कुल्लू: देश दुनिया के लिए आकर्षण का केंद्र रोहतांग दर्रा अब सैलानियों के लिए बहाल हो गया है. बीआरओ की टीम द्वारा 30 फुट से अधिक बर्फ की दीवार को काटा गया और अब दर्रे से होते हुए भी सैलानी लाहौल घाटी के कोकसर पहुंच सकते हैं. फिलहाल सैलानियों को टैक्सी के माध्यम से रोहतांग दर्रा के दीदार हो रहे हैं. लेकिन अब एचआरटीसी प्रबंधन ने भी सैलानियों की सुविधा के लिए इलेक्ट्रिक बस की सुविधा शुरू कर दी है.
महज ₹500 में कीजिए मनाली से रोहतांग तक का सफर
फिलहाल रोजाना एचआरटीसी की दो इलेक्ट्रिक बस रोहतांग दर्रा भेजी जा रही है. ऐसे में आगामी समय में सैलानियों की संख्या बढ़ती है तो इन इलेक्ट्रिक बस की संख्या को भी बढ़ाया जाएगा. एचआरटीसी द्वारा मनाली से रोहतांग दर्रा तक प्रति सवारी का किराया ₹500 रखा गया है. बस करीब एक घंटा तक दर्रे पर रुकी रहेगी. जहां पर सैलानी बर्फ के बीच मस्ती कर सकेंगे. उसके बाद यह बस वापस मनाली लौट आएगी.
बस सेवा शुरू होने से पर्यटन की खत्म हुई परमिट लेने की टेंशन
इससे पहले पर्यटकों को रोहतांग दर्रा जाने के लिए परमिट के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ती थी और टैक्सी में भी उन्हें भारी किराया देना पड़ता था. वहीं, एचआरटीसी ने इलेक्ट्रिक बस सेवा शुरू कर दी है, जिससे जहां निगम को भी अच्छी कमाई हो रही है. वहीं, अब पर्यटकों का पैसा भी बच रहा है. साथ ही पर्यटकों को अब परमिट के लिए परेशान भी नहीं होना पड़ रहा है.

HRTC की दो बसें ले जाएंगी सैलानियों को मनाली से रोहतांग
हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम की यह बस मनाली से सुबह साढ़े 7 बजे से लेकर सुबह 10 बजे तक रोहतांग दर्रे के लिए रवाना होती है. फिलहाल के लिए निगम सिर्फ 2 बसों को रोहतांग दर्रे के लिए भेज रहा है. वहीं, पर्यटकों की मांग पर आने वाले दिनों में इलेक्ट्रिक बसों की संख्या को भी बढ़ाने की दिशा में निगम प्रबंधन विचार कर रहा है. ऐसे में मनाली से रोहतांग दर्रे का दीदार पर्यटक इन इलेक्ट्रिक बसों में कर सकते हैं. वहीं, बस सेवा रोहतांग दर्रा जाने वाले पर्यटकों को अब ऑनलाइन परमिट के झंझट से भी छुटकारा मिला है.
एक दिन में सिर्फ 1200 गाड़ियों को रोहतांग जाने की अनुमति
रोहतांग दर्रा पर्यटन नगरी मनाली से 51 किलोमीटर की दूरी पर है और यहां पर अभी भी पर्यटक बर्फ का दीदार कर रहे हैं. NGT के आदेश जारी होने के बाद रोहतांग दर्रे पर जाने के लिए पर्यटकों को ऑनलाइन परमिट लेना होता है. लेकिन एक दिन में मात्र 1200 वाहनों को ही जाने की परमिशन मिलती है, जिस कारण पर्यटकों को रोहतांग का परमिट हासिल करने के लिए भी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. साथ ही टैक्सी का भारी भरकम किराया चुकाना पड़ता है. अब एचआरटीसी की बस शुरू होने से पर्यटकों को काफी सुविधा और राहत मिल रही है.
रोहतांग के लिए इलेक्ट्रिक बस सेवा शुरू होने से पर्यटकों में खुशी
मनाली से रोहतांग के लिए बस में सफर कर रहे पर्यटक चंदन मांझी, रीता मिश्रा और बसंत बाबू ने कहा, "एचआरटीसी की बस में सफर करना काफी सस्ता है. हम पूरे परिवार के साथ रोहतांग जा रहे हैं. अगर हम टैक्सी करते तो वो काफी महंगी होती". वहीं, एक अन्य पर्यटक ने कहा, "इस बस में काफी अच्छा लग रहा है. रोहतांग के लिए अब परमिट लेने की जरूरत नहीं है. हमारे इलाके में काफी गर्मी है और हरियाली बिलकुल भी नहीं है, ऐसे में यहां हरियाली के साथ-साथ इस समय बर्फ देखने को भी मिलेगी".
किराया कम होने से रोहतांग जाने वाले पर्यटकों को मिलेगी राहत
पर्यटकों का कहना है कि बस का किराया हर कोई भरने में सक्षम है. एक निम्न परिवार का व्यक्ति भी इस बस में सफर कर रोहतांग का दीदार कर सकता है. एक मध्यमवर्गीय परिवार का व्यक्ति ऐसी जगह घूमने जाना चाहता है और कई बार भारी भरकम किराए की वजह से वो ऐसी जगह घूमने नहीं जा सकता है. ऐसे में कम रुपये खर्च करके वो इस बस से रोहतांग जा सकता है. मनाली में टूरिस्ट पैकेज में 4 से 5 हजार रुपये में यहां टैक्सी मिलती है और बस में सिर्फ 500 रुपये में ही रोहतांग जाया जा सकता है.
NGT ने रोहतांग दर्रे के लिए प्रतिदिन गाड़ियों की संख्या को निर्धारित की
गौरतलब है कि एनजीटी द्वारा रोहतांग दर्रे को प्रदूषण से बचाने के लिए रोजाना वाहनों की संख्या को निर्धारित किया गया है, जिसमें रोजाना 800 वाहन पेट्रोल और 400 वाहन डीजल के जा सकते हैं. ऐसे में रोहतांग परमिट के नाम पर एक वेबसाइट पर बनाई गई है. जिसके माध्यम से सैलानी रोहतांग जाने का परमिट हासिल कर सकते हैं. सैलानी को इस परमिट को हासिल करने के लिए ₹1000 की फीस तय करनी पड़ती है और वेबसाइट में अपने वाहन की डिटेल भी दर्ज करनी होती है. उसके बाद रोहतांग जाने का परमिट जारी हो जाता है. वहीं, गुलाबा के पास एनजीटी द्वारा एक बैरियर स्थापित किया गया है. जहां पर वाहनों को जारी किए गए परमिट की जांच की जाती है.
एचआरटीसी मनाली के अड्डा प्रभारी खूब राम ने कहा, "जैसे-जैसे पर्यटकों की संख्या में इजाफा होगा. वैसे ही इन रूटों पर बसों को बढ़ाया जाएगा. मनाली से रोहतांग के लिए 2 बसों को भेजा गया है, जिसमें प्रति व्यक्ति किराया 500 निर्धारित किया गया है. रोहतांग पहुंचकर यह बस 1 घंटे तक पर्यटकों के लिए रुकी रहती है. उसके बाद सभी पर्यटकों को मनाली पहुंचाया जाता है. मनाली आने वाले पर्यटक अब इन बसों को प्राथमिकता दे रहे हैं. क्योंकि इनका किराया भी टैक्सी के मुकाबले बहुत कम है.
खूब राम ने बताया कि 25 सीटर इस बस का कुल किराया 15 हजार रुपये के आसपास है. वहीं, दूसरी तरफ 5 सीटर टैक्सी का किराया 5000 रुपये से ज्यादा होता है. ऐसे में जहां पर्यटकों का आर्थिक रूप से फायदा होता है तो वहीं, पर्यटकों को परमिट लेने की जद्दोजहद से भी नहीं जूझना पड़ता है. पर्यटक ऑनलाइन या बस स्टैंड मनाली से इन बसों की बुकिंग कर सकते हैं. कुछ दिनों में निगम मनाली से रोहतांग होते हुए अटल टनल और फिर वापिस मनाली के लिए बसें चलाएगा.
ये भी पढ़ें: "रबड़ स्टाम्प को न बनाया जाए कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष, प्रतिभा सिंह को रखना है या नहीं, ये पार्टी हाईकमान का फैसला"