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धर्मस्व एवं तीर्थाटन परिषद के गठन से बेहतर होंगी यात्राओं और मेलों की व्यवस्था, जानिए कैसे करेगा काम? - DHARAMSVA AND TIRTHATAN PARISHAD

धामी कैबिनेट ने उत्तराखंड में धार्मिक यात्राओं के लिए धर्मस्व एवं तीर्थाटन परिषद के गठन को मंजूरी दे दी है.

RELIGIOUS PILGRIMAGE COUNCIL
धर्मस्व एवं तीर्थाटन परिषद गठन (Photo-ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : May 18, 2025 at 2:46 PM IST

Updated : May 18, 2025 at 2:59 PM IST

6 Min Read

देहरादून (रोहित सोनी): उत्तराखंड सरकार ने धर्मस्व एवं तीर्थाटन परिषद का गठन कर दिया है, ताकि उत्तराखंड में चारधाम यात्रा, अन्य यात्राओं और मेलों की व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के साथ ही इसका बेहतर ढंग से संचालन किया जा सके. हालांकि, पूर्व की त्रिवेंद्र सरकार ने भी चारधाम यात्रा के बेहतर संचालन को लेकर "देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड" का गठन किया था. जिसे जन भावनाओं के अनुरूप धामी सरकार ने भंग कर दिया गया. लेकिन अब यात्राओं के बेहतर संचालन को लेकर धामी सरकार ने धर्मस्व एवं तीर्थाटन परिषद का गठन कर दिया है. विस्तार से जानिए परिषद के गठन को लेकर कब-कब क्या-क्या हुआ, परिषद में किसकी होगी मुख्य भूमिका?

इस वजह से हुआ धर्मस्व एवं तीर्थाटन परिषद का गठन: उत्तराखंड में हर साल काफी संख्या में पर्यटक आते हैं, जिसमें धार्मिक पर्यटकों की संख्या भी काफी अधिक है. मुख्य रूप से उत्तराखंड चारधाम यात्रा के साथ ही नंदादेवी राजजात यात्रा, आदि कैलाश यात्रा और पूर्णागिरि यात्रा के साथ ही तमाम मेलों का भी आयोजन किया जाता है. यात्राओं और मेलों के कुशल संचालन के लिए सरकार ने धर्मस्व एवं तीर्थाटन परिषद का गठन करने की ओर कदम बढ़ाए. जिससे यात्रियों को परेशानियों का सामना ना करना पड़े. परिषद के गठन करने की मुख्य वजह साल 2024 में चारधाम यात्रा के दौरान अचानक श्रद्धालुओं की अत्यधिक भीड़ है.

यात्रा प्रबंधन के लिए धर्मस्व एवं तीर्थाटन परिषद का गठन (Video-ETV Bharat)

सीएम धामी ने अधिकारियों को दिए निर्देश: उस दौरान चारधाम यात्रा मार्गों पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने की वजह से यात्रा की व्यवस्थाएं चरमरा गई थी. साथ ही यात्रियों को भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. जिसको देखते हुए 20 मई 2024 को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चारधाम यात्रा की व्यवस्थाओं के संबंध में बैठक की थी. उसी दौरान सीएम धामी ने अधिकारियों को यात्रा प्राधिकरण बनाने की दिशा में काम करने के निर्देश दिए थे. हालांकि, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश के बाद शासन स्तर से इस दिशा में तेजी से कदम बढ़ाए गए. साथ ही यात्रा प्राधिकरण के स्वरूप को लेकर उच्च स्तरीय समिति का गठन भी किया गया.

उत्तराखंड में मेले आयोजित होते रहते हैं. साथ ही उत्तराखंड चारधाम यात्रा राज्य के लिए काफी महत्वपूर्ण है. इसके साथ ही नंदा देवी राजजात यात्रा, कांवड़ मेला, अर्धकुंभ समेत तमाम मेलों का आयोजन उत्तराखंड में होता रहता है. ऐसे में धर्मस्व एवं तीर्थाटन परिषद गठन के बाद अब यात्रा और मेलों का संचालन सही ढंग से हो पाएगा. साथ ही अनुभवी लोगों के क्षमता का बेहतर उपयोग कर पाएंगे. आगामी नंदा देवी राजजात यात्रा काफी महत्वपूर्ण है, जिसमें तमाम जगहों से लोग शामिल होते हैं, ऐसे में ये परिषद यात्राओं और मेलों की सभी व्यवस्थाओं को दिखेगा.
- सतपाल महाराज, धर्मस्व मंत्री -

RELIGIOUS PILGRIMAGE COUNCIL
धर्मस्व एवं तीर्थाटन परिषद का मुख्य काम (Photo-ETV Bharat Graphics)

यात्रा प्राधिकरण का स्वरूप: इसके लिए शासन ने जून 2024 में तात्कालिक अपर मुख्य सचिव एवं वर्तमान मुख्य सचिव आनंद बर्धन की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय समिति का गठन किया था. इस समिति में सचिव सचिन कुर्वे, दिलीप जावलकर, तत्कालीन अपर पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) एपी अंशुमन, गढ़वाल मंडलायुक्त विनय शंकर पांडेय और तात्कालिक पुलिस महानिरीक्षक गढ़वाल केएस नगन्याल को बतौर सदस्य नामित किया गया. ऐसे में उच्च स्तरीय समिति ने सभी पहलुओं पर गहनता से मंथन किया. इसके बाद 3 जुलाई 2024 को समिति के अध्यक्ष समेत सदस्यों ने अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को सौंप दी थी. उच्च स्तरीय समिति की रिपोर्ट में यात्राओं के संचालक को भविष्य में बेहतर और सुगम बनाने के लिए संस्तुतियां दी थी.

उत्तराखंड चारधाम यात्रा और महत्वपूर्ण मेलों के सुव्यवस्थित संचालन में लिए धर्मस्व एवं तीर्थाटन परिषद का गठन विचलन के जरिए किया गया था. जिससे संबंधित प्रस्ताव मंत्रिमंडल के सम्मुख रखा गया, जिस पर मंत्रिमंडल ने सहमति जता दी है.
शैलेश बगौली, गृह सचिव

RELIGIOUS PILGRIMAGE COUNCIL
धर्मस्व एवं तीर्थाटन परिषद का तीन स्वरूपों में होगा गठन (Photo-ETV Bharat Graphics)

संस्तुतियों के आधार पर परिषद का गठन: यही नहीं, उच्च स्तरीय समिति ने अपनी रिपोर्ट में परिषद के गठन की संस्तुति की थी. परिषद के स्वरूप की जानकारी भी रिपोर्ट में लिखी गई थी. जिसके तहत तीन स्तर पर बनने वाली यह परिषद साल भर सक्रिय रहकर योजनाओं और मेलों के संचालन और प्रबंधन के लिए कदम उठाएगी. इसके अलावा, प्रदेश के दोनों मंडलों गढ़वाल और कुमाऊं के आयतन को परिषद के सीईओ की जिम्मेदारी देने की भी संस्तुति समिति ने की थी. ऐसे में यात्रा प्राधिकरण का स्वरूप तैयार करने के लिए गठित उच्च स्तरीय समिति की ओर से दी गई. संस्तुतियों के आधार पर धर्मस्व एवं तीर्थाटन परिषद का गठन कर दिया है.

परिषद का गठन समय की मांग भी है, क्योंकि प्रदेश में चारधाम यात्रा, हेमकुंड साहिब यात्रा समेत तमाम मेलों का आयोजन किया जाता है. जिसमें हर साल लाखों श्रद्धालु उत्तराखंड आते हैं. जिसके चलते यात्रा या फिर मेलों का संचालन ठीक ढंग से नहीं हो पा रहा है. भले ही सरकार यात्रा में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आने का दम भर रही हो, लेकिन श्रद्धालुओं के आने से व्यवस्थाएं ध्वस्त हो जाती हैं. ऐसे में यात्रा के लिए एक रेगुलेटरी अथॉरिटी होनी चाहिए, जो सबको मैनेज कर लें.
जय सिंह रावत,वरिष्ठ पत्रकार

Uttarakhand cabinet meeting
उत्तराखंड कैबिनेट की बैठक में लिया गया अहम फैसला (Photo-ETV Bharat)

एनडी तिवारी सरकार में भी हुए प्रयास: जय सिंह रावत ने कहा कि जब एक रेगुलेटरी अथॉरिटी की जरूरत थी तो फिर राज्य सरकार ने पूर्व में बनाए गए देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड को भंग क्यों किया? हालांकि त्रिवेंद्र सरकार की ओर से बनाया गया देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड भले ही अव्यावहारिक था, लेकिन राज्य सरकार उसको व्यावहारिक बना सकती थी. साथ ही बताया कि एनडी तिवारी सरकार के दौरान भी चारधाम परिषद गठन किए जाने का प्रस्ताव तैयार किया गया था, लेकिन उस दौरान चारधाम के पांडा पुरोहितों ने इसका विरोध किया था, जिसके चलते चारधाम परिषद गठन का मामला उस दौरान आगे नहीं बढ़ पाया.

मंत्रिमंडल की बैठक में लगी मुहर: लेकिन त्रिवेंद्र सरकार ने एक कदम आगे बढ़ते हुए देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड को लागू कर दिया था, जिसे धामी सरकार ने जनभावनाओं को देखते हुए निरस्त कर दिया था, लेकिन एक बार फिर उसी राह पर धामी सरकार आगे बढ़ चली है. दरअसल, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में शुक्रवार यानी 16 मई को मंत्रिमंडल की बैठक की गई. बैठक के दौरान धामी मंत्रिमंडल ने धर्मस्व एवं तीर्थाटन परिषद के गठन को मंजूरी दे दी है.

पढ़ें-उत्तराखंड में धार्मिक यात्राओं के लिए धर्मस्व एवं तीर्थाटन परिषद के गठन को मिली मंजूरी, लंबे समय से चल रहा था विचार

पढ़ें: उत्तराखंड में होगा योग महाकुंभ का भव्य समागम, ग्राउंड पर उतरेगी YOGA पॉलिसी, जानिये कैसी हैं तैयारियां

देहरादून (रोहित सोनी): उत्तराखंड सरकार ने धर्मस्व एवं तीर्थाटन परिषद का गठन कर दिया है, ताकि उत्तराखंड में चारधाम यात्रा, अन्य यात्राओं और मेलों की व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के साथ ही इसका बेहतर ढंग से संचालन किया जा सके. हालांकि, पूर्व की त्रिवेंद्र सरकार ने भी चारधाम यात्रा के बेहतर संचालन को लेकर "देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड" का गठन किया था. जिसे जन भावनाओं के अनुरूप धामी सरकार ने भंग कर दिया गया. लेकिन अब यात्राओं के बेहतर संचालन को लेकर धामी सरकार ने धर्मस्व एवं तीर्थाटन परिषद का गठन कर दिया है. विस्तार से जानिए परिषद के गठन को लेकर कब-कब क्या-क्या हुआ, परिषद में किसकी होगी मुख्य भूमिका?

इस वजह से हुआ धर्मस्व एवं तीर्थाटन परिषद का गठन: उत्तराखंड में हर साल काफी संख्या में पर्यटक आते हैं, जिसमें धार्मिक पर्यटकों की संख्या भी काफी अधिक है. मुख्य रूप से उत्तराखंड चारधाम यात्रा के साथ ही नंदादेवी राजजात यात्रा, आदि कैलाश यात्रा और पूर्णागिरि यात्रा के साथ ही तमाम मेलों का भी आयोजन किया जाता है. यात्राओं और मेलों के कुशल संचालन के लिए सरकार ने धर्मस्व एवं तीर्थाटन परिषद का गठन करने की ओर कदम बढ़ाए. जिससे यात्रियों को परेशानियों का सामना ना करना पड़े. परिषद के गठन करने की मुख्य वजह साल 2024 में चारधाम यात्रा के दौरान अचानक श्रद्धालुओं की अत्यधिक भीड़ है.

यात्रा प्रबंधन के लिए धर्मस्व एवं तीर्थाटन परिषद का गठन (Video-ETV Bharat)

सीएम धामी ने अधिकारियों को दिए निर्देश: उस दौरान चारधाम यात्रा मार्गों पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने की वजह से यात्रा की व्यवस्थाएं चरमरा गई थी. साथ ही यात्रियों को भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. जिसको देखते हुए 20 मई 2024 को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चारधाम यात्रा की व्यवस्थाओं के संबंध में बैठक की थी. उसी दौरान सीएम धामी ने अधिकारियों को यात्रा प्राधिकरण बनाने की दिशा में काम करने के निर्देश दिए थे. हालांकि, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश के बाद शासन स्तर से इस दिशा में तेजी से कदम बढ़ाए गए. साथ ही यात्रा प्राधिकरण के स्वरूप को लेकर उच्च स्तरीय समिति का गठन भी किया गया.

उत्तराखंड में मेले आयोजित होते रहते हैं. साथ ही उत्तराखंड चारधाम यात्रा राज्य के लिए काफी महत्वपूर्ण है. इसके साथ ही नंदा देवी राजजात यात्रा, कांवड़ मेला, अर्धकुंभ समेत तमाम मेलों का आयोजन उत्तराखंड में होता रहता है. ऐसे में धर्मस्व एवं तीर्थाटन परिषद गठन के बाद अब यात्रा और मेलों का संचालन सही ढंग से हो पाएगा. साथ ही अनुभवी लोगों के क्षमता का बेहतर उपयोग कर पाएंगे. आगामी नंदा देवी राजजात यात्रा काफी महत्वपूर्ण है, जिसमें तमाम जगहों से लोग शामिल होते हैं, ऐसे में ये परिषद यात्राओं और मेलों की सभी व्यवस्थाओं को दिखेगा.
- सतपाल महाराज, धर्मस्व मंत्री -

RELIGIOUS PILGRIMAGE COUNCIL
धर्मस्व एवं तीर्थाटन परिषद का मुख्य काम (Photo-ETV Bharat Graphics)

यात्रा प्राधिकरण का स्वरूप: इसके लिए शासन ने जून 2024 में तात्कालिक अपर मुख्य सचिव एवं वर्तमान मुख्य सचिव आनंद बर्धन की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय समिति का गठन किया था. इस समिति में सचिव सचिन कुर्वे, दिलीप जावलकर, तत्कालीन अपर पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) एपी अंशुमन, गढ़वाल मंडलायुक्त विनय शंकर पांडेय और तात्कालिक पुलिस महानिरीक्षक गढ़वाल केएस नगन्याल को बतौर सदस्य नामित किया गया. ऐसे में उच्च स्तरीय समिति ने सभी पहलुओं पर गहनता से मंथन किया. इसके बाद 3 जुलाई 2024 को समिति के अध्यक्ष समेत सदस्यों ने अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को सौंप दी थी. उच्च स्तरीय समिति की रिपोर्ट में यात्राओं के संचालक को भविष्य में बेहतर और सुगम बनाने के लिए संस्तुतियां दी थी.

उत्तराखंड चारधाम यात्रा और महत्वपूर्ण मेलों के सुव्यवस्थित संचालन में लिए धर्मस्व एवं तीर्थाटन परिषद का गठन विचलन के जरिए किया गया था. जिससे संबंधित प्रस्ताव मंत्रिमंडल के सम्मुख रखा गया, जिस पर मंत्रिमंडल ने सहमति जता दी है.
शैलेश बगौली, गृह सचिव

RELIGIOUS PILGRIMAGE COUNCIL
धर्मस्व एवं तीर्थाटन परिषद का तीन स्वरूपों में होगा गठन (Photo-ETV Bharat Graphics)

संस्तुतियों के आधार पर परिषद का गठन: यही नहीं, उच्च स्तरीय समिति ने अपनी रिपोर्ट में परिषद के गठन की संस्तुति की थी. परिषद के स्वरूप की जानकारी भी रिपोर्ट में लिखी गई थी. जिसके तहत तीन स्तर पर बनने वाली यह परिषद साल भर सक्रिय रहकर योजनाओं और मेलों के संचालन और प्रबंधन के लिए कदम उठाएगी. इसके अलावा, प्रदेश के दोनों मंडलों गढ़वाल और कुमाऊं के आयतन को परिषद के सीईओ की जिम्मेदारी देने की भी संस्तुति समिति ने की थी. ऐसे में यात्रा प्राधिकरण का स्वरूप तैयार करने के लिए गठित उच्च स्तरीय समिति की ओर से दी गई. संस्तुतियों के आधार पर धर्मस्व एवं तीर्थाटन परिषद का गठन कर दिया है.

परिषद का गठन समय की मांग भी है, क्योंकि प्रदेश में चारधाम यात्रा, हेमकुंड साहिब यात्रा समेत तमाम मेलों का आयोजन किया जाता है. जिसमें हर साल लाखों श्रद्धालु उत्तराखंड आते हैं. जिसके चलते यात्रा या फिर मेलों का संचालन ठीक ढंग से नहीं हो पा रहा है. भले ही सरकार यात्रा में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आने का दम भर रही हो, लेकिन श्रद्धालुओं के आने से व्यवस्थाएं ध्वस्त हो जाती हैं. ऐसे में यात्रा के लिए एक रेगुलेटरी अथॉरिटी होनी चाहिए, जो सबको मैनेज कर लें.
जय सिंह रावत,वरिष्ठ पत्रकार

Uttarakhand cabinet meeting
उत्तराखंड कैबिनेट की बैठक में लिया गया अहम फैसला (Photo-ETV Bharat)

एनडी तिवारी सरकार में भी हुए प्रयास: जय सिंह रावत ने कहा कि जब एक रेगुलेटरी अथॉरिटी की जरूरत थी तो फिर राज्य सरकार ने पूर्व में बनाए गए देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड को भंग क्यों किया? हालांकि त्रिवेंद्र सरकार की ओर से बनाया गया देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड भले ही अव्यावहारिक था, लेकिन राज्य सरकार उसको व्यावहारिक बना सकती थी. साथ ही बताया कि एनडी तिवारी सरकार के दौरान भी चारधाम परिषद गठन किए जाने का प्रस्ताव तैयार किया गया था, लेकिन उस दौरान चारधाम के पांडा पुरोहितों ने इसका विरोध किया था, जिसके चलते चारधाम परिषद गठन का मामला उस दौरान आगे नहीं बढ़ पाया.

मंत्रिमंडल की बैठक में लगी मुहर: लेकिन त्रिवेंद्र सरकार ने एक कदम आगे बढ़ते हुए देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड को लागू कर दिया था, जिसे धामी सरकार ने जनभावनाओं को देखते हुए निरस्त कर दिया था, लेकिन एक बार फिर उसी राह पर धामी सरकार आगे बढ़ चली है. दरअसल, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में शुक्रवार यानी 16 मई को मंत्रिमंडल की बैठक की गई. बैठक के दौरान धामी मंत्रिमंडल ने धर्मस्व एवं तीर्थाटन परिषद के गठन को मंजूरी दे दी है.

पढ़ें-उत्तराखंड में धार्मिक यात्राओं के लिए धर्मस्व एवं तीर्थाटन परिषद के गठन को मिली मंजूरी, लंबे समय से चल रहा था विचार

पढ़ें: उत्तराखंड में होगा योग महाकुंभ का भव्य समागम, ग्राउंड पर उतरेगी YOGA पॉलिसी, जानिये कैसी हैं तैयारियां

Last Updated : May 18, 2025 at 2:59 PM IST
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