मुजफ्फरनगर: साइबर क्राइम थाना और डॉट टीम की कार्रवाई में एक बड़े साइबर फ्रॉड नेटवर्क का खुलासा हुआ है. पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर 5 जून 2025 को बुढ़ाना मोड़ क्षेत्र से तीन शातिर आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. ये लोग फर्जी दस्तावेजों पर सिम कार्ड लेकर अवैध टेलीफोन एक्सचेंज चला रहे थे.
इस मामले को लेकर एसएसपी संजय वर्मा ने बताया कि यह गैंग दिल्ली, हरियाणा, उत्तराखंड, पंजाब समेत अन्य राज्यों के भोलेभाले लोगों को गुमराह कर उनके नाम पर सिम कार्ड जारी करवाता था. उन्हें विदेशी कॉल्स के लिए वॉयस ओवर इंटरनेट प्रोटोकॉल के रूप में उपयोग करता था.
गिरफ्तार आरोपी ऐसी तकनीक इस्तेमाल कर रहे थे, जिससे विदेशी कॉल्स भारतीय मोबाइल नंबरों पर लोकल कॉल के रूप में दिखती थीं. साथ ही इससे कॉल करने वाले की पहचान गुप्त रहती थी. कॉल ट्रेस करना भी बेहद मुश्किल हो जाता था. भारत सरकार को मिलने वाला अंतरराष्ट्रीय कॉल टैक्स भी नहीं चुकाया जा रहा था.
इससे सरकार को राजस्व का नुकसान हो रहा था. आरोपी विदेशी साइबर अपराधियों से जुड़कर उनके लिए अवैध टेलीफोन एक्सचेंज चला रहे थे. इसके बदले में उन्हें विदेशी मुद्रा में क्रिप्टो करेंसी से भुगतान किया जाता था.
इसमें गिरफ्तार किए गए आरोपी मोसीन पुत्र मंगत निवासी ग्राम काजीखेड़ा, थाना तितावी, मुजफ्फरनगर, सद्दाम हुसैन पुत्र मोहम्मद याकूब – निवासी ग्राम कम्हेड़ा, थाना ककरौली, मुजफ्फरनगर, मोहम्मद फिरोज पुत्र कमरुद्दीन – निवासी मोहल्ला कल्याण सिंह, थाना मवाना, मेरठ के रहने वाले है.
ये भी पढ़ें- 78 साल पहले रोडवेज की हुई थी शुरुआत, जानिए कहां से कहां तक चली थी बस और कौन थे पहले यात्री?