शिमला: हिमाचल में कई सालों से करुणामूलक आधार पर सरकारी नौकरी की राह देख रहे लोगों की उम्मीद अब जल्द पूरी होने वाली है. प्रदेश में अब ऐसे करुणामूलक आश्रितों के लिए भी नौकरी का अवसर मिलने वाला है, जो वर्तमान में निर्धारित की गई आय सीमा की वजह से बाहर हो रहे हैं. इसके लिए गठित की गई कैबिनेट सब कमेटी ने नियमों में छूट देने की सिफारिश की है, जिसके लिए करुणामूलक आश्रितों के लिए तय सालाना वार्षिक आय सीमा में बढ़ोतरी की जा सकती है.
करुणामूलक आश्रितों के लिए शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर की अध्यक्षता में गठित की गई. सब कमेटी ने अपनी सिफारिशें मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को सौंप दी हैं, जिसमें ऐसे आश्रितों को भर्ती में प्राथमिकता दिए जाने की सिफारिश की गई है, जिनके माता और पिता इस दुनिया में नहीं है. अब इन सिफारिशों पर मुख्यमंत्री की स्वीकृति प्राप्त होना बाकी है, जिसके आधार पर भविष्य में भर्ती की प्रकिया शुरू होगी. वहीं, करुणामूलक आधार पर नौकरी पाने के लिए एक बार रिजेक्ट हो चुके मामलों को लेकर अभी कोई निर्णय नहीं लिया गया है. ऐसे आश्रितों को अभी इसके लिए अंतिम निर्णय का इंतजार करना होगा.
अब इतने लाख हो सकती है आय सीमा
हिमाचल में करुणामूलक आश्रितों की नौकरी की राह में आड़े आ रही आय सीमा को बढ़ाने की सिफारिश की गई है, जिसके लिए करुणामूलक आश्रितों को नौकरी देने के लिए तय की गई 62,500 रुपये सालाना आय सीमा को बढ़ाकर अब 2.50 लाख रुपये किए जाने की सिफारिश की गई है. वहीं, करुणामूलक आश्रितों को नौकरी देने के मामले को लेकर पूर्व की जयराम सरकार के समय में 22 सितंबर 2022 को जारी अधिसूचना को अभी सरकार ने वापस नहीं लिया है. ऐसे में पूर्व सरकार के समय में एक बार रिजेक्ट हो चुके केसों पर दोबारा विचार करने का फैसला नहीं हुआ है, जिस कारण बहुत से करुणामूलक आश्रित नौकरी पाने से वंचित हो गए हैं. बता दें कि सरकारी विभागों और सार्वजनिक उपक्रमों में करुणामूलक आश्रितों के कुल 3,234 लंबित हैं. इसमें विभिन्न विभागों में 1,531 और निगमों-बोर्डों में 1,703 मामले लंबित चल रहे हैं.
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