लखनऊ : किडनी और लीवर प्रत्यारोपण के लिए ब्रेन डेड मरीज के परिजनों को जागरूक किया जाता है. ताकि वह अंगदान के लिए आगे बढ़ें. उनके अंगदान के एक निर्णय से कई मरीजों की जिंदगी संवर सकती है. लेकिन, उत्तर प्रदेश इस मामले में काफी पीछे है.
ट्रांसप्लांट डायरेक्ट 2025 की रिपोर्ट के मुताबिक, 233 प्रत्यारोपण में ब्रेन डेड व्यक्तियों के अंगदान के सिर्फ पांच मामले ही रहे हैं. पीजीआई का यह रिपोर्ट काफी चौंकाने वाली है. इस रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तर प्रदेश ब्रेन डेड अंग प्रत्यारोपण के मामले में छठवें पायदान पर है. जबकि कर्नाटक पहले और तमिलनाडु दूसरे स्थान पर है.
यूपी में 40 हजार मरीजों को किडनी ट्रांसप्लांट की जरूरत : पीजीआई की ये रिपोर्ट 2022 तक के आंकड़ों पर तैयार की गई है. वर्तमान समय में उत्तर प्रदेश में 40 हजार मरीजों को किडनी ट्रांसप्लांट की जरूरत है. वहीं, 15 हजार मरीज को लिवर प्रत्यारोपण की आवश्यकता है. यूपी में सालभर में 225 किडनी प्रत्यारोपण हुए हैं. इसमें सिर्फ एक मामला ब्रेन डेड अंगदान का था. बाकी 224 मामले जीवित व्यक्ति के प्रत्यारोपण का है.
पीजीआई के डॉ. अनीश श्रीवास्तव ने बताया, जो भी व्यक्ति ब्रेन डेड हो जाते हैं, वह दोबारा ठीक नहीं होते हैं. ऐसे में मरीज के परिजनों को जागरूक किया जाता है, उन्हें बताया जाता है कि उनके एक निर्णय से कितने मरीज की जिंदगी बच सकती है. बहुत कम लोग होते हैं जो इसके लिए तैयार होते हैं.
अंगदान में कर्नाटक आगे : उन्होंने बताया कि अंगदान करने में कर्नाटक प्रथम स्थान पर है. कर्नाटक में साल भर में 232 किडनी और 291 लिवर प्रतिरोपण हुआ है. इसके अलावा कुछ अन्य राज्य भी हैं, जो काफी अच्छे पायदान पर हैं. इसमें तमिलनाडु, महाराष्ट्र, तेलंगाना, गुजरात और चंडीगढ़ शामिल हैं.
केजीएमयू के नेफ्रोलॉजी विभाग के विभाग अध्यक्ष प्रोफेसर विश्वजीत सिंह ने कहा कि वर्तमान में सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है कैटेगरी ट्रांस्प्लांट प्रोग्राम. उसको लेकर लोगों में अधिक जागरूकता की जरूरत है. आज के समय में बहुत सारी सरकारी योजनाएं हैं. फंड की दिक्कत अब नहीं है. आयुष्मान कार्ड, आसाध्य कार्ड व पीएम फंड के तहत मरीज को अच्छे से इलाज के लिए पैसे मिल रहे हैं.
इलाज के लिए फंड की कमी नहीं : हर राज्य ने अपने स्तर पर तमाम योजनाएं लाई हैं, जिसके अंतर्गत किडनी ट्रांसप्लांट भी शामिल होता है. उन्होंने कहा कि आज की तारीख में मरीजों को इलाज के लिए फंड की कमी नहीं है. केंद्र और राज्य की सरकार ने मरीजों को इलाज के लिए कई योजनाएं चलाई है. अब बात आती है ऑर्गन की. कई बार ऐसा होता है कि घर के सभी सदस्यों में कभी-कभी ब्लड ग्रुप मैच नहीं करता है. किसी का मेडिकल इशू रहता है या कोई कमजोर रहता है या किसी का हीमोग्लोबिन कम रहता है. या फिर किसी को कार्डियक की समस्या है. डायबिटीज के मरीज किडनी देने के लिए अनफिट होते हैं.
तीमारदारों को मोटिवेट करने की जरूरत : उस स्थिति में व्यक्ति का किडनी डोनेट करना उचित नहीं होता है. इन सब बात के अलावा अब दिक्कत यह है कि ऑर्गन कहां से आएगा. बहुत जैसे मरीज होते हैं जिनका एक्सीडेंट हो जाता है या जिन्हें कोई गंभीर बीमारी होती है और डॉक्टर जवाब दे देते हैं. वह मरीज ब्रेन डेड हो जाते हैं. ब्रेन डेड मरीज का रिकवर होना नामुमकिन होता है. ऐसे एक ब्रेन डेड मरीज कई मरीजों को नई जिंदगी दे सकता है. हर स्तर पर ब्रेन डेड मरीज के तीमारदारों को मोटिवेट करने की जरूरत है. ताकि वह आगे बढ़ाना और कई बेरंग जिंदगियों को जीने की वजह दें.
जानिए किस राज्य में कितने प्रत्यारोपण हुए
कर्नाटक - किडनी प्रत्यारोपण
- जीवित- 232
- ब्रेन डेड- 291
लीवर प्रत्यारोपण
- जीवित- 127
- ब्रेन डेड- 124
तमिलनाडु- किडनी प्रत्यारोपण
- जीवित- 1200
- ब्रेन डेड- 276
लीवर प्रत्यारोपण
- जीवित- 490
- ब्रेन डेड- 142
दिल्ली- किडनी प्रत्यारोपण
- जीवित- 2193
- ब्रेन डेड- 56
लीवर प्रत्यारोपण
- जीवित- 1514
- ब्रेन डेड- 25
महाराष्ट्र- किडनी प्रत्यारोपण
- जीवित- 894
- ब्रेन डेड- 162
लीवर प्रत्यारोपण
- जीवित- 328
- ब्रेन डेड- 92
केरल- किडनी प्रत्यारोपण
- जीवित- 1092
- ब्रेन डेड- 28
लीवर प्रत्यारोपण
- जीवित- 331
- ब्रेन डेड- 13
उत्तर प्रदेश- किडनी प्रत्यारोपण
- जीवित- 224
- ब्रेन डेड- 1
लीवर प्रत्यारोपण
- जीवित- 4
- ब्रेन डेड- 4
चंडीगढ़- किडनी प्रत्यारोपण
- जीवित- 123
- ब्रेन डेड- 78
लीवर प्रत्यारोपण
- जीवित- 16
- ब्रेन डेड- 0
तेलंगाना- किडनी प्रत्यारोपण
- जीवित- 427
- ब्रेन डेड- 260
लीवर प्रत्यारोपण
- जीवित- 228
- ब्रेन डेड- 171
गुजरात- किडनी प्रत्यारोपण
- जीवित- 617
- ब्रेन डेड- 252
लीवर प्रत्यारोपण
- जीवित- 62
- ब्रेन डेड- 124