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इंदौर के देवी अहिल्या विश्वविद्यालय की परीक्षाओं में फिर बड़ी लापरवाही, हिंदी की जगह थमाया अंग्रेजी का पेपर - DAVV Negligence in Examinations

इंदौर के देवी अहिल्या विश्वविद्यालय की परीक्षाओं में एक बार फिर बड़ी लापरवाही सामने आई है. बीए, बीकॉम और बीएससी सेकंड ईयर की परीक्षाओं में हिंदी की जगह अंग्रेजी का पर्चा थमा दिया. यह गलती 20 से ज्यादा कॉलेजों ने की. ऐसी स्थिति में कार्रवाई को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन पशोपेश की स्थिति में है.

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jun 21, 2024, 11:06 PM IST

DAVV NEGLIGENCE IN EXAMINATIONS
परीक्षा में हिंदी की जगह थमाया अंग्रेजी का पेपर (ETV Bharat)

इंदौर। देवी अहिल्या विश्वविद्यालय द्वारा नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत आयोजित की जा रही बीए, बीकॉम और बीएससी सेकंड ईयर की परीक्षाओं में बड़ी गड़बड़ी सामने आई है. यह गड़बड़ी परीक्षा केंद्र में हिंदी और अंग्रेजी के प्रश्न पत्र के दौरान सामने आई है. फाउंडेशन कोर्स में हिंदी और अंग्रेजी का प्रश्न पत्र एक साथ कराया जाता है जिसमें पहले हिंदी और दूसरा अंग्रेजी का प्रश्न पत्र आयोजित कराया जाता है परंतु कई महाविद्यालयों ने पहले अंग्रेजी और फिर हिंदी का प्रश्न पत्र कराया जिससे छात्रों के लिए परेशानियां बढ़ गई है.

इंदौर के देवी अहिल्या विश्वविद्यालय की परीक्षाओं में लापरवाही (ETV Bharat)

20 से अधिक कॉलेजों में गड़बड़ी

देवी अहिल्या विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित की जा रही सेकंड ईयर की परीक्षा के फाउंडेशन कोर्स में शामिल हिंदी और अंग्रेजी का प्रश्न पत्र ओएमआर शीट पर हल कराया जाता है जिसमें पहले हिंदी और दूसरा अंग्रेजी का प्रश्न पत्र होता है. निर्देशों के अनुसार इसके लिए छात्रों को 2 घंटे का समय दिया जाता है. पहले घंटे में हिंदी और दूसरे घंटे में अंग्रेजी का प्रश्न पत्र हल करना होता है परंतु 20 से अधिक महाविद्यालय द्वारा छात्रों को पहले अंग्रेजी का प्रश्न पत्र दे दिया गया जिसे छात्रों ने हल कर दिया.

शीट मूल्यांकन प्रक्रिया में होगा बदलाव

प्रश्न पत्र बांटने की गड़बड़ी का खामियाजा छात्रों को भुगतना पड़ सकता है. निर्धारित प्रारूप में ओएमआर शीट की जांच के दौरान छात्र फेल हो सकते हैं ,हालांकि मामले की सूचना के बाद विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक डॉ अशेष तिवारी का कहना है कि "छात्रों को परेशानी ना हो इसके लिए विश्वविद्यालय द्वारा ओएमआर शीट की जांच में कुछ बदलाव किए जाएंगे ताकि छात्रों का नुकसान ना हो."

ये भी पढ़ें:

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पहले भी बन चुकी हैं ऐसी स्थितियां

दरअसल यह पहला मौका नहीं है जब इस तरह की स्थितियां सामने आई है पिछले वर्ष भी परीक्षा के दौरान कुछ महाविद्यालय में छात्रों को हिंदी की जगह अंग्रेजी का प्रश्न पत्र दे दिया गया था जिससे छात्रों को काफी परेशानी हुई थी और करीब 100 से अधिक विद्यार्थियों के परीक्षा परिणाम 15 दिनों तक रुके रहे थे. हालांकि इस बार विश्वविद्यालय का कहना है कि जिन महाविद्यालय में गड़बड़ी हुई है उन्हें नोटिस देकर जवाब मांगा जा रहा है, नियमानुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी.

इंदौर। देवी अहिल्या विश्वविद्यालय द्वारा नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत आयोजित की जा रही बीए, बीकॉम और बीएससी सेकंड ईयर की परीक्षाओं में बड़ी गड़बड़ी सामने आई है. यह गड़बड़ी परीक्षा केंद्र में हिंदी और अंग्रेजी के प्रश्न पत्र के दौरान सामने आई है. फाउंडेशन कोर्स में हिंदी और अंग्रेजी का प्रश्न पत्र एक साथ कराया जाता है जिसमें पहले हिंदी और दूसरा अंग्रेजी का प्रश्न पत्र आयोजित कराया जाता है परंतु कई महाविद्यालयों ने पहले अंग्रेजी और फिर हिंदी का प्रश्न पत्र कराया जिससे छात्रों के लिए परेशानियां बढ़ गई है.

इंदौर के देवी अहिल्या विश्वविद्यालय की परीक्षाओं में लापरवाही (ETV Bharat)

20 से अधिक कॉलेजों में गड़बड़ी

देवी अहिल्या विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित की जा रही सेकंड ईयर की परीक्षा के फाउंडेशन कोर्स में शामिल हिंदी और अंग्रेजी का प्रश्न पत्र ओएमआर शीट पर हल कराया जाता है जिसमें पहले हिंदी और दूसरा अंग्रेजी का प्रश्न पत्र होता है. निर्देशों के अनुसार इसके लिए छात्रों को 2 घंटे का समय दिया जाता है. पहले घंटे में हिंदी और दूसरे घंटे में अंग्रेजी का प्रश्न पत्र हल करना होता है परंतु 20 से अधिक महाविद्यालय द्वारा छात्रों को पहले अंग्रेजी का प्रश्न पत्र दे दिया गया जिसे छात्रों ने हल कर दिया.

शीट मूल्यांकन प्रक्रिया में होगा बदलाव

प्रश्न पत्र बांटने की गड़बड़ी का खामियाजा छात्रों को भुगतना पड़ सकता है. निर्धारित प्रारूप में ओएमआर शीट की जांच के दौरान छात्र फेल हो सकते हैं ,हालांकि मामले की सूचना के बाद विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक डॉ अशेष तिवारी का कहना है कि "छात्रों को परेशानी ना हो इसके लिए विश्वविद्यालय द्वारा ओएमआर शीट की जांच में कुछ बदलाव किए जाएंगे ताकि छात्रों का नुकसान ना हो."

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पहले भी बन चुकी हैं ऐसी स्थितियां

दरअसल यह पहला मौका नहीं है जब इस तरह की स्थितियां सामने आई है पिछले वर्ष भी परीक्षा के दौरान कुछ महाविद्यालय में छात्रों को हिंदी की जगह अंग्रेजी का प्रश्न पत्र दे दिया गया था जिससे छात्रों को काफी परेशानी हुई थी और करीब 100 से अधिक विद्यार्थियों के परीक्षा परिणाम 15 दिनों तक रुके रहे थे. हालांकि इस बार विश्वविद्यालय का कहना है कि जिन महाविद्यालय में गड़बड़ी हुई है उन्हें नोटिस देकर जवाब मांगा जा रहा है, नियमानुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी.

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