इंदौर: हाईकोर्ट ने कहा इंदौर नगर निगम को सील की गई बैंक शाखा को तत्काल डी-सील करने के आदेश दिए हैं. कोर्ट ने कहा कि नगर निगम की इस तरह की कार्रवाई से लोगों में भय पैदा होता है. बैंकों में लोगों का नगद जमा रहता है... लॉकर भी रहते हैं. निगम की कार्रवाई पर नाराजगी जताते हुए कोर्ट ने आदेश की प्रति मिलने के 1 घंटे के भीतर बैंक पर लगाई गई सील खोलने को कहा है.
इंदौर नगर निगम ने कर्नाटक बैंक सहित अन्य ऑफिसेस को किया था सील
बता दें इंदौर नगर निगम और जिला प्रशासन की टीम ने पिछले दिनों गेटर कैलाश रोड स्थित एक बिल्डिंग में कर्नाटक बैंक सहित अन्य ऑफिसेस को सील किया था. जिसके खिलाफ कर्नाटक बैंक के मुख्य प्रबंधक संदीप कुमार चौधरी ने हाई कोर्ट की इंदौर बेंच में याचिका लगाई थी. जिसकी सुनवाई जस्टिस सुबोध अभ्यंकर ने की.
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कोर्ट के समक्ष बैंक प्रबंधक की ओर से कहा गया कि नगर निगम ने बिल्डिंग सील करने के संबंध में जो कैविएट दायर की है उसमें बैंक को सील करने से पहले कोई नोटिस या मौखिक सूचना तक बैंक को नहीं दी गई. बैंक खुलने से पहले ही नगर निगम और एसडीएम पहुंचे और सीधे बैंक को सील कर दिया. वहीं एक दिन बैंकिंग नहीं होने से बैंक को भारी नुकसान हुआ. शहर में बैंक के कई एटीएम मौजूद हैं जिसमें केस रिफिलिंग की जाना थी वह भी नहीं हो पाई. वहीं ग्राहकों बैंक जाकर वापस बिना अपना काम कराए लौटना पड़ा.
इंदौर की हाई राइज बिल्डिंग्स में फायर सेफ्टी इक्विपमेंट की निगम की तरफ से की जा रही है जांच
बता दें इंदौर में नगर निगम और जिला प्रशासन की तरफ से शहर की कई हाई राइज बिल्डिंग्स में फायर सेफ्टी इक्विपमेंट की उपलब्धता की जांच की जा रही है. जहां पर फायर सेफ्टी उपकरण मौजूद नहीं है उन बिल्डिंग्स को सील किया जा रहा है. पिछले कुछ दिनों में 5 से अधिक बिल्डिंग्स को सील किया जा चुका है. जिनमें कई बैंक और अलग-अलग तरह के ऑफिस मौजूद थे.