करनाल: हरियाणा में बड़े स्तर पर पशुपालन किया जाता है. बहुत से परिवारों की रोजी रोटी पशुपालन से ही चल रही है. वो पशुओं का दूध बेचकर उससे पैसे कमाते हैं और अपने परिवार का पालन पोषण करते हैं. लेकिन पिछले कुछ दिनों से हरियाणा में गर्मी के साथ हीट वेव का दौर जारी हो गया है. गर्मी का असर सभी पशुओं पर भी पड़ता है, लेकिन दूध देने वाले पशु पर इसका ज्यादा प्रभाव पड़ता है. हीट वेव से पशु का दूध उत्पादन कम हो जाता है. आइए जानते हैं कि हीट वेव से पशुओं का बचाव कैसे करें और कैसे प्रबंध करें.
गर्मी से कैसे करें बचाव : पशु चिकित्सा करनाल के डॉक्टर तरसेम राणा ने बताया कि पिछले कई दिनों से हरियाणा में गर्मी का प्रकोप देखने को मिल रहा है. हीट वेव भी चलनी शुरू हो गई है. ऐसे में पशुओं के लिए उचित प्रबंध करना काफी जरूरी हो जाता है, क्योंकि इससे उनके दूध उत्पादन पर प्रभाव पड़ता है.
- उन्होंने बताया कि गर्मी में पशुओं को खुले हवादार स्थान पर बांधे.
- दोपहर में जिस समय हीट वेव चलती है, ध्यान रखें कि पशुओं पर सीधी हवा आकर नहीं लगे.
- पशुओं को छांव वाले स्थान पर बांधे.
- पशुओं को सुबह जल्दी और शाम को जरूर नहलाएं.
- हो सके तो पशुओं के पास पंखे या कुलर की भी व्यवस्था करें.
- पशुओं के बाड़े में हवा के क्रॉसिंग का प्रबंध जरूर हो.
- गर्मी में पशुओं को पीने का ठंडा पानी देना चाहिए. गर्म पानी पशु को भूलकर भी नहीं पिलाए. वरना इससे पशु बीमार हो सकते हैं.
- पशुओं के छोटे बच्चों को समय-समय पर पानी पिलाते रहना चाहिए, जिससे उनमें गर्मी का असर कम हो.
- पशुओं को गर्मी में हरा चारा खाने में जरूर दें, इसमें 75 प्रतिशत हरा चारा और 25 प्रतिशत सूखे चारे का प्रयोग करें.
- गर्मी में हरे चारे की काफी समस्या रहती है, इसलिए आजकल जो लोग पशुपालन करते हैं, वो चाट का भी प्रयोग करते हैं. चाट से हरे चारे वाले सभी पोषक तत्व मिल जाते है.

गर्मी लगने से दूध उत्पादन हो जाता है 50% कम : पशु चिकित्सक ने बताया कि हीट वेव चलने के दौरान सबसे ज्यादा इसका असर पशुओं के छोटे बच्चों पर और बूढ़े पशुओं पर पड़ता है. दूध देने वाले पशु पर इसका काफी प्रभाव देखने को मिलता है. इसलिए उसके लिए उचित प्रबंध जरूर करें. अगर समय रहते उनको गर्मी से ना बचाया गया तो दूध उत्पादन में 50% तक की गिरावट हो जाती है. गर्मी के चलते कई बार पशुओं के छोटे बच्चों की मौत भी हो जाती है. इसलिए गर्मी से पशुओं की देखभाल अच्छे तरीके से करें और उनका बचाव करें.

पशुओं में गर्मी के लक्षण : गर्मी के दिनों में पशुओं में गर्मी लगने के कुछ लक्षण होते हैं, जिसके चलते पशुपालक अपने पशु में गर्मी लगने का पता लगा सकता है.
गर्मी लगने से पशु का गोबर पतला हो जाता है. |
पशु को भूख कम लगती है. |
पशु के शरीर के तापमान में वृद्धि होती है. |
दुधारू पशुओं का दूध उत्पादन में गिरावट हो जाती है. |
पशुओं को सांस लेने में परेशानी होती है. |
मुंह से लार गिरती है. सुस्ती आती है. |

अगर इस प्रकार के लक्षण दिखाई देते हैं तो तुरंत पशु चिकित्सक से संपर्क करें और उसका उचित इलाज करवाएं.
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