ETV Bharat / state

एमपी ने किसानों ने उड़ाया धुआं, कलेक्टर ने 77 लोगों पर ठोंका तगड़ा फाइन - FINED ON 77 FARMERS IN INDORE

इंदौर में नरवाई जलाने वालों पर सख्त कार्रवाई शुरु कर दी है. प्रशासन ने ऐसे करीब 77 प्रकरणों में पंचनामें बनाए हैं

FINED ON 77 FARMERS IN INDORE
नरवाई जलाने वाले 77 किसानों पर होगा जुर्माना (ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : April 13, 2025 at 10:57 AM IST

3 Min Read

इंदौर: देश भर में बड़े पैमाने पर प्रदूषण और बढ़ते तापमान की वजह बन रही नरवाई जलाने की घटनाओं पर अब इंदौर जिले में कार्रवाई शुरू होने जा रही है. इंदौर जिला प्रशासन ने ऐसे करीब 77 प्रकरणों में पंचनामें बनाए हैं जो गेहूं कटने के बाद किसानों द्वारा नरवाई जलाने के दंड स्वरूप बनाए गए हैं. ऐसे तमाम प्रकरणों में अब जुर्माना लगाया जाएगा. दरअसल नरवाई जलाने पर पूर्व में लगातार चेतावनी और कार्रवाई संबंधी आदेश के बावजूद लगातार कई किसान नरवाई जला रहे हैं.

इंदौर में 77 पंचनामें तैयार
इंदौर जिले में लगातार देखने में आ रहा है कि किसानों द्वारा फसल अवशेषों में आग लगाई जा रही है. जिस पर कार्रवाई के लिए इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह के निर्देश पर क्षेत्रीय अमला जिसमें कृषि, राजस्व एवं पंचायत विभाग शामिल हैं, पर्यावरण विभाग द्वारा जारी अधिसूचना का उल्लघंन पाए जाने पर मौके पर जाकर पंचानामें बनाए जा रहे हैं. जिले की समस्त तहसीलों में कुल 77 पंचानामें तैयार किए गए हैं. जिन पर आगामी दिनों में मध्य प्रदेश सरकार के नोटिफिकेशन प्रावधान अनुसार पर्यावरण विभाग द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार कार्यवाही की जायेगी.

MP GOVT NEW RULES PARALI BURNING
नरवाई जलाने वाले किसानों को भरना होगा जुर्माना (ETV Bharat)

नरवाई जलाने पर्यावरण के लिए हानिकारक
कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि, ''वर्तमान में जिले में गेहूं फसल की कटाई का कार्य लगभग पूरा हो चुका है. फसल की कटाई के बाद सामान्य तौर पर किसान नरवाई में आग लगा देते हैं, जिससे पर्यावरण में प्रदूषण के साथ-साथ मिट्टी की संरचना भी प्रभावित होती है. जिले में गेहूं की कटाई के बाद बचे हुए फसल अवशेष (नरवाई) जलाना खेती के लिये आत्मघाती कदम है. नरवाई प्रबंधन के लिए कृषि विभाग का संपूर्ण अमला फरवरी से लगातार पंचायतवार कृषकों को प्रशिक्षण देकर नरवाई प्रबंधन के लिए जागरूक कर रहा है.''

किसानों को दी जा रही नरवाई जलाने से होने वाले नुकसान की जानकारी
दिनांक 5 अप्रैल से 16 अप्रैल 2025 तक फसल अवशेष (नरवाई) प्रबंधन प्रचार रथ से जिले के समस्त विकासखण्डों की ग्राम पंचायतों में भम्रण कर प्रचार-प्रसार किया जा रहा है. प्रत्येक ग्राम पंचायत मुख्यालय पर कृषि से संबंधित मैदानी अधिकारियों एवं राजस्व विभाग के पटवारी/पंचायत विभाग के साथ समन्वय कर कृषक संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है. साथ ही किसानों को नरवाई जलाने से होने वाले नुकसानों तथा फसल अवशेष (नरवाई) प्रबंधन की तकनीकी जानकारी से अवगत किया जा रहा है.

इतना जुर्माना भरना होगा किसानों को
इंदौर जिला प्रशासन के अनुसार, जिनके पास 2 एकड़ तक की भूमि है, तो उसको नरवाई जलाने पर पर्यावरण क्षति के रूप में 2 हजार 500 रुपये प्रति घटना के मान से जुर्माना देना होगा. जिसके पास 2 से 5 एकड़ तक की भूमि है तो उसको नरवाई जलाने पर पर्यावरण क्षति के रूप में 5 हजार रुपये प्रति घटना के मान से तथा जिसके पास 5 एकड़ से अधिक भूमि है उनको 15 हजार रुपये प्रति घटना के मान से आर्थिक दण्ड भरना होगा.

इंदौर: देश भर में बड़े पैमाने पर प्रदूषण और बढ़ते तापमान की वजह बन रही नरवाई जलाने की घटनाओं पर अब इंदौर जिले में कार्रवाई शुरू होने जा रही है. इंदौर जिला प्रशासन ने ऐसे करीब 77 प्रकरणों में पंचनामें बनाए हैं जो गेहूं कटने के बाद किसानों द्वारा नरवाई जलाने के दंड स्वरूप बनाए गए हैं. ऐसे तमाम प्रकरणों में अब जुर्माना लगाया जाएगा. दरअसल नरवाई जलाने पर पूर्व में लगातार चेतावनी और कार्रवाई संबंधी आदेश के बावजूद लगातार कई किसान नरवाई जला रहे हैं.

इंदौर में 77 पंचनामें तैयार
इंदौर जिले में लगातार देखने में आ रहा है कि किसानों द्वारा फसल अवशेषों में आग लगाई जा रही है. जिस पर कार्रवाई के लिए इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह के निर्देश पर क्षेत्रीय अमला जिसमें कृषि, राजस्व एवं पंचायत विभाग शामिल हैं, पर्यावरण विभाग द्वारा जारी अधिसूचना का उल्लघंन पाए जाने पर मौके पर जाकर पंचानामें बनाए जा रहे हैं. जिले की समस्त तहसीलों में कुल 77 पंचानामें तैयार किए गए हैं. जिन पर आगामी दिनों में मध्य प्रदेश सरकार के नोटिफिकेशन प्रावधान अनुसार पर्यावरण विभाग द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार कार्यवाही की जायेगी.

MP GOVT NEW RULES PARALI BURNING
नरवाई जलाने वाले किसानों को भरना होगा जुर्माना (ETV Bharat)

नरवाई जलाने पर्यावरण के लिए हानिकारक
कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि, ''वर्तमान में जिले में गेहूं फसल की कटाई का कार्य लगभग पूरा हो चुका है. फसल की कटाई के बाद सामान्य तौर पर किसान नरवाई में आग लगा देते हैं, जिससे पर्यावरण में प्रदूषण के साथ-साथ मिट्टी की संरचना भी प्रभावित होती है. जिले में गेहूं की कटाई के बाद बचे हुए फसल अवशेष (नरवाई) जलाना खेती के लिये आत्मघाती कदम है. नरवाई प्रबंधन के लिए कृषि विभाग का संपूर्ण अमला फरवरी से लगातार पंचायतवार कृषकों को प्रशिक्षण देकर नरवाई प्रबंधन के लिए जागरूक कर रहा है.''

किसानों को दी जा रही नरवाई जलाने से होने वाले नुकसान की जानकारी
दिनांक 5 अप्रैल से 16 अप्रैल 2025 तक फसल अवशेष (नरवाई) प्रबंधन प्रचार रथ से जिले के समस्त विकासखण्डों की ग्राम पंचायतों में भम्रण कर प्रचार-प्रसार किया जा रहा है. प्रत्येक ग्राम पंचायत मुख्यालय पर कृषि से संबंधित मैदानी अधिकारियों एवं राजस्व विभाग के पटवारी/पंचायत विभाग के साथ समन्वय कर कृषक संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है. साथ ही किसानों को नरवाई जलाने से होने वाले नुकसानों तथा फसल अवशेष (नरवाई) प्रबंधन की तकनीकी जानकारी से अवगत किया जा रहा है.

इतना जुर्माना भरना होगा किसानों को
इंदौर जिला प्रशासन के अनुसार, जिनके पास 2 एकड़ तक की भूमि है, तो उसको नरवाई जलाने पर पर्यावरण क्षति के रूप में 2 हजार 500 रुपये प्रति घटना के मान से जुर्माना देना होगा. जिसके पास 2 से 5 एकड़ तक की भूमि है तो उसको नरवाई जलाने पर पर्यावरण क्षति के रूप में 5 हजार रुपये प्रति घटना के मान से तथा जिसके पास 5 एकड़ से अधिक भूमि है उनको 15 हजार रुपये प्रति घटना के मान से आर्थिक दण्ड भरना होगा.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.