सिरोही: जिले के चोटिला गांव में आयोजित गौतम ऋषि मेले के दूसरे दिन श्रद्धा, संस्कृति और समाज की अनूठी झलक देखने को मिली. तड़के सुबह 4:55 बजे गंगा मैया के अवतरण की मान्यता के साथ पूजा-अर्चना का आयोजन किया गया, जिसमें समाज के सैकड़ों श्रद्धालुओं ने भागीदारी निभाई.
इस अवसर पर समाजजनों ने वर्षभर में दिवंगत परिजनों की अस्थियों का विधिवत विसर्जन कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की. मेले की खास बात यह रही कि यहां किसी वर्दीधारी पुलिस की आवश्यकता नहीं पड़ी. संपूर्ण व्यवस्था समाज के परगनावार पंचों द्वारा संभाली गई, जो समाज की आत्मनिर्भरता, अनुशासन और एकजुटता का सशक्त उदाहरण प्रस्तुत करती है. मेले के दौरान भूरिया बाबा के यशोगान पर मीणा समाज के युवाओं ने पारंपरिक गुंगरा बांधकर नृत्य किया, जिससे पूरा मेला उत्सव के रंग में रंग गया. लगभग 5 किलोमीटर की परिधि में फैले इस विशाल आयोजन में देशभर से लाखों श्रद्धालुओं ने शिरकत की.

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पारंपरिक व्यंजनों के स्टॉल्स: गौतम ऋषि ट्रस्ट के अध्यक्ष रताराम मीणा ने बताया कि जालौर, सिरोही, पाली सहित कई अन्य राज्यों से श्रद्धालु भारी उत्साह के साथ मेले में पहुंचे. भीषण गर्मी को देखते हुए चिकित्सा, पेयजल, सुरक्षा और आवास की समुचित व्यवस्था की गई थी, जिससे श्रद्धालुओं को कोई असुविधा न हो. मेले में जगह-जगह लगे प्रसाद और पारंपरिक व्यंजनों के स्टॉल्स श्रद्धालुओं के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र बने रहे. इसके साथ ही बाजार में दुकानों से की गई जमकर खरीदारी ने आयोजन में रौनक भर दी.
उन्होंने बताया कि धार्मिक और सांस्कृतिक महत्त्व के साथ-साथ यह मेला सामाजिक जुड़ाव का माध्यम भी बनता है. यहां कई परिवार आपसी मेल-मिलाप के दौरान विवाह संबंध तय करते हैं, जिससे यह आयोजन अगली पीढ़ियों को जोड़ने वाला सेतु बन जाता है. गौरतलब है कि यह भव्य मेला आगामी 15 अप्रैल को विधिवत रूप से विसर्जन के साथ संपन्न होगा.