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शिक्षा निदेशालय पर सैकड़ों शिक्षकों का धरना, 1300 अध्यापकों को OPS से बाहर करने से जुड़ा है मामला - DHARNA AT DIRECTORATE OF EDUCATION

गढ़वाल मंडल के सैकड़ों शिक्षकों ने देहरादून शिक्षा निदेशालय पर धरना दिया. शिक्षकों ने विभाग पर पक्षपात करने का आरोप लगाया.

DHARNA AT DIRECTORATE OF EDUCATION
शिक्षा निदेशालय पर सैकड़ों शिक्षकों का धरना (PHOTO- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : June 10, 2025 at 8:29 PM IST

3 Min Read

देहरादून: शिक्षा निदेशालय देहरादून पर मंगलवार को गढ़वाल मंडल के 6 जिलों के सैकड़ों शिक्षकों ने धरना पर दिया. शिक्षकों ने पुरानी पेंशन के मामले को लेकर शिक्षा विभाग पर पक्षपात करने का आरोप लगाया.

ये है मामला: दरअसल, उत्तराखंड शिक्षा विभाग ने गढ़वाल मंडल के 2600 शिक्षकों को साल 2005 में अतिथि शिक्षक से प्राथमिक शिक्षक पर नियुक्त किया. लेकिन अब विभाग ने गढ़वाल मंडल के चमोली जिले को छोड़कर सभी 6 जिलों में मौजूद 1300 शिक्षकों को ओल्ड पेंशन स्कीम से बाहर रखा है. इस पर शिक्षकों में काफी आक्रोश देखने को मिल रहा है.

Dharna at Directorate of Education
चमोली जिले को छोड़कर गढ़वाल मंडल के कई शिक्षकों ने दिया धरना (PHOTO- ETV Bharat)

इसी क्रम में मंगलवार को विभाग के फैसले से प्रभावित गढ़वाल मंडल के 6 जिलों के सैकड़ों शिक्षक देहरादून शिक्षा निदेशालय नंदूरखेड़ा पर धरना देने के लिए पहुंचे. शिक्षकों ने जमकर विरोध किया.

प्रादेशिक जूनियर हाई स्कूल शिक्षक संघ के प्रदेश महामंत्री जगबीर खरोला ने बताया कि साल 2005 के पहले लंबे समय तक शिक्षा विभाग में अतिथि शिक्षकों के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे 2600 अतिथि शिक्षकों को शिक्षा विभाग द्वारा फरवरी 2005 में बीटीसी कराई गई. इन सभी 2600 शिक्षकों का रिजल्ट भी एक साथ अगस्त में आया. हालांकि, इस दौरान भी यह सभी अपनी सेवाएं दे रहे थे. बीटीसी का रिजल्ट आने के बाद शिक्षा विभाग के जिलों में मौजूद अधिकारियों द्वारा अलग-अलग समय पर इन शिक्षकों को बेसिक शिक्षक के पद पर नियुक्ति दी गई.

Dharna at Directorate of Education
ओओल्ड पेंशन स्कीम से बाहर करने पर लगाया पक्षपात का आरोप. (PHOTO- ETV Bharat)

वहीं अब जब ओल्ड पेंशन स्कीम के तहत अक्टूबर 2005 की नियुक्ति के बाद के शिक्षकों को ओल्ड पेंशन स्कीम से बाहर कर दिया गया तो ऐसे में इन 2600 शिक्षकों में से 1300 शिक्षक ओल्ड स्कीम ओल्ड पेंशन स्कीम से वंचित हो गए हैं. यह सभी शिक्षक गढ़वाल मंडल में पढ़ने वाले उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, टिहरी, पौड़ी, देहरादून और हरिद्वार जिले के हैं. शिक्षकों का कहना है कि सरकार का यह पक्षपात भरा रवैया ठीक नहीं है.

Dharna at Directorate of Education
शिक्षक संघ ने सीएम धामी ने लिखा पत्र (PHOTO- ETV Bharat)

जगबीर खरोला ने कहा कि सभी शिक्षक अभ्यर्थियों की अर्हताएं भी समान हैं. ऐसे में विभाग द्वारा अपनी लापरवाही से अलग-अलग समय में दी गई नियुक्ति के आधार पर कैसे शिक्षकों को ओल्ड पेंशन स्कीम से बाहर किया जा सकता है? यह अपने आप में बड़ा सवाल है. इस मामले में पूरी तरह से विभागीय अधिकारी जिम्मेदार हैं.

Dharna at Directorate of Education
शिक्षक संघ ने सीएम धामी ने लिखा पत्र (PHOTO- ETV Bharat)

शिक्षक संघ ने बताया कि हाई कोर्ट द्वारा भी शिक्षकों के पक्ष में फैसला दिया जा चुका है. लेकिन उसके बावजूद भी सरकार सुप्रीम कोर्ट में गई. एक ही प्रदेश में इस तरह से पक्षपात किया जाना न्यायोचित नहीं है.

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चमोली जिले को छोड़कर गढ़वाल मंडल के कई शिक्षकों ने दिया धरना (PHOTO- ETV Bharat)

इसी क्रम में मंगलवार को विभाग के फैसले से प्रभावित गढ़वाल मंडल के 6 जिलों के सैकड़ों शिक्षक देहरादून शिक्षा निदेशालय नंदूरखेड़ा पर धरना देने के लिए पहुंचे. शिक्षकों ने जमकर विरोध किया.

प्रादेशिक जूनियर हाई स्कूल शिक्षक संघ के प्रदेश महामंत्री जगबीर खरोला ने बताया कि साल 2005 के पहले लंबे समय तक शिक्षा विभाग में अतिथि शिक्षकों के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे 2600 अतिथि शिक्षकों को शिक्षा विभाग द्वारा फरवरी 2005 में बीटीसी कराई गई. इन सभी 2600 शिक्षकों का रिजल्ट भी एक साथ अगस्त में आया. हालांकि, इस दौरान भी यह सभी अपनी सेवाएं दे रहे थे. बीटीसी का रिजल्ट आने के बाद शिक्षा विभाग के जिलों में मौजूद अधिकारियों द्वारा अलग-अलग समय पर इन शिक्षकों को बेसिक शिक्षक के पद पर नियुक्ति दी गई.

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ओओल्ड पेंशन स्कीम से बाहर करने पर लगाया पक्षपात का आरोप. (PHOTO- ETV Bharat)

वहीं अब जब ओल्ड पेंशन स्कीम के तहत अक्टूबर 2005 की नियुक्ति के बाद के शिक्षकों को ओल्ड पेंशन स्कीम से बाहर कर दिया गया तो ऐसे में इन 2600 शिक्षकों में से 1300 शिक्षक ओल्ड स्कीम ओल्ड पेंशन स्कीम से वंचित हो गए हैं. यह सभी शिक्षक गढ़वाल मंडल में पढ़ने वाले उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, टिहरी, पौड़ी, देहरादून और हरिद्वार जिले के हैं. शिक्षकों का कहना है कि सरकार का यह पक्षपात भरा रवैया ठीक नहीं है.

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शिक्षक संघ ने सीएम धामी ने लिखा पत्र (PHOTO- ETV Bharat)

जगबीर खरोला ने कहा कि सभी शिक्षक अभ्यर्थियों की अर्हताएं भी समान हैं. ऐसे में विभाग द्वारा अपनी लापरवाही से अलग-अलग समय में दी गई नियुक्ति के आधार पर कैसे शिक्षकों को ओल्ड पेंशन स्कीम से बाहर किया जा सकता है? यह अपने आप में बड़ा सवाल है. इस मामले में पूरी तरह से विभागीय अधिकारी जिम्मेदार हैं.

Dharna at Directorate of Education
शिक्षक संघ ने सीएम धामी ने लिखा पत्र (PHOTO- ETV Bharat)

शिक्षक संघ ने बताया कि हाई कोर्ट द्वारा भी शिक्षकों के पक्ष में फैसला दिया जा चुका है. लेकिन उसके बावजूद भी सरकार सुप्रीम कोर्ट में गई. एक ही प्रदेश में इस तरह से पक्षपात किया जाना न्यायोचित नहीं है.

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