जशपुर: मानसून की देरी और मौसम के उतार-चढ़ाव ने लोगों की सेहत पर असर डालना शुरू कर दिया है. भीषण गर्मी और उमस ने आम जनजीवन को बेहाल कर दिया है. दिनभर चिपचिपी गर्मी, बहता पसीना और रात में ठंडी हवा की आस अब एक आम चर्चा का विषय बन चुकी है. मौसम की इस अनिश्चितता ने लोगों की सेहत पर भी सीधा वार किया है.
ओपीडी में हर दिन 300 से ज़्यादा मरीज : जिला अस्पताल के सीएमएचओ डॉ. जी.के. जात्रा के अनुसार इन दिनों अस्पताल की ओपीडी में प्रतिदिन 300 से अधिक मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे हैं. इनमें सर्दी, खांसी, बुखार, सिरदर्द, उल्टी-दस्त जैसे लक्षण वाले मरीजों की संख्या अधिक है. डॉ. जात्रा का कहना है कि गर्मी और उमस के कारण लोगों को अत्यधिक बैचेनी और कमजोरी महसूस हो रही है. कूलर, पंखा और एसी के प्रयोग के साथ व्यक्तिगत स्वच्छता बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है.

मानसून की पहली बारिश जल स्रोतों को दूषित कर सकती है, जिससे हैजा, टाइफाइड, डायरिया जैसी बीमारियां फैलने का खतरा रहता है.इसलिए पानी को छानकर या उबालकर ही पिएं,खुले में रखे खाद्य पदार्थ न खाएं,घर के आसपास गंदा पानी या जल जमाव न होने दें.बारिश के साथ मच्छरजनित बीमारियों का भी खतरा बढ़ जाता है। विशेष रूप से डेंगू और मलेरिया का संक्रमण फैल सकता है- डॉ जीके जात्रा,सीएमएचओ
बारिश के मौसम में क्या बरतें सावधानी
घर और आसपास पानी जमा न होने दें.
मच्छरदानी का उपयोग करें.
शरीर को पूरी तरह ढंकने वाले वस्त्र पहनें.
समय-समय पर घरों में कीटनाशक छिड़काव करें.
खुद को रखे हाईड्रेट
1. भरपूर पानी पिएं, डिहाइड्रेशन से बचें.
2. हल्का एवं सुपाच्य भोजन करें.
3. रोज नहाएं और स्वच्छ कपड़े पहनें.
4. दोपहर में धूप से बचें, आवश्यक हो तभी बाहर जाएं.
5. बीमार महसूस होते ही तुरंत चिकित्सकीय सलाह लें.
आपको बता दें कि गर्मी, उमस और बदलते मौसम ने ना केवल लोगों की दिनचर्या को अस्त-व्यस्त किया है.बल्कि स्वास्थ्य को भी प्रभावित किया है. ऐसे समय में सजग रहकर, डॉक्टरों की सलाह मानते हुए और साफ-सफाई का ध्यान रखते हुए ही इन बीमारियों से बचा जा सकता है.

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