रामनगर/रुद्रप्रयाग: देशभर में आज से चैत्र नवरात्र की शुरुआत हो गई है. आज से नौ दिनों तक मां दुर्गा की पूजा अर्चना की जाएगी. नवरात्र को नई शुरुआत के प्रतीक के रूप में भी मनाया जाता है. वहीं, बात अगर देवभूमि उत्तराखंड की बात करें तो यहां के अलग अलग शक्ति पीठों में धूमधाम से चैत्र नवरात्र मनाया जा रहा है. पहले दिन मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी.
नैनीताल जिले के रामनगर शहर से 14 किलोमीटर दूर स्थित गर्जिया देवी मंदिर लाखों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है. नवरात्रि के दौरान मंदिर में भारी भीड़ उमड़ती है. आज चैत्र नवरात्र के पहले दिन मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ रही. भक्त सुबह 4 बजे से ही मंदिर में कतारें लगाकर नजर आए. मां गर्जिया के दर्शन के लिए स्थानीय लोगों के साथ ही पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और यूपी के अलग-अलग स्थानों से भी भक्त पहुंचते हैं.
नवरात्रि के पहले दिन भक्तों की भीड़: नवरात्रि के पहले दिन से ही यहां भक्तों की भारी भीड़ उमड़ रही है. भक्त सुबह 4 बजे से ही लंबी कतारों में खड़े होकर दर्शन के लिए प्रतीक्षा करते नजर आए. मंदिर परिसर में सुबह से विशेष पूजा-अर्चना की जा रही है. भक्तजन मां के चरणों में अपनी श्रद्धा अर्पित कर रहे हैं.
कैसे पड़ा गर्जिया देवी नाम? प्राचीन कथाओं के अनुसार, हजारों साल पहले एक मिट्टी का विशाल टीला कोसी नदी के प्रवाह के साथ बहकर यहां आ गया था. तब बटुक भैरव देवता ने इसे रोकते हुए कहा, 'देवी ठहरो और यहां मेरे साथ निवास करो'. तभ से यह टीला गर्जिया माता का पवित्र स्थल बन गया. कहा जाता है कि जब नागा बाबा ने यहां मूर्ति की स्थापना की तो उसी समय एक शेर ने जोरदार गर्जना की थी. इसे दैवीय संकेत मानते हुए मंदिर का नाम 'गर्जिया देवी' रख दिया गया.
गर्जिया देवी मंदिर तक कैसे पहुंचें? गर्जिया देवी का यह मंदिर रामनगर से लगभग 14 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. यह स्थान देशभर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए एक प्रमुख तीर्थ स्थल बन चुका है. मंदिर तक पहुंचने के लिए नैनीताल जिले के रामनगर से टैक्सी, बस या निजी वाहन का उपयोग किया जा सकता है.
कालीमठ में भी लगा भक्तों का तांता: केदार घाटी के सभी शक्तिपीठों में चैत्र नवरात्रों के प्रथम दिन भगवती दुर्गा के शैलपुत्री स्वरूप की पूजा अर्चना की गयी. चैत्र नवरात्रों के प्रथम दिन ही सभी शक्तिपीठों में भक्तों की भारी भीड़ रही. चैत्र नवरात्रों के प्रथम दिन सिद्धपीठ कालीमठ, कोटी माहेश्वरी, चामुण्डा देवी, कालीशिला, राकेश्वरी मन्दिर, राजराजेश्वरी मन्दिर सहित सभी शक्तिपीठों में सैकड़ों भक्तों ने पूजा - अर्चना कर मनौती मांगी तथा विश्व समृद्धि व क्षेत्र के खुशहाली की कामना की. पावन पतित सरस्वती नदी के किनारे बसे सिद्धपीठ कालीमठ में भी सैकड़ों भक्तों ने पूजा - अर्चना कर विश्व समृद्धि व क्षेत्र के खुशहाली की कामना की. चैत्र नवरात्रे के प्रथम दिन रविवार का अवकाश होने से सिद्धपीठ कालीमठ मे सुबह से ही भक्तो का तांता लगा रहा. सिद्धपीठ कालीमठ व कोटि माहेश्वरी तीर्थ में प्रति दिन सैकड़ों भक्तों की आवाजाही होने से कालीमठ घाटी के विभिन्न हिल स्टेशनों पर रौनक बनी. कालीमठ मन्दिर के प्रबन्धक प्रकाश पुरोहित ने बताया कि चैत्र नवरात्रे के प्रथम दिन चार सौ से अधिक भक्तों ने सिद्धपीठ कालीमठ में पूजा - अर्चना कर मनौती मांगी
ये भी पढ़ें:कोसी नदी की दो धाराओं के बीच है गर्जिया देवी का मंदिर, भक्तों की हर मुराद पूरी करती हैं मां