दरभंगा: हाल ही में लोकसभा में पेश किए गए वक्फ संशोधन अधिनियम को दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा से पारित होने के बाद राष्ट्रपति की मंजूरी भी मिल गई है. इस बिल को लेकर मुस्लिम समुदाय में गहरी चिंता और नाराजगी देखने को मिल रही है. ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के निर्देश पर बिहार, ओडिशा, झारखंड के महासचिव मौलाना शिबली अलकास ने दरभंगा में कहा कि वह इस कानून को बर्दाश्त नहीं करेंगे.
नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू को चेतावनी: वहीं मौलाना शिबली अलकास ने कहा कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का जो भी निर्णय होगा उसके साथ इमारत-ए-शरिया खड़ी रहेगी. विरोध प्रदर्शन को लेकर जो गाइडलाइंस मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने जारी किया है और आगे जो भी जारी किया जाएगा उसमे उनकी भूमिका सबसे आगे रहेगी. साथ ही उन्होंने इस कानून को समर्थन देने वाली मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, चंद्रबाबू नायडू और चिराग पासवान की पार्टी पर भी हमला बोला और कहा के इन लोगों को बिल का समर्थन नहीं करना चाहिए.
"नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू वफ्क बिल का समर्थन और सरकार वक्फ कानून वापस नहीं लेती है तो मुल्क का अमन-चैन खत्म हो जायेगा."- मौलाना शिबली अलकास, महासचिव
वक्फ कानून को बताया "काला कानून": ऑल इंडिया मुस्लिम बेदारी कारवां के राष्ट्रीय अध्यक्ष नजरे आलम ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार बार-बार शरीयत कानून में दखल देने की कोशिश कर रही है, जिसे अब और सहन नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि वक्फ कानून को "काला कानून" बताते हुए इसके खिलाफ सड़कों पर उतरने की चेतावनी दी है. उन्होंने कहा कि वो 16 अप्रैल के सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार कर रहे हैं. इस मौके पर प्रमुख धार्मिक और सामाजिक प्रतिनिधि जिनमें मुफ्ती मोहम्मद हसनैन कासमी, मौलाना खालिद सैफुल्लाह कासमी और अन्य मौजूद रहे.
"16 अप्रैल के सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार कर रहे हैं. जिसके बाद हम पूरे बिहार में घूमकर संविधान पर विश्वास रखने वाले लोगों को इकट्ठा कर किसान आंदोलन की तरह पूरे बिहार में चक्का जाम आंदोलन करेंगे." -नजरे आलम, राष्ट्रीय अध्यक्ष, बेदारी कारवां
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