इंदौर: तुकोगंज थाना क्षेत्र की 81 वर्षीय बुजुर्ग महिला को करीब 36 घंटे हाउस अरेस्ट कर करोड़ों रुपए की ठगी करने की कोशिश की गई, लेकिन बैंक कर्मचारी की सूझबूझ और परिजनों की जागरुकता की वजह से ठगी का शिकार होने से बच गई. इस मामले की सूचना जब पुलिस को दी गई तो पुलिस ने महिला की काउंसलिंग कर समझाइश दी. इसके साथ ही इस पूरे मामले में प्रकरण दर्ज कर जांच पड़ताल शुरू कर दी है.
फर्जी केस के नाम पर मांगे गए बैंक डिटेल्स
बुजुर्ग महिला नंदिनी केंद्रीय स्कूल से रिटायर्ड टीचर है. जिससे फ्रॉड कॉल पर ठगी करने की कोशिश की गई. रश्मि शुक्ला नाम की महिला ने खुद को सीबीआई का वरिष्ठ अधिकारी बताकर बुजुर्ग महिला के नाम पर मुंबई के कोलाबा थाने में 2-3 एफआईआर दर्ज होने की बात कही. बुजुर्ग महिला को बताया गया कि मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में उनका नाम सामने आया है. जिसके बाद उनके बैंक डिटेल्स आदि मांगे गए. इस दौरान उन्हें किसी से भी मिलने और इसकी जानकारी साझा करने से मना कर दिया गया और करीब 36 घंटे हाउस अरेस्ट रखा गया.
बैंक डिटेल्स के आधार पर मांगे रुपए
बुजुर्ग महिला द्वारा दिए गए बैंक डिटेल्स के आधार पर ठगों ने कई तरह की जानकारी इकट्ठा कर ली. जिसके बाद महिला को कार्रवाई से बचने की झांसा देकर एफडी सहित बैंक में मौजूद सारे पैसे, ठगों द्वारा दिए गए बैंक अकाउंट में ट्रांसफर करने की बात कही गई. महिला घबरा गई और बैंक में एफडी तोड़ने को लेकर आवेदन दे दिया. जब बैंक कर्मचारी को कुछ आशंका हुई तो उन्होंने परिजन को जानकारी दी. जब परिजन ने उनसे पूछताछ की तो ठगी और हाउस अरेस्ट का मामला उजागर हुआ.
अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज
इस पूरे मामले की सूचना इंदौर क्राइम ब्रांच के एडिशनल डीसीपी राजेश दंडोतिया को दी. राजेश दंडोतिया ने बुजुर्ग महिला के घर पहुंच उनकी काउंसलिंग कर अज्ञात आरोपियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर लिया है. उन्होंने कहा, "प्रारंभिक तौर पर अज्ञात लोगों के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर जांच पड़ताल शुरू कर दी है. जल्द ही आरोपियों को भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा."
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बुजुर्ग महिला नंदिनी रिटायर्ड टीचर हैं और उन्होंने कई आईपीएस और आईएएस को भी पढ़ाया है, जो आज कई जगहों पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं. पीड़ित महिला को कई राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार भी मिल चुके हैं. वहीं, बताया जा रहा है कि इस पूरे मामले में बदमाश 1 करोड़ 20 लाख रुपए की ठगी को अंजाम देने वाले थे.