इंदौर: दुनिया कहां से कहां पहुंच रही है लेकिन कुछ लोग अभी भी रूढ़िवादी विचारों की जकड़न में हैं. संविधान में सभी को बराबरी का हक है और इंसानियत भी यही कहती है कि कोई नीच या ऊंच व्यक्ति नहीं हो सकता. इसके बाद भी समाज में कुछ लोग जातिगत भेदभाव से ऊपर नहीं उठ पा रहे हैं. ऐसा ही एक मामला इंदौर के बेटमा पुलिस थाना क्षेत्र से सामने आया है. ग्राम सघवी में दलित दूल्हे को मंदिर में प्रवेश करने से रोक दिया गया. दलित समाज ने इसका विरोध किया.
मंदिर में जाने से रोकने का वीडियो किया वायरल
जैसे ही बारात लेकर दलित समाज के लोग मंदिर पहुंचे तो तनाव बढ़ने लगा. दलित को मंदिर में भगवान दर्शन कराने के लिए परिजन व रिश्तेदार पहुंचे. लेकिन वहां पर मौजूद कुछ लोगों ने मंदिर में जाने से रोक दिया. इस घटना का वीडियो किसी ने बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया. जैसे वीडियो वायरल हुआ तो पुलिस सक्रिय हुई. पुलिस ने मंदिर में प्रवेश करने का विरोध करने वालों को कड़ी नसीहत देकर दूल्हे को मंदिर में प्रवेश कराया.
मंदिर के प्रवेश द्वार पर लगाया ताला
मामले के अनुसार इंदौर जिले के बेटमा थाना क्षेत्र के ग्राम सघवी में अंकित सोलंकी की सोमवार को शादी थी. अंकित सोलंकी दूल्हा बनकर बारात लेकर निकला. दुल्हन के घर पहुंचने से पहले गांव में स्थित श्री राम मंदिर में दर्शन करने के लिए बारात रुकी. जैसे ही दूल्हा दर्शन करने के लिए मंदिर में प्रवेश करने लगा तो राजपूत समाज के कुछ लोगों ने मंदिर पर ताला लगा दिया. इसके बाद दूल्हे के परिजनों द्वारा वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर पोस्ट किया गया. वीडियो में दूल्हे के परिजनों ने अपनी व्यथा सुनाई. इस मामले की सूचना सूचना बेटमा पुलिस थाना को भी दी गई.
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पुजारी ने कहा- बाराती शराब पीकर मंदिर में प्रवेश कर रहे थे
वहीं, इस मामले को लेकर अखिल भारतीय दलित महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोज परमार का कहना है "जिस तरह से ये घटनाक्रम हुआ, यह काफी दुखद है. मैं खुद दूल्हा-दुल्हन को लेकर मंदिर में दर्शन करने के लिए जाऊंगा . आप और हम सब गर्भगृह की मर्यादा समझते हैं. कुछ लोगों द्वारा यह पूरा हंगामा किया गया. हम इस पूरे मामले में मध्यस्थ की भूमिका निभाकर मामले को शांत करवाएंगे." वहीं मंदिर के पुजारी रामदास बैरागी का कहना है "मंदिर में प्रवेश करने को लेकर हमने किसी को नहीं रोका. बारात में शामिल कुछ लोग शराब के नशे में थे. वे शराब के नशे में और बिना जूते चप्पल उतरे मंदिर में प्रवेश कर रहे थे और उन्हीं लोगों को हमने रोका तो बारात में शामिल कुछ लोगों ने इस तरह की भ्रामक सूचा सोशल मीडिया पर वायरल कर दी." वहीं एसपी ग्रामीण हितिका वास्केल ने बताया कि अब मामला पूरी तरह से शांत हो चुका है. जातिभेद को लेकर कोई बात नहीं है.
पुलिस ने मंदिर का ताला खोलकर कराए दर्शन
इसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची. पुलिस ने मंदिर में प्रवेश करने से रोकने वालों को कड़ी चेतावनी दी. पुलिस ने मंदिर की चाबी लेकर ताले खुलवाए. पुलिस ने दलित दूल्हे के साथ परिवार के कुछ लोगों को मंदिर में प्रवेश कराया. इसके बाद बारात दुल्हन के दरवाजे पर पहुंची. इस मामले में एडिशनल एसपी रूपेश द्विवेदी ने बताया "दरअसल, मंदिर के बाहर मौजूद लोगों ने दूल्हे को गर्भगृह में जाने से रोका था. इस दौरान कुछ लोगों ने मंदिर में प्रवेश नहीं करने का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल किया." वहीं, मंदिर के पुजारी सहित राजपूत समाज के लोगों का कहना है "गर्भगृह में केवल पुजारी ही जा सकता है. गर्भगृह के बाहर कोई भी दर्शन कर सकता है."