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IAS- PCS की 8 मुफ्त कोचिंग, गरीब छात्रों के सपनों को उड़ान दे रहे ये संस्थान, ऐसे करें आवेदन - CIVIL SERVICES COACHING

मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना के तहत संचालित किए जा रहे हैं, न्यायिक परीक्षा की तैयारी में भी मिल रही मदद.

यूपी में गरीब छात्रों के लिए निःशुल्क कोचिंग की व्यवस्था है.
यूपी में गरीब छात्रों के लिए निःशुल्क कोचिंग की व्यवस्था है. (Photo Credit: ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : March 27, 2025 at 1:16 PM IST

4 Min Read

मेरठ: उत्तर प्रदेश के अलग-अलग शहरों जैसे लखनऊ, वाराणसी, प्रयागराज, हापुड़ आदि में कुल 8 IAS-PCS कोचिंग सेंटर संचालित होते हैं. यह पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के गरीब बच्चों के लिए बिल्कुल निःशुल्क हैं. यहां से तैयारी करके गरीब छात्र-छात्राए सिविल सर्विस में जाने का सपना पूरा कर रहे हैं. इन सेंटर्स में टेस्ट के बाद एडमिशन होते हैं और यहां पढ़ाई के साथ-साथ रहने और खाने की व्यवस्था भी पूरी तरह से फ्री होती है. इन 8 सरकारी कोचिंग सेंटर से प्रदेश के प्रतिभाशाली, मगर गरीब छात्र अपने सपनों को पूरा कर सकते हैं. यह सेंटर मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना के तहत संचालित हैं.

इस बारे में मेरठ मंडल के समाज कल्याण विभाग के सहायक निदेशक पीके त्रिपाठी ने बताया कि पूरे यूपी में ऐसे 8 कोचिंग सेंटर हैं. इनमें प्रयागराज में जो कोचिंग सेंटर है, वह सिर्फ न्यायिक परीक्षा के लिए है. इसी तरह लखनऊ में दो अलग-अलग आवासीय निःशुल्क प्रशिक्षण केंद्र संचालित हैं. इनमें एक लड़कियों के लिए है, जबकि दूसरा लड़कों के लिए है. मेरठ मंडल के हापुड़ जनपद के निजामपुर में राजकीय आईएएस, पीसीएस कोचिंग केंद्र है. यह केंद्र भी लडके-लड़कियों दोनों के लिए है. इसके अलावा वाराणसी, गोरखपुर, आगरा, अलीगढ़ में भी एक-एक कोचिंग सेंटर बने हैं.

यूपी में 9 सरकारी कोचिंग सेंटर पूरी करते हैं सिविल सर्विस में जाने का सपना. (Photo Credit: ETV Bharat)

31 मार्च तक किया जा सकता है आवेदन: कोचिंग केंद्रों पर प्रवेश के लिए 27 अप्रैल को परीक्षा होगी. आवेदन 31 मार्च 2025 तक किए जा सकते हैं. जहां तक पात्रता की बात है तो इन कोचिंग सेंटर में सिर्फ अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्र ही आवेदन कर सकते हैं. जिनके परिवार की आय सीमा 6 लाख सालाना या इससे कम है, उन्हीं परिवार के बेटे-बेटियां आवेदन कर सकते हैं. जो युवा प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी निःशुल्क करना चाहते हैं, उनको प्रवेश परीक्षा देनी होगी. परीक्षा में 100 बहु विकल्पीय प्रश्नों का उत्तर देना होता है. इसमें निगेटिव मार्किंग का भी प्रावधान होता है.




वरीयता के आधार पर मिलता है प्रवेश: परीक्षा के बाद मेरिट के आधार पर प्रवेश दिया जाएगा. लखनऊ में दो केंद्र हैं, जिनमें अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं पिछड़ा वर्ग के छात्र आदर्श प्रशिक्षण केंद्र में प्रशिक्षण पा सकते हैं. छत्रपति शाहू जी महाराज शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान लखनऊ में स्थित यह संस्थान भागीदारी भवन में 250 सीटें हैं. वहीं लखनऊ में आदर्श पूर्व प्रशिक्षण केंद्र में सिर्फ बेटियों के लिए आरक्षित हैं और यहां 150 सीटें हैं.

आईएएस, पीसीएस कोचिंग सेंटर हापुड़ में 200 सीटें हैं. संत रविदास आईएएस व पीसीएस कोचिंग सेंटर वाराणसी में भी 100 सीटें हैं. इसी प्रकार आगरा में 100 सीटें हैं. अलीगढ़ की कोचिंग में 100 सीटें हैं. प्रयागराज में बने कोचिंग केंद्र पर 50 सीटें हैं, ये सभी न्यायिक सेवाओं की तैयारी के लिए है. गोरखपुर प्रशिक्षण केंद्र पर 100 सीटें हैं. समाज कल्याण विभाग की ओर से दी जाने वाली निःशुल्क कोचिंग की जानकारी वेबसाइट से भी ली जा सकती है.



अनेक युवाओं को मिली सफलता: लखनऊ और हापुड़ में केंद्र से काफी संख्या में बच्चे पूर्व में विभिन्न परीक्षाओं में सफल रहे हैं. अब विभिन्न जगहों पर सेवारत हैं. हापुड़ में जिला समाज कल्याण अधिकारी रहे रिंकू सिंह राही स्वयं यहीं से कोचिंग लेकर 2023 बैच के IAS बने हैं. वर्तमान में मथुरा में जॉइंट मजिस्ट्रेट हैं.
सहायक निदेशक समाज कल्याण विभाग पी के त्रिपाठी बताते हैं कि सरकार की मंशा यह है, कि निर्धन परिवारों के बच्चे, जो तैयारी करना चाहते हैं. किसी कारण से मैं कोचिंग सेंटर तक नहीं पहुंच पाते हैं उन्हें तैयारी करने का अवसर दिया जाए. खुशी की बात यह है कि बच्चे लगातार मेहनत कर रहे हैं और आगे बढ़ रहे हैं.

यह भी पढ़ें: क्या बनारस के 50 मोहल्लों के नाम बदलेंगे: औरंगाबाद नारायणी धाम, खालिसपुरा ब्रह्मतीर्थ...क्या-क्या नए नाम - BANARAS MOHALLAS NAME CHANGED

मेरठ: उत्तर प्रदेश के अलग-अलग शहरों जैसे लखनऊ, वाराणसी, प्रयागराज, हापुड़ आदि में कुल 8 IAS-PCS कोचिंग सेंटर संचालित होते हैं. यह पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के गरीब बच्चों के लिए बिल्कुल निःशुल्क हैं. यहां से तैयारी करके गरीब छात्र-छात्राए सिविल सर्विस में जाने का सपना पूरा कर रहे हैं. इन सेंटर्स में टेस्ट के बाद एडमिशन होते हैं और यहां पढ़ाई के साथ-साथ रहने और खाने की व्यवस्था भी पूरी तरह से फ्री होती है. इन 8 सरकारी कोचिंग सेंटर से प्रदेश के प्रतिभाशाली, मगर गरीब छात्र अपने सपनों को पूरा कर सकते हैं. यह सेंटर मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना के तहत संचालित हैं.

इस बारे में मेरठ मंडल के समाज कल्याण विभाग के सहायक निदेशक पीके त्रिपाठी ने बताया कि पूरे यूपी में ऐसे 8 कोचिंग सेंटर हैं. इनमें प्रयागराज में जो कोचिंग सेंटर है, वह सिर्फ न्यायिक परीक्षा के लिए है. इसी तरह लखनऊ में दो अलग-अलग आवासीय निःशुल्क प्रशिक्षण केंद्र संचालित हैं. इनमें एक लड़कियों के लिए है, जबकि दूसरा लड़कों के लिए है. मेरठ मंडल के हापुड़ जनपद के निजामपुर में राजकीय आईएएस, पीसीएस कोचिंग केंद्र है. यह केंद्र भी लडके-लड़कियों दोनों के लिए है. इसके अलावा वाराणसी, गोरखपुर, आगरा, अलीगढ़ में भी एक-एक कोचिंग सेंटर बने हैं.

यूपी में 9 सरकारी कोचिंग सेंटर पूरी करते हैं सिविल सर्विस में जाने का सपना. (Photo Credit: ETV Bharat)

31 मार्च तक किया जा सकता है आवेदन: कोचिंग केंद्रों पर प्रवेश के लिए 27 अप्रैल को परीक्षा होगी. आवेदन 31 मार्च 2025 तक किए जा सकते हैं. जहां तक पात्रता की बात है तो इन कोचिंग सेंटर में सिर्फ अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्र ही आवेदन कर सकते हैं. जिनके परिवार की आय सीमा 6 लाख सालाना या इससे कम है, उन्हीं परिवार के बेटे-बेटियां आवेदन कर सकते हैं. जो युवा प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी निःशुल्क करना चाहते हैं, उनको प्रवेश परीक्षा देनी होगी. परीक्षा में 100 बहु विकल्पीय प्रश्नों का उत्तर देना होता है. इसमें निगेटिव मार्किंग का भी प्रावधान होता है.




वरीयता के आधार पर मिलता है प्रवेश: परीक्षा के बाद मेरिट के आधार पर प्रवेश दिया जाएगा. लखनऊ में दो केंद्र हैं, जिनमें अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं पिछड़ा वर्ग के छात्र आदर्श प्रशिक्षण केंद्र में प्रशिक्षण पा सकते हैं. छत्रपति शाहू जी महाराज शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान लखनऊ में स्थित यह संस्थान भागीदारी भवन में 250 सीटें हैं. वहीं लखनऊ में आदर्श पूर्व प्रशिक्षण केंद्र में सिर्फ बेटियों के लिए आरक्षित हैं और यहां 150 सीटें हैं.

आईएएस, पीसीएस कोचिंग सेंटर हापुड़ में 200 सीटें हैं. संत रविदास आईएएस व पीसीएस कोचिंग सेंटर वाराणसी में भी 100 सीटें हैं. इसी प्रकार आगरा में 100 सीटें हैं. अलीगढ़ की कोचिंग में 100 सीटें हैं. प्रयागराज में बने कोचिंग केंद्र पर 50 सीटें हैं, ये सभी न्यायिक सेवाओं की तैयारी के लिए है. गोरखपुर प्रशिक्षण केंद्र पर 100 सीटें हैं. समाज कल्याण विभाग की ओर से दी जाने वाली निःशुल्क कोचिंग की जानकारी वेबसाइट से भी ली जा सकती है.



अनेक युवाओं को मिली सफलता: लखनऊ और हापुड़ में केंद्र से काफी संख्या में बच्चे पूर्व में विभिन्न परीक्षाओं में सफल रहे हैं. अब विभिन्न जगहों पर सेवारत हैं. हापुड़ में जिला समाज कल्याण अधिकारी रहे रिंकू सिंह राही स्वयं यहीं से कोचिंग लेकर 2023 बैच के IAS बने हैं. वर्तमान में मथुरा में जॉइंट मजिस्ट्रेट हैं.
सहायक निदेशक समाज कल्याण विभाग पी के त्रिपाठी बताते हैं कि सरकार की मंशा यह है, कि निर्धन परिवारों के बच्चे, जो तैयारी करना चाहते हैं. किसी कारण से मैं कोचिंग सेंटर तक नहीं पहुंच पाते हैं उन्हें तैयारी करने का अवसर दिया जाए. खुशी की बात यह है कि बच्चे लगातार मेहनत कर रहे हैं और आगे बढ़ रहे हैं.

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