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अंबेडकर यूनिवर्सिटी में तीन स्टूडेंट के निलंबन पर एसएफआई कार्यकर्ताओं की भूख हड़ताल, एक छात्र बेहोश - PROTEST IN AMBEDKAR UNIVERSITY

अंबेडकर विश्वविदयालय में तीन छात्रों के निलंबन पर माहौल गरमाया हुआ है. आलम यह है कि छात्रों ने कहा कि वे पीछे नहीं हटेंगे.

एसएफआई कार्यकर्ताओं की भूख हड़ताल
एसएफआई कार्यकर्ताओं की भूख हड़ताल (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : April 11, 2025 at 7:34 PM IST

5 Min Read

नई दिल्ली: दिल्ली के अंबेडकर विश्वविद्यालय में रैगिंग का मुद्दा उठाने वाले तीन छात्रों नादिया, अनन और हर्ष के सस्पेंशन के विरोध में छात्र छात्राओं ने अब भूख हड़ताल शुरू कर दी है. निलंबित होने वाले तीन स्टूडेंट में से एक नादिया ने बताया कि उन्होंने मार्च में एक छात्रा के साथ की गई रैगिंग का मुद्दा उठाया था. उसको रैगिंग में इतना प्रताड़ित किया गया था कि उसने आत्महत्या की भी कोशिश की थी. हमारे इस मुद्दे को उठाने के बाद रैगिंग में शामिल 8 स्टूडेंट को सस्पेंड किया गया. साथ ही हमें भी सस्पेंड कर दिया गया. रैगिंग करने वाले स्टूडेंट को 6 महीने के लिए और हमें एक साल के लिए सस्पेंड किया गया.

हमारे सस्पेंशन को 35 दिन का समय हो गया है. दो सप्ताह बाद रैगिंग करने वाले स्टूडेंट का सस्पेंशन वापस ले लिया गया. जबकि हमारा सस्पेंशन वापस नहीं लिया गया. इसके विरोध में हमने प्रदर्शन शुरू किया है. लेकिन, विश्वविद्यालय प्रशासन हमारी बात सुनने को तैयार नहीं है. नादिया ने बताया कि इसके विरोध में स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) से जुड़े हुए विश्वविद्यालय के अन्य छात्र छात्राओं ने भी प्रोटेस्ट को समर्थन देना शुरू कर दिया है. वहीं शरण्या ने बताया कि पिछले तीन दिन से एसएफआई की ओर से चार छात्र-छात्राओं ने भूख हड़ताल भी शुरू कर दी है.

हाईकोर्ट में चल रही सुनवाई: भूख हड़ताल पर बैठे इन चार लोगों और प्रदर्शन में शामिल अन्य सभी छात्र छात्राओं की मांग है कि जल्द से जल्द इन तीन लोगों का भी सस्पेंशन वापस लिया जाए और इनकी पढ़ाई का नुकसान होने से रोका जाए. एसएफआई का आरोप है कि अंबेडकर विश्वविद्यालय प्रशासन ने कैंपस को जेल जैसा क्षेत्र बना दिया है. नादिया ने बताया कि हम तीनों लोग अपने सस्पेंशन को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट भी गए हैं. हाईकोर्ट में दो बार सुनवाई हो चुकी है. अब अप्रैल में ही अगली तारीख है. कोर्ट से हमें जल्दी न्याय मिलने की उम्मीद है. एयूडी में एसएफआई की कार्यकर्ता शरण्या, समीर और एसएफआई की इकाई सचिव शेफाली अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं.

सस्पेंशन लिया था वापस: तीनों ने निलंबन रद्द होने तक न तो खाने और न ही पीने की कसम खाई है. इससे पहले भी एक छात्र को सस्पेंड करने पर ऑल इंडिया स्टूडेंट एसोसिएशन आइसा के छात्र कार्यकर्ताओं ने भी अंबेडकर विश्वविद्यालय में धरना प्रदर्शन किया था और लंबे धरना प्रदर्शन के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने उस सस्पेंशन को वापस ले लिया था, जिसके बाद प्रदर्शन खत्म हुआ था. अब उस प्रदर्शन के खत्म होने के कुछ दिन बाद ही इन तीन स्टूडेंट के सस्पेंशन को वापस लेने की मांग को लेकर एक और नया प्रदर्शन शुरू हो गया है.

छात्र हुआ बेहोश: एसएफआई आंबेडकर विश्वविद्यालय इकाई की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, प्रदर्शनकारी छात्रों के अनिश्चितकालीन धरने और तीन दिनों की भूख हड़ताल के बाद हम इस स्थिति में आ गए हैं कि छात्र भूख और थकावट से गिर रहे हैं. बीए समाजशास्त्र के तीसरे वर्ष के छात्र समीर आज बैरिकेड्स के बाहर एसएफआई के विरोध प्रदर्शन में बेहोश हो गए थे. छात्रों ने कहा कि यह कैसा प्रशासन है जो छात्रों के लिए काम कर रहा है या केवल हमें परेशान करने के लिए मौजूद है?

मिलने का नहीं दिया समय: एसएफआई की ओर से कहा गया कि अनिश्चितकालीन धरने और तीन दिनों की भूख हड़ताल में भीषण गर्मी के बीच हमारे कार्यकर्ताओं ने बहुत साहस दिखाया है. कुलपति ने कई बार अनुरोध करने के बावजूद एक बार भी मिलने का समय नहीं दिया. प्रदर्शन में शामिल छात्रों ने कहा कि कुलपति का विवेक कहां है? क्या उन्हें लगता है कि वे बैरिकेड्स के कारण हमारे वैध आंदोलन को आसानी से नजरअंदाज कर सकती हैं.

पीछे नहीं हटेंगे: क्या वे चाहती हैं कि एक छात्र अंततः मर जाए क्योंकि छात्रों के साथ महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करना बहुत बड़ी परेशानी है? हमारे कार्यकर्ता भूख हड़ताल जारी रखने के लिए दृढ़ हैं. एसएफआई का कहना है कि हम पीछे नहीं हटेंगे. आज हमारे कंधों पर कैंपस के लोकतंत्र को बचाने की अत्यंत महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है.

प्रदर्शनकारी छात्रों की ये हैं मांगें

  1. अनन, हर्ष और नादिया का निलंबन बिना शर्त वापस लें.
  2. कैंपस में सभी बैरिकेडिंग हटाए, सुबह 8 बजे से शाम 8 बजे तक प्रवेश/निकास के लिए मुख्य द्वार खोलें.
  3. विरोध प्रदर्शन पर रोक लगाने वाला नोटिस वापस लें.
  4. प्रॉक्टर पर सत्ता के दुरुपयोग के लिए जांच शुरू करें.

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हमारे सस्पेंशन को 35 दिन का समय हो गया है. दो सप्ताह बाद रैगिंग करने वाले स्टूडेंट का सस्पेंशन वापस ले लिया गया. जबकि हमारा सस्पेंशन वापस नहीं लिया गया. इसके विरोध में हमने प्रदर्शन शुरू किया है. लेकिन, विश्वविद्यालय प्रशासन हमारी बात सुनने को तैयार नहीं है. नादिया ने बताया कि इसके विरोध में स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) से जुड़े हुए विश्वविद्यालय के अन्य छात्र छात्राओं ने भी प्रोटेस्ट को समर्थन देना शुरू कर दिया है. वहीं शरण्या ने बताया कि पिछले तीन दिन से एसएफआई की ओर से चार छात्र-छात्राओं ने भूख हड़ताल भी शुरू कर दी है.

हाईकोर्ट में चल रही सुनवाई: भूख हड़ताल पर बैठे इन चार लोगों और प्रदर्शन में शामिल अन्य सभी छात्र छात्राओं की मांग है कि जल्द से जल्द इन तीन लोगों का भी सस्पेंशन वापस लिया जाए और इनकी पढ़ाई का नुकसान होने से रोका जाए. एसएफआई का आरोप है कि अंबेडकर विश्वविद्यालय प्रशासन ने कैंपस को जेल जैसा क्षेत्र बना दिया है. नादिया ने बताया कि हम तीनों लोग अपने सस्पेंशन को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट भी गए हैं. हाईकोर्ट में दो बार सुनवाई हो चुकी है. अब अप्रैल में ही अगली तारीख है. कोर्ट से हमें जल्दी न्याय मिलने की उम्मीद है. एयूडी में एसएफआई की कार्यकर्ता शरण्या, समीर और एसएफआई की इकाई सचिव शेफाली अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं.

सस्पेंशन लिया था वापस: तीनों ने निलंबन रद्द होने तक न तो खाने और न ही पीने की कसम खाई है. इससे पहले भी एक छात्र को सस्पेंड करने पर ऑल इंडिया स्टूडेंट एसोसिएशन आइसा के छात्र कार्यकर्ताओं ने भी अंबेडकर विश्वविद्यालय में धरना प्रदर्शन किया था और लंबे धरना प्रदर्शन के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने उस सस्पेंशन को वापस ले लिया था, जिसके बाद प्रदर्शन खत्म हुआ था. अब उस प्रदर्शन के खत्म होने के कुछ दिन बाद ही इन तीन स्टूडेंट के सस्पेंशन को वापस लेने की मांग को लेकर एक और नया प्रदर्शन शुरू हो गया है.

छात्र हुआ बेहोश: एसएफआई आंबेडकर विश्वविद्यालय इकाई की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, प्रदर्शनकारी छात्रों के अनिश्चितकालीन धरने और तीन दिनों की भूख हड़ताल के बाद हम इस स्थिति में आ गए हैं कि छात्र भूख और थकावट से गिर रहे हैं. बीए समाजशास्त्र के तीसरे वर्ष के छात्र समीर आज बैरिकेड्स के बाहर एसएफआई के विरोध प्रदर्शन में बेहोश हो गए थे. छात्रों ने कहा कि यह कैसा प्रशासन है जो छात्रों के लिए काम कर रहा है या केवल हमें परेशान करने के लिए मौजूद है?

मिलने का नहीं दिया समय: एसएफआई की ओर से कहा गया कि अनिश्चितकालीन धरने और तीन दिनों की भूख हड़ताल में भीषण गर्मी के बीच हमारे कार्यकर्ताओं ने बहुत साहस दिखाया है. कुलपति ने कई बार अनुरोध करने के बावजूद एक बार भी मिलने का समय नहीं दिया. प्रदर्शन में शामिल छात्रों ने कहा कि कुलपति का विवेक कहां है? क्या उन्हें लगता है कि वे बैरिकेड्स के कारण हमारे वैध आंदोलन को आसानी से नजरअंदाज कर सकती हैं.

पीछे नहीं हटेंगे: क्या वे चाहती हैं कि एक छात्र अंततः मर जाए क्योंकि छात्रों के साथ महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करना बहुत बड़ी परेशानी है? हमारे कार्यकर्ता भूख हड़ताल जारी रखने के लिए दृढ़ हैं. एसएफआई का कहना है कि हम पीछे नहीं हटेंगे. आज हमारे कंधों पर कैंपस के लोकतंत्र को बचाने की अत्यंत महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है.

प्रदर्शनकारी छात्रों की ये हैं मांगें

  1. अनन, हर्ष और नादिया का निलंबन बिना शर्त वापस लें.
  2. कैंपस में सभी बैरिकेडिंग हटाए, सुबह 8 बजे से शाम 8 बजे तक प्रवेश/निकास के लिए मुख्य द्वार खोलें.
  3. विरोध प्रदर्शन पर रोक लगाने वाला नोटिस वापस लें.
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