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अत्यधिक ड्यूटी से नाराज हुए लोको पायलट, रांची रेल प्रशासन के खिलाफ कर रहे अनिश्चितकालीन सत्याग्रह - LOCO PILOT PROTEST

रेल लोको पायलट ने मोर्चा खोलते हुए अनिश्चितकालीन सत्याग्रह शुरू कर दिया है.

Indefinite Satyagraha of loco pilot against Ranchi Railway Administration
लोको पायलट का प्रदर्शन (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : April 12, 2025 at 6:49 PM IST

3 Min Read

रांची: रेल लोको पायलट रांची रेल प्रशासन पर ज्यादती का आरोप लगाते हुए अनिश्चितकालीन सत्याग्रह पर बैठ गए हैं. हटिया स्थित रांची डीआरएम कार्यालय के समक्ष सत्याग्रह कर रहे रेल लोको पायलट ने रांची रेल मंडल पर नियम विरुद्ध कार्य करने का आरोप लगाया है.

सत्याग्रह कर रहे रेल लोको पायलट के अनुसार रांची रेल मंडल लोको पायलट को ड्यूटी के दौरान मुख्यालय आने पर 16 घंटे के रेस्ट के प्रावधान को नहीं मान रहा है. जबकि इस तरह की सुविधा अन्य रेल मंडल में उपलब्ध है और इसको लेकर चिठ्ठी भी जारी की जा चुकी है.

जानकारी देते संघ के मंडल सचिव और महिला लोको पायलट (ETV Bharat)

संघ के मंडल सचिव सीएस कुमार कहते हैं कि जिस रुल्स को रेलवे ने खुद बनाया है उसी को स्थानीय अधिकारी मानने को तैयार नहीं हैं. उन्होंने कहा कि हर कर्मचारी को 8 घंटे ड्यूटी और 16 घंटे रेस्ट मुख्यालय में मिलता है. लेकिन रांची रेल मंडल इसे नजरअंदाज करते हुए मुख्यालय से बाहर ड्यूटी होने पर 16 घंटे रेस्ट का जबरन प्रावधान कर रही है.

रांची रेल मंडल में करीब 700 लोको पायलट

रांची रेल मंडल में करीब 700 लोको पायलट हैं जिनके ऊपर परिचालन का जिम्मा है. रांची रेल मंडल में वरिष्ठ सहायक लोको पायलट के पद पर पदस्थापित अंजली कुमारी कहती हैं कि हम नियम के अनुसार काम करना चाहते हैं. जिससे रेलवे की सुरक्षा का ध्यान रख सकें मगर हमसे 10 घंटा से अधिक काम लिया जाएगा तो यह मानवीय लक्षण है कि हम ठीक से काम नहीं कर पाएंगे और कुछ ना कुछ घटनाएं होगी.

Indefinite Satyagraha of loco pilot against Ranchi Railway Administration
रेल लोको पायलट का अनिश्चितकालीन सत्याग्रह (ETV Bharat)

लोको पायलट अंजली कहता हैं कि हमारा रांची रेल डिवीजन ने जबरन चिट्ठी निकालकर अधिक समय तक काम करने को विवश कर रहा है. उन्होंने कहा कि मुख्यालय लौटने के बजाय हमें अगले जगह से दूसरे स्टेशन के लिए गाड़ी लेकर भेजने को मजबूर कर रहा है जिससे 72 घंटे तक कोई रेस्ट नहीं मिलेगा. यह नियम विरुद्ध है और हमारे उपर जबरन दबाव बनाकर काम करने की कोशिश की जा रही है.

ऐसे में सबसे ज्यादा परेशानी महिलाओं को हो रही है जिसमें पुरुषों के मुकाबले शारीरिक क्षमता कम होती है और कई तरह की समस्याएं उनके साथ होती हैं. इसके बावजूद हम कंधे से कंधे मिलाकर काम करना चाहते हैं. लेकिन रांची रेल प्रशासन हमसे जबरन ज्यादा देर तक काम करना चाहती है जो किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं होगा.

इसे भी पढ़ें- रेलवे ने लोको पायलटों की ड्यूटी के दौरान खाने और शौचालय के लिए ब्रेक देने से किया इनकार

इसे भी पढ़ें- रांची डिवीजन के लोको पायलट एएसपी तिर्की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में होंगे शामिल, कहा- गौरवान्वित महसूस कर रहा हू - Ranchi division loco pilot ASP Tirkey

इसे भी पढ़ें- ट्रेन लोको पायलट ने की ड्यूटी के घंटे तय करने की मांग, भोजन करने, शौचालय जाने की फुर्सत नहीं! - Loco Pilots demands fixation of duty hours

रांची: रेल लोको पायलट रांची रेल प्रशासन पर ज्यादती का आरोप लगाते हुए अनिश्चितकालीन सत्याग्रह पर बैठ गए हैं. हटिया स्थित रांची डीआरएम कार्यालय के समक्ष सत्याग्रह कर रहे रेल लोको पायलट ने रांची रेल मंडल पर नियम विरुद्ध कार्य करने का आरोप लगाया है.

सत्याग्रह कर रहे रेल लोको पायलट के अनुसार रांची रेल मंडल लोको पायलट को ड्यूटी के दौरान मुख्यालय आने पर 16 घंटे के रेस्ट के प्रावधान को नहीं मान रहा है. जबकि इस तरह की सुविधा अन्य रेल मंडल में उपलब्ध है और इसको लेकर चिठ्ठी भी जारी की जा चुकी है.

जानकारी देते संघ के मंडल सचिव और महिला लोको पायलट (ETV Bharat)

संघ के मंडल सचिव सीएस कुमार कहते हैं कि जिस रुल्स को रेलवे ने खुद बनाया है उसी को स्थानीय अधिकारी मानने को तैयार नहीं हैं. उन्होंने कहा कि हर कर्मचारी को 8 घंटे ड्यूटी और 16 घंटे रेस्ट मुख्यालय में मिलता है. लेकिन रांची रेल मंडल इसे नजरअंदाज करते हुए मुख्यालय से बाहर ड्यूटी होने पर 16 घंटे रेस्ट का जबरन प्रावधान कर रही है.

रांची रेल मंडल में करीब 700 लोको पायलट

रांची रेल मंडल में करीब 700 लोको पायलट हैं जिनके ऊपर परिचालन का जिम्मा है. रांची रेल मंडल में वरिष्ठ सहायक लोको पायलट के पद पर पदस्थापित अंजली कुमारी कहती हैं कि हम नियम के अनुसार काम करना चाहते हैं. जिससे रेलवे की सुरक्षा का ध्यान रख सकें मगर हमसे 10 घंटा से अधिक काम लिया जाएगा तो यह मानवीय लक्षण है कि हम ठीक से काम नहीं कर पाएंगे और कुछ ना कुछ घटनाएं होगी.

Indefinite Satyagraha of loco pilot against Ranchi Railway Administration
रेल लोको पायलट का अनिश्चितकालीन सत्याग्रह (ETV Bharat)

लोको पायलट अंजली कहता हैं कि हमारा रांची रेल डिवीजन ने जबरन चिट्ठी निकालकर अधिक समय तक काम करने को विवश कर रहा है. उन्होंने कहा कि मुख्यालय लौटने के बजाय हमें अगले जगह से दूसरे स्टेशन के लिए गाड़ी लेकर भेजने को मजबूर कर रहा है जिससे 72 घंटे तक कोई रेस्ट नहीं मिलेगा. यह नियम विरुद्ध है और हमारे उपर जबरन दबाव बनाकर काम करने की कोशिश की जा रही है.

ऐसे में सबसे ज्यादा परेशानी महिलाओं को हो रही है जिसमें पुरुषों के मुकाबले शारीरिक क्षमता कम होती है और कई तरह की समस्याएं उनके साथ होती हैं. इसके बावजूद हम कंधे से कंधे मिलाकर काम करना चाहते हैं. लेकिन रांची रेल प्रशासन हमसे जबरन ज्यादा देर तक काम करना चाहती है जो किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं होगा.

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