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बेकाबू होता ब्लड प्रेशर, हाइपरटेंशन से हर साल हो रहीं 16 लाख मौतें - HYPERTENSION DANGEROUS FOR PEOPLE

देश में इस समय हाइपरटेंशन बनता जा रहा बड़ी समस्या, भारत में हर साल 16 लाख गंवाते हैं जान. जानिए उपाए

HYPERTENSION DANGEROUS FOR PEOPLE
हाइपरटेंशन से हर साल हो रहीं 16 लाख मौतें (Getty Image)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : April 18, 2025 at 3:32 PM IST

3 Min Read

इंदौर: ब्लड प्रेशर या रक्तचाप भारत में ऐसी बीमारी है, जो लगभग हर तीसरे व्यक्ति में देखी जा रही है. सामान्य तौर पर डायबिटीज और अनियमित जीवन शैली के परिणाम स्वरूप उभर रही यह बीमारी लगातार लकवा, किडनी रोग, अंधेपन और हार्ट अटैक की वजह बन रही है. नेशनल हेल्थ मिशन के मुताबिक भारत जैसे देश में साल भर में ब्लड प्रेशर से मरने वाले लोगों की संख्या 16 लाख तक पहुंच गई है. जिस पर प्रभावी नियंत्रण के लिए अब तरह-तरह की थेरेपी और टेक्नोलॉजी विकसित की जा रही है.

दरअसल, नेशनल हेल्थ मिशन की रिपोर्ट के अनुसार दुनिया भर में 30 वर्ष से लेकर 79 वर्ष की आयु के लगभग 100 करोड़ वयस्क ब्लड प्रेशर की परेशानी झेल रहे हैं. चौंकाने वाली बात यह है कि इनमें से केवल 54% लोगों का ही जांच के बाद ब्लड प्रेशर पता चल पाता है. जिनमें से 42% लोगों का इलाज होता है. इनमें भी करीब 20% लोगों का इलाज के बाद ब्लड प्रेशर कंट्रोल हो पाता है. भारत जैसे देश में ब्लड प्रेशर के कारण तरह-तरह के हृदय रोग हर साल करीब 16 लाख लोगों की मौत हो जाती है. नियंत्रित करने के लिए मेडिकल प्रोफेशनल्स आधुनिक चिकित्सा तरह-तरह की थेरेपी अपना रहे हैं.

ब्लड प्रेशर पर विशेषज्ञ की राय (ETV Bharat)

यह है ब्लड प्रेशर के कारण

दरअसल, रक्तचाप या ब्लड प्रेशर आमतौर पर अनुवांशिक बीमारी है, लेकिन वर्तमान समय में पैकेट बंद चीज फास्ट फूड बर्गर पिज्जा और मोमोज के अलावा ज्यादा नमक अचार और चटपटा खानपान ब्लड प्रेशर की बीमारी की वजह बन रहा है. ख्यात कार्डियोलॉजिस्ट के रोशन राव बताते हैं कि "इसके अलावा ब्लड प्रेशर और किडनी रोगों की सबसे बड़ी वजह, डायबिटीज की बीमारी है. डायबिटीज की बीमारी के कारण ब्लड प्रेशर का सामना करना होता है. इसके दुष्परिणाम किडनी, लकवा स्ट्रोक और हृदय रोग के रूप में उभर कर सामने आते हैं.

कार्डियोलॉजिस्ट ने बताया कितना खतरनाक बीपी (ETV Bharat)

आखिर कैसे हो ब्लड प्रेशर पर नियंत्रण

वर्तमान में ब्लड प्रेशर और रेसिस्टेंट हाइपरटेंशन के इलाज के लिए बाजार में करीब 75 से 80 मेडिसिन मौजूद है, लेकिन डॉक्टर बताते हैं कि इन तमाम मेडिसिन से ब्लड प्रेशर पर मात्र 12.5% ही नियंत्रण हो पाता है. इसके अलावा रेसिस्टेंट हाइपरटेंशन के ऐसे मरीजों की संख्या भी अब तेजी से बढ़ रही है. जिनका ब्लड प्रेशर तीन से ज्यादा दवाइयां से भी नियंत्रित नहीं हो पा रहा है. नतीजतन अब ऐसे मरीजों का ब्लड प्रेशर नियंत्रित के लिए रीनल डिनर्वेशन थेरेपी जैसे विकल्पों पर फोकस किया जा रहा है.

क्या है रीनल डिनर्वेशन थेरेपी

ब्लड प्रेशर नियंत्रित करने के लिए अत्यधिक वैकल्पिक थेरेपी के रूप में चर्चित हो रही रीनल डिनर्वेशन थेरेपी में एंजियोग्राफी की तरह ही एक सुई के जरिए किडनी में मौजूद उन nerve को डिफ्यूज किया जाता है. जो ब्लड प्रेशर बढ़ने वाले एंजाइम का सेक्रेशन करती हैं, करीब 45 मिनट की इस प्रक्रिया में मरीज को बिना दर्द अथवा परेशानी के बढ़ते हुए ब्लड प्रेशर के खतरों से मुक्ति मिलती है. भारत जैसा देश में लाल ब्लड प्रेशर नियंत्रित की यह थेरेपी नहीं है, लेकिन कारगर साबित होने से अब अधिकांश अस्पताल ब्लड प्रेशर के खतरों से जूझ रहे मरीजों को यही थेरेपी अपनाने का सुझाव दे रहे हैं.

इंदौर: ब्लड प्रेशर या रक्तचाप भारत में ऐसी बीमारी है, जो लगभग हर तीसरे व्यक्ति में देखी जा रही है. सामान्य तौर पर डायबिटीज और अनियमित जीवन शैली के परिणाम स्वरूप उभर रही यह बीमारी लगातार लकवा, किडनी रोग, अंधेपन और हार्ट अटैक की वजह बन रही है. नेशनल हेल्थ मिशन के मुताबिक भारत जैसे देश में साल भर में ब्लड प्रेशर से मरने वाले लोगों की संख्या 16 लाख तक पहुंच गई है. जिस पर प्रभावी नियंत्रण के लिए अब तरह-तरह की थेरेपी और टेक्नोलॉजी विकसित की जा रही है.

दरअसल, नेशनल हेल्थ मिशन की रिपोर्ट के अनुसार दुनिया भर में 30 वर्ष से लेकर 79 वर्ष की आयु के लगभग 100 करोड़ वयस्क ब्लड प्रेशर की परेशानी झेल रहे हैं. चौंकाने वाली बात यह है कि इनमें से केवल 54% लोगों का ही जांच के बाद ब्लड प्रेशर पता चल पाता है. जिनमें से 42% लोगों का इलाज होता है. इनमें भी करीब 20% लोगों का इलाज के बाद ब्लड प्रेशर कंट्रोल हो पाता है. भारत जैसे देश में ब्लड प्रेशर के कारण तरह-तरह के हृदय रोग हर साल करीब 16 लाख लोगों की मौत हो जाती है. नियंत्रित करने के लिए मेडिकल प्रोफेशनल्स आधुनिक चिकित्सा तरह-तरह की थेरेपी अपना रहे हैं.

ब्लड प्रेशर पर विशेषज्ञ की राय (ETV Bharat)

यह है ब्लड प्रेशर के कारण

दरअसल, रक्तचाप या ब्लड प्रेशर आमतौर पर अनुवांशिक बीमारी है, लेकिन वर्तमान समय में पैकेट बंद चीज फास्ट फूड बर्गर पिज्जा और मोमोज के अलावा ज्यादा नमक अचार और चटपटा खानपान ब्लड प्रेशर की बीमारी की वजह बन रहा है. ख्यात कार्डियोलॉजिस्ट के रोशन राव बताते हैं कि "इसके अलावा ब्लड प्रेशर और किडनी रोगों की सबसे बड़ी वजह, डायबिटीज की बीमारी है. डायबिटीज की बीमारी के कारण ब्लड प्रेशर का सामना करना होता है. इसके दुष्परिणाम किडनी, लकवा स्ट्रोक और हृदय रोग के रूप में उभर कर सामने आते हैं.

कार्डियोलॉजिस्ट ने बताया कितना खतरनाक बीपी (ETV Bharat)

आखिर कैसे हो ब्लड प्रेशर पर नियंत्रण

वर्तमान में ब्लड प्रेशर और रेसिस्टेंट हाइपरटेंशन के इलाज के लिए बाजार में करीब 75 से 80 मेडिसिन मौजूद है, लेकिन डॉक्टर बताते हैं कि इन तमाम मेडिसिन से ब्लड प्रेशर पर मात्र 12.5% ही नियंत्रण हो पाता है. इसके अलावा रेसिस्टेंट हाइपरटेंशन के ऐसे मरीजों की संख्या भी अब तेजी से बढ़ रही है. जिनका ब्लड प्रेशर तीन से ज्यादा दवाइयां से भी नियंत्रित नहीं हो पा रहा है. नतीजतन अब ऐसे मरीजों का ब्लड प्रेशर नियंत्रित के लिए रीनल डिनर्वेशन थेरेपी जैसे विकल्पों पर फोकस किया जा रहा है.

क्या है रीनल डिनर्वेशन थेरेपी

ब्लड प्रेशर नियंत्रित करने के लिए अत्यधिक वैकल्पिक थेरेपी के रूप में चर्चित हो रही रीनल डिनर्वेशन थेरेपी में एंजियोग्राफी की तरह ही एक सुई के जरिए किडनी में मौजूद उन nerve को डिफ्यूज किया जाता है. जो ब्लड प्रेशर बढ़ने वाले एंजाइम का सेक्रेशन करती हैं, करीब 45 मिनट की इस प्रक्रिया में मरीज को बिना दर्द अथवा परेशानी के बढ़ते हुए ब्लड प्रेशर के खतरों से मुक्ति मिलती है. भारत जैसा देश में लाल ब्लड प्रेशर नियंत्रित की यह थेरेपी नहीं है, लेकिन कारगर साबित होने से अब अधिकांश अस्पताल ब्लड प्रेशर के खतरों से जूझ रहे मरीजों को यही थेरेपी अपनाने का सुझाव दे रहे हैं.

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