नई दिल्ली/नोएडा: दिल्ली एनसीआर में इन दिनों भीषण गर्मी पड़ रही है. गर्मी के कारण बच्चों को कई तरह की बीमारी हो जाती है. बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अर्पित गुप्ता ने कहा कि अभी तापमान 40 डिग्री से अधिक है, ऐसी स्थिति में बच्चों के पाचन क्रिया कमजोर हो जाती है और ऐसे में बच्चों में डायरिया की शिकायत काफी देखने को मिलताी है.
धूप में बच्चों को लेकर न निकालें बाहर : डॉक्टर अर्पित गुप्ता का कहना है कि गर्मी के मौसम में बच्चों को घर से बाहर सिर्फ सुबह और शाम के वक्त ही निकालें. गर्मी में बच्चों को अधिक से अधिक घर में रखें. इस समय सबसे अधिक डायरिया से प्रभावित बच्चे सामने आ रहे हैं. ऐसे में उनके खान-पान का और कपड़े मौसम के हिसाब से पहनाएं तभी बच्चे सुरक्षित रह सकते हैं. जरा सी लापरवाही इस गर्मी में आपके बच्चे को बीमार कर सकती है. उन्होंने कहा कि कोई भी ऐसी चीज बच्चों को ना खिलाए जो मौसम के विपरीत हो, क्योंकि ऐसे मौसम में बच्चों को बीमारी बहुत जल्द अपने चपेट में लेती है.
गर्मी के मौसम में बच्चों को ना दें पैकेट बंद फूड : बाल रोग विशेषज्ञ ने बताया कि गर्मी के मौसम में खासतौर से इस समय जब तापमान काफी अधिक बढ़ गया है, ऐसे में खाना जल्दी खराब हो जाता है, इसलिए बच्चों को हमेशा ताजा खाना दें और ऐसा खाना दें जो जल्दी बन जाए. अनहेल्दी खाना और बासी खाना देने से बच्चों को उल्टी दस्त सहित अन्य बीमारियां हो जाएगी. इससे अगर बचाना है तो उनके खाने पर विशेष ध्यान दें.
बच्चों को 8 से 10 बार पानी पिलाएं: वहीं गर्मी के मौसम में बच्चों को ज्यादा से ज्यादा पानी पिलाएं, साथ ही बच्चों के अंदर ताकत आए ऐसे पे पदार्थ को दें. पानी बच्चों को कम से कम 8 से 10 बार जरूर पिलाएं. उन्होंने बताया कि इस मौसम में बच्चों के शरीर पर अक्सर दाने निकल जाते हैं, जो उनकी त्वचा के लिए काफी हानिकारक होते हैं और यह दाने गर्मी के चलते निकलते हैं. ऐसी स्थिति में बच्चों को धूप से बचाए और उन्हें सूती कपड़े पहन कर ही बाहर ले जाएं.

बच्चों को दोपहर की धूप से बचाएं : इस बदलते मौसम में अपने बच्चों का कैसे रखे धान इस संबंध में बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अर्पित गुप्ता ने बताया कि बच्चों को कभी भी कड़ाके की धूप में कहीं लेकर न जाए. जब भी बच्चों को घर से बाहर ले जाएं सुबह और शाम ले जाएं, उनके स्वास्थ्य को बेहतर रखना है तो जिंक फूड छोड़कर मौसमी फल और ताजा भोजन दे, ताकि उनकी भोजन की पाचन क्रिया जल्द पूरी हो और डायरिया जैसी बीमारी से उनको बचाया जा सके.
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