चंडीगढ़: हरियाणा चुनाव दलबदलुओं के लिए मिलाजुला परिणाम लेकर आया है. कुछ को जीत नहीं मिल पाई, लेकिन कुछ भाग्यशाली भी रहे हैं. भाग्यशाली लोगों में राम कुमार गौतम शामिल हैं, जो नारनौंद से जेजेपी के मौजूदा विधायक थे और विधानसभा चुनाव से कुछ सप्ताह पहले ही भाजपा में शामिल हुए थे. भाजपा ने गौतम (78) को सफीदों से टिकट दिया था, जिन्हें दादा गौतम के नाम से जाना जाता है और उन्होंने कांग्रेस के सुभाष गंगोली को हराकर जीत दर्ज की.
हरियाणा में दलबदलुओं का प्रदर्शन: शाहाबाद से कांग्रेस के राम करण ने भाजपा के सुभाष चंद को हराया. रामकरण चुनाव से पहले जेजेपी से कांग्रेस में शामिल हुए थे. जीत का स्वाद चखने वाले एक और दलबदलू श्याम सिंह राणा हैं, जो इनेलो से भाजपा में शामिल हुए थे. उन्होंने रादौर से कांग्रेस के बिशन लाल सैनी को हराया. इस लिस्ट में तोशाम से श्रुति चौधरी हैं. जो कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुई और चचेरे भाई अनिरुद्ध चौधरी को हराया.
इन दलबदलुओं की हुई हार: कुछ ऐसे भी थे जिन्हें दल बदलने से चुनावी सफलता नहीं मिली. बृजेंद्र सिंह भाजपा से कांग्रेस में शामिल हुए. वे उचाना कलां से भाजपा के देवेंद्र अत्री से 32 वोटों के मामूली अंतर से हार गए. दलबदलुओं में जेजेपी के वे नेता भी शामिल हैं. जो दूसरी पार्टियों में चले गए थे. चुनाव से कुछ समय पहले जेजेपी छोड़कर भाजपा में शामिल हुए देवेंद्र सिंह बबली को टोहाना से कांग्रेस के परमवीर सिंह ने हराया.
बीजेपी रही भारी: जेजेपी से भाजपा में शामिल होने वाले एक अन्य नेता अनूप धानक थे. उन्हें उकलाना से कांग्रेस के नरेश सेलवाल ने हराया. बता दें कि बीजेपी ने 10 तो कांग्रेस ने 4 दलबदलुओं को टिकट दी थी. जिनमें से बीजेपी के सात और कांग्रेस के दो दलबदलू नेता जीते हैं. टिकट वितरण से पहले पूर्व मंत्री विनोद शर्मा की पत्नी और अंबाला मेयर शक्ति रानी शर्मा और राजेंद्र देसूजोधा बीजेपी में शामिल हुए. शक्ति रानी कालका से जीतीं तो राजेंद्र कालांवाली में चुनाव हारे.
आप पार्टी और जेजेपी को झटका: सोनीपत में मेयर निखिल मदान कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए और सोनीपत से चुनाव जीते. टिकट वितरण से पहले पूर्व विधायक लक्ष्मण दास के नाती गोकुल सेतिया, निर्दलीय पूर्व विधायक धर्मपाल गोंदर कांग्रेस में आए थे. इनमें से गोकुल जीते. हरियाणा में 5 अक्टूबर 2024 को मतदान हुआ और 8 अक्तूबर को नतीजे आए. हरियाणा में बीजेपी को 48, कांग्रेस को 31, इनेलो को दो और तीन सीट निर्दलीयों को मिली. जबकि जेजेपी और आप पार्टियों का सफाया हो गया.
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