नई दिल्ली: दिल्ली के रोहिणी स्थित जगन्नाथ मंदिर में बुधवार को देव स्नान पूर्णिमा के दिन भगवान जगन्नाथ, भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा की भव्य यात्रा निकली गई. इस दौरान रोहिणी के सेक्टर 24 स्थित जय जगन्नाथ मंदिर में स्थापित भगवान जगन्नाथ, भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा की मूर्तियों को विशेष स्नान कराया गया. स्नान से पहले भव्य यात्रा निकाली जाती है, इसलिए यह स्नान यात्रा के नाम से जानी जाती है. रथयात्रा से पहले यह एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया मानी जाती है. इस साल रथयात्रा 27 जून से शुरू होगी और 5 जुलाई को समाप्त होगी.
श्रीजगन्नाथ रोहिणी सेवा संघ के प्रधान पबन जैन ने बताया कि देव स्नान पूर्णिमा के अवसर पर सैकड़ों श्रद्धालु भगवान जगन्नाथ और उनके भाई-बहनों की स्नान यात्रा देखने के लिए मंदिर पहुंचे. इस त्योहार को कुछ लोग भगवान जगन्नाथ के जन्मदिन के रूप में भी मनाते हैं. ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन भगवान जगन्नाथ, देवी सुभद्रा और भगवान बलभद्र की मूर्तियों को सुबह के समय मंदिर के रत्न सिंहासन से बाहर निकाला जाता है. इसके बाद मंत्रोच्चार, ढोल, बिगुल और झांझ की ध्वनि के साथ जुलूस निकालकर स्नान वेदी तक लाया जाता है और स्नान कराया जाता है. इसे 'पहंडी' जुलूस कहा जाता है.
भगवान जाएंगे विशेष आवास में: इस विशेष अवसर पर रोहिणी स्थित जगन्नाथ मंदिर को विशेष तौर पर सजाया गया. मंदिर परिसर में आने वाले श्रद्धालुओं को किसी तरह की कोई परेशानी न हो इसका खास ख्याल रखा गया. बुधवार से भगवान जगन्नाथ, मंदिर में स्थित एक विशेष आवास में चले जाएंगे. इसके बाद भगवान 14 दिन के लिए बीमार पड़ जाते हैं. फिर 15 दिन बाद भगवान जगन्नाथ, देवी सुभद्रा और भगवान बलभद्र रथयात्रा ये पहले भक्तों को दर्शन देने के लिए प्रकट होते हैं.
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