
फंगस वाले पानी से तैयार हो रही थी सिरप, ड्रग कंट्रोलर टीम ने ARC फार्मा पर लगाया ताला
छिंदवाड़ा में बच्चों की मौत के बाद मध्यप्रदेश में दवाईयों की तेजी से जांच, इंदौर में ड्रग कंट्रोलर टीम ने फार्मा कंपनी को किया सील.

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team
Published : October 8, 2025 at 1:43 PM IST
|Updated : October 8, 2025 at 4:02 PM IST
इंदौर: छिंदवाड़ा में जहरीली कफ सिरप पीने से मरने वाले बच्चों की मौत का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है. 3 मौत से शुरू हुआ यह मामला 17 तक पहुंच गया है. इतनी संख्या में बच्चों की मौत के बाद यह मामला हाईप्रोफाइल हो चुका है और अब प्रदेश सरकार सख्त एक्शन के मोड में आ गई है. मध्य प्रदेश में 4 दवाओं को बैन कर दिया गया है. वहीं, ड्रग कंट्रोलर ऑफ इंडिया की टीम को बैन सिरप इंदौर में डॉक्टर प्रवीण सोनी की पत्नी के मेडिकल स्टोर से मिला है. जबकि दूसरी अन्य सिरप को लेकर चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. ड्रग कंट्रोलर की टीम ने फार्मा कंपनी को सील कर दिया है.
इंदौर में ड्रग कंट्रोलर ऑफ इंडिया की टीम
ड्रग कंट्रोलर ऑफ इंडिया की टीम को जांच के दौरान डॉ. प्रवीण सोनी की पत्नी ज्योति सोनी के मेडिकल स्टोर से बैन सिरप मिली है. तमिलनाडु की कंपनी श्रीसन फार्मास्यूटिकल की जहरीले सिरप 'कोल्डरिफ' के साथ इंदौर की एआरसी फार्मास्यूटिकल कंपनी की जो कफ सिरप बरामद हुई है उसको लेकर ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया को शक हुआ था. इसके बाद उनकी टीम ने इंदौर के सांवेर रोड स्थित एआरसी कंपनी के प्लांट की जांच की, जहां पता चला कि यहां भी श्रीसन फार्मास्यूटिकल की तरह ही एआरसी कंपनी में भी फंगस वाले पानी से खांसी की सिरप तैयार की गई है, जिसे प्लास्टिक के गंदे डिब्बे में रखा गया था.
फंगस वाले पानी से तैयार हो रही थी सिरप
टीम ने देखा कि इस गंदी और बदबूदार सिरप को बोतलों में भरा जा रहा था. वहीं, जांच के दौरान टीम को इस फार्मा प्लांट में ऐसी कोई व्यवस्था नहीं मिली, जिसके जरिए कफ सिरप में डायथिलीन ग्लाइकॉल और एथिलीन ग्लाइकॉल को कितनी मात्रा में मिलाया जाता है पता चल सके. इसके अलावा इस कंपनी के पास भी सिरप के फॉर्मूलेशन के दौरान गंदगी की जांच का कोई इंतजाम नहीं था, न तो दवाई को कोल्ड चेन में रखा जा रहा था और न ही अन्य कोई इंतजाम था.

ड्रग कंट्रोलर टीम ने कंपनी को किया सील
जानकारी के अनुसार इस कंपनी द्वारा बैच क्रमांक 11662 से प्राप्त 'ग्रोवर' नाम की सिरप इस साल्ट (पेरासिटामोल फिनायला फरीन हाइड्रोक्लोराइड और क्लोरफेनिरामाइन मलिएट सस्पेंशन) से तैयार की जा रही थी. इसके अलावा डिफ्रोस्ट (Defrost) नाम से भी यह कंपनी कफ सिरप तैयार करके बाजार में बेचती है. लिहाजा जांच दल ने इस कंपनी को भी सील कर दिया है.
- छिंदवाड़ा में 17 बच्चों की मौत के बाद इलाज का सारा खर्च उठाएगी मोहन यादव सरकार
- छिंदवाड़ा में 17 बच्चों की मौत के बाद भोपाल में छापेमारी, प्रतिबंधित सिरप की 80 बोतलें जब्त
छिंदवाड़ा में 17 मौतों के बाद एक्शन में प्रशासन
छिंदवाड़ा में जहरीली कफ सिरप से 17 बच्चों की मौत के बाद सिरप बनाने वाली कई फार्मा कंपनियां टारगेट पर हैं. इंदौर में भी डीसीजीआई के निर्देश पर सांवेर रोड पर स्थित एआरसी फार्मा इंस्पेक्शन के दौरान टारगेट पर आई थी. हालांकि, केंद्रीय दल द्वारा की गई जांच के बाद से ही कंपनी सील कर दी गई है. इस मामले में कलेक्टर शिवम वर्मा ने बताया "पहले से ही संबंधित सिरप को बिक्री के लिए प्रतिबंधित किया गया है. वहीं, राज्य शासन से मिले आदेश के चलते ऐसी तमाम संदिग्ध फार्मा कंपनियों के खिलाफ जांच और कार्रवाई की जा रही है.

