इंदौर: सीबीआई की टीम ने पिछले दिनों डीएसपी और एक प्रधान आरक्षक को गिरफ्तार किया था. वहीं गिरफ्तार दोनों ही पुलिसकर्मियों की ओर से इंदौर की जिला कोर्ट में जमानत याचिका लगाई गई थी. जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया है, तो वहीं पूरा ही मामला एक फर्जी एनकाउंटर से संबंधित है. जिसके चलते सीबीआई मामले की जांच में जुटी हुई है. अभी भी उस मामले में कुछ और पुलिस कर्मियों की गिरफ्तारी होना है.
फर्जी एनकाउंटर का मामला
सीबीआई की टीम ने पिछले दिनों इंदौर की जिला कोर्ट से डीएसपी ग्लेडविन एडवर्ड और नीमच में ही प्रधान आरक्षक नीरज को गिरफ्तार किया था. मामला फर्जी एनकाउंटर से संबंधित था. वहीं जिन आरोपियों को सीबीआई की टीम ने गिरफ्तार किया था. उन्होंने नीमच के बंसी गुर्जर का एनकाउंटर किया था, लेकिन वह मामला फर्जी निकला. जिसके चलते सीबीआई की टीम ने आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ धारा 307, 353, 352 के साथ ही अवैध हथियार की धारा 25, 27 और बीएनएस की धारा 443 के तहत प्रकरण दर्ज किया था.
जमानत के लिए दोनों पुलिसकर्मी ने दिया था आवेदन
वहीं प्रकरण दर्ज करते ही सीबीआई की टीम ने इंदौर की जिला कोर्ट से एनकाउंटर को अंजाम देने वाले डीएसपी ग्लेडविन एडवर्ड और नीमच में प्रधान आरक्षक नीरज को गिरफ्तार किया, पिछले दिनों गिरफ्तार हुए दोनों ही आरोपियों की ओर से इंदौर के जिला कोर्ट में एक जमानत आवेदन प्रस्तुत किया गया. जिस पर सीबीआई की ओर से जिला कोर्ट को इस बात की जानकारी दी गई.
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इंदौर जिला कोर्ट ने खारिज की याचिका
मामले में कुछ और पुलिसकर्मी जिसमें तत्कालिक एसपी वेद प्रकाश शर्मा, एसडीओ मनासा अनिल पाटीदार, टीआई विवेक गुप्ता सहित अन्य पुलिसकर्मी से पूछताछ करना है, लेकिन यह सभी पुलिसकर्मी अभी बयान देने के लिए उपलब्ध नहीं है. सीबीआई द्वारा इंदौर जिला कोर्ट को जिस तरह से बातों की जानकारी दी, उसके बाद इस मामले में जिला कोर्ट ने पकड़े गए दोनों ही पुलिस कर्मियों की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है. अब इस मामले में संभवत आरोपियों की ओर से इंदौर हाई कोर्ट का रुख किया जा सकता है और अपनी जमानत याचिका को इंदौर हाई कोर्ट के समक्ष लगाया जा सकता है.