इंदौर : मध्य प्रदेश में फर्जी बैंक गारंटी से किए गए घोटाले में कार्रवाई शुरू हो गई है. बता दें कि सीबीआई ने इंदौर में 183.21 करोड़ का फर्जी बैंक गारंटी घोटाला उजागर किया है. इस मामले में सीबीआई ने पंजाब नेशनल बैंक के एक सीनियर मैनेजर समेत दो अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया है. जांच में सामने आया कि कोलकाता से एक गैंग देश के विभिन्न राज्यों में सरकारी ठेके लेने के लिए फर्जी गारंटी का गोरखधंधा कर रही थी.
हाई कोर्ट के निर्देश पर सीबीआई की कार्रवाई
दरअसल, केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के निर्देश के बाद फर्जी बैंक गारंटी से करोड़ों के सरकारी ठेके के 3 मामले दर्ज किए हैं. ये मामले इंदौर स्थित एक कंपनी द्वारा मध्य प्रदेश जल निगम लिमिटेड (MPJNL) को 183.21 करोड़ रुपये की फर्जी बैंक गारंटी से जुड़े हैं. सीबीआई के अनुसार संबंधित कंपनी ने 2023 में मध्य प्रदेश में 3 सिंचाई परियोजनाओं का ठेका लिया. ये ठेके एमपीजेएनएल से 974 करोड़ रुपये के लिए गए.
एग्रीमेंट के लिए फर्जी लोन गारंटी जमा की
ठेके लेने का बाद एग्रीमेंट के समर्थन में 183.21 करोड़ रुपये की 8 फर्जी बैंक गारंटी जमा की गईं. प्रारंभिक सत्यापन के दौरान एमपीजेएनएल को पंजाब नेशनल बैंक (PNB) के आधिकारिक डोमेन का प्रतिरूपण करते हुए धोखाधड़ी वाले ई-मेल प्राप्त हुए, जिसमें बैंक गारंटी की प्रामाणिकता की झूठी पुष्टि की गई. एमपीजेएनएल ने फर्म को 974 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के 3 अनुबंध दिए. इस मामले में सीबीआई ने 19 जून 2025 और 20 जून 2025 को बड़े पैमाने पर अभियान चलाया.
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कोलकाता से इंदौर लाए जाएंगे आरोपी
सीबीआई ने नई दिल्ली, पश्चिम बंगाल, गुजरात, झारखंड और मध्य प्रदेश में 23 स्थानों पर तलाशी ली. पंजाब नेशनल बैंक के एक वरिष्ठ प्रबंधक सहित कोलकाता से दो लोगों की गिरफ्तारी हुई. दोनों आरोपियों को कोलकाता में स्थानीय न्यायिक न्यायालय के समक्ष पेश किया गया और उन्हें ट्रांजिट रिमांड पर इंदौर लाया जाएगा. अब तक की जांच से पता चला है कि कोलकाता स्थित एक सिंडिकेट कई राज्यों में सरकारी ठेके हासिल करने के लिए व्यवस्थित रूप से फर्जी बैंक गारंटी तैयार कर रहा था.