यहां इंदौर के साथ ही आसपास के जिलों से भक्त आते हैं."

हनुमानजी के श्रृंगार के लिए लगता है भक्तों का नंबर

रोकडिया हनुमान मंदिर करीब 300 वर्ष पुराना है. यहां हनुमान जयंती पर विशेष आयोजन होते हैं. हनुमान जी का विशेष श्रृंगार को लेकर भी यहां पर भक्तों में काफी श्रद्धा देखने को मिलती है. कई भक्त एक महीने पहले से भगवान के श्रृंगार और चोले को लेकर नंबर लगाते हैं. बता दें कि रोकडिया बाबा हनुमान का मंदिर इंदौर के एयरपोर्ट रोड के रामचंद्र नगर पर मौजूद है. जिस समय इस मंदिर की स्थापना हुई थी. उस समय यह जंगल क्षेत्र में आता था लेकिन आज मंदिर के आसपास के क्षेत्र में कई पॉश कॉलोनियां बन गई हैं.

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